मानक व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा उत्पाद पर दिशानिर्देशों पर पूछे गए प्रश्न: सरल सुरक्षा बीमा

FAQs


सभी साधारण और स्टैंड-अलोन स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं के लिए 1 अप्रैल 2021 से मानक वैयक्तिक दुर्घटना बीमा उत्पाद “सरल सुरक्षा बीमा” प्रस्तावित करना अनिवार्य (मैंडेटरी) कर दिया गया है। 


प्रवेश के समय न्यूनतम आयु 18 वर्ष है और प्रवेश के समय अधिकतम आयु कम से कम 70 वर्ष है। आश्रित बच्चे / बच्चों को 3 महीने से लेकर 25 वर्ष की आयु तक कवर किया जाएगा।


हाँ। “सरल सुरक्षा बीमा” किसी परिवार के द्वारा वैयक्तिक आधार पर प्राप्त की जा सकती है जिसका मतलब है कि चयन की गई बीमित राशि परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए अलग-अलग लागू होगी। परिवार के अंतर्गत प्रस्तावक तथा नीचे उल्लिखित रूप में कोई एक अथवा उससे अधिक सदस्य शामिल हैं :
i.    कानूनी तौर पर विवाहित पत्नी/पति।
ii.    माता-पिता और सास-ससुर।
iii.    आश्रित बच्चे (अर्थात् स्वाभाविक और कानूनी तौर पर गोद लिये गये) जो 3 महीने से 25 वर्ष के बीच की आयु के हैं। यदि 18 वर्ष से अधिक आयु का बच्चा वित्तीय रूप से स्वतंत्र है, तो परवर्ती नवीकरणों में कवरेज के लिए वह अपात्र होगा/होगी। 


“सरल सुरक्षा बीमा” की पालिसी अवधि एक वर्ष है।


पालिसी के तीन आधार कवर हैं जो अधिदेशात्मक (मैंडेटरी) कवर हैं तथा तीन वैकल्पिक कवर हैं जिनका चयन पालिसीधारक द्वारा आवश्यकता के आधार पर किया जा सकता है। ये कवर नीचे सूचीबद्ध हैं : 
आधार कवरः
क)    मृत्यु
ख)    स्थायी संपूर्ण निर्योग्यता
ग)    स्थायी आंशिक निर्योग्यता
वैकल्पिक कवरः
क)    अस्थायी संपूर्ण निर्योग्यता
ख)    दुर्घटना के कारण अस्पताल में भर्ती के व्यय
ग)    शैक्षिक अनुदान


पालिसी अवधि के दौरान किसी दुर्घटना में पहुँची क्षति के कारण बीमित व्यक्ति की मृत्यु होने पर बीमित राशि के 100% के समान लाभ देय है, बशर्ते कि बीमित व्यक्ति की मृत्यु दुर्घटना की तारीख से 12 महीने के अंदर होती हो।


यदि बीमित व्यक्ति नीचे विनिर्दिष्ट स्वरूप की स्थायी संपूर्ण निर्योग्यता प्राप्त करता हो, तो बीमित राशि का 100% समकक्ष लाभ देय है, बशर्ते कि उक्त स्थायी संपूर्ण निर्योग्यता दुर्घटना की तारीख से 12 महीने के अंदर घटित होती हो और वह दुर्घटना के परिणामस्वरूप हो।
क)    दोनों आँखों की दृष्टि की संपूर्ण और अचिकित्स्य हानि अथवा
ख)    दोनों हाथों अथवा पैरों के उपयोग का भौतिक पृथक्करण (सेपरेशन) अथवा हानि  अथवा
ग)    एक हाथ और एक पैर के उपयोग का भौतिक पृथक्करण (सेपरेशन) अथवा हानि अथवा 
घ)    एक आँख की दृष्टि की हानि तथा हाथ अथवा पैर के उपयोग का भौतिक पृथक्करण (सेपरेशन) अथवा हानि
ङ)    यदि ऐसी क्षति के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में बीमित व्यक्ति स्थायी तौर पर और संपूर्ण रूप से किसी भी प्रकार के रोजगार अथवा व्यवसाय में नियुक्त किये जाने के लिए निर्योग्य हो जाता है।

 


दुर्घटना की तारीख से 12 महीने के अंदर यदि बीमित व्यक्ति पालिसी की शर्तों में विनिर्दिष्ट स्वरूप की आंशिक निर्योग्यता प्राप्त करता है जो दुर्घटना के कारण है, तो इस प्रकार की स्थायी आंशिक निर्योग्यता के लिए बीमित राशि का यथाप्रयोज्य प्रतिशत देय है। 

स्थायी आंशिक निर्योग्यता कवर के लिए लागू लाभ सारणी निम्नलिखित है।

कवर की गई हानि

बीमित राशि का प्रतिशत

1,

उपयोग की हानि/ भौतिक पृथक्करणः

एक पूरा हाथ

एक पूरा पैर

एक आँख की दृष्टि की हानि

पैर की उंगलियाँ – सब

पैरों के दोनों अंगूठे

पैर का एक अंगूठा

पैर के अंगूठे को छोड़कर यदि एक से अधिक उंगलियों की हानि होती है

50%

50%

50%

20%

5%

2%

1%

2.

दोनों कानों के उपयोग की हानि

50%

3.

एक कान के उपयोग की हानि

20%

4.

एक हाथ की चार उंगलियों और अंगूठे की हानि

40%

5.

चार उंगलियों की हानि

35%

6.

अंगूठे की हानि

  • अंगूठे की दोनों हड्डियाँ
  • अंगूठे की एक हड्डी

25%

10%

7.

तर्जनी की हानि

  • तर्जनी की तीन हड्डियाँ
  • तर्जनी की दो हड्डियाँ
  • तर्जनी की एक हड्डी

10%

8%

4%

8.

मध्यमा उंगली की हानि

  • मध्यमा की तीन हड्डियाँ
  • मध्यमा की दो हड्डियाँ
  • मध्यमा की एक हड्डी

6%

4%

2%

9.

अनामिका की हानि

  • अनामिका की तीन हड्डियाँ
  • अनामिका की दो हड्डियाँ
  • अनामिका की एक हड्डी

5%

4%

2%

10.

कनिष्ठिका (छोटी उंगली) की हानि

  • कनिष्ठिका की तीन हड्डियाँ
  • कनिष्ठिका की दो हड्डियाँ
  • कनिष्ठिका की एक हड्डी

4%

3%

2%

11.

हाथ की हथेली की हानि

  • पहली या दूसरी (अतिरिक्त)
  • तीसरी, चौथी या पाँचवीं (अतिरिक्त)

3%

2%

12.

कोई अन्य स्थायी आंशिक निर्योग्यता

प्रतिशत जैसा कि स्वतंत्र चिकित्सक द्वारा निर्धारित किया जाए

 

 

यदि बीमित व्यक्ति दुर्घटना के कारण किसी रोजगार अथवा व्यवसाय में नियुक्त किये जाने के लिए पूर्णतः अक्षम हो जाता है, तो यह कवर बीमित व्यक्ति को बीमित आधार राशि के 0.2% प्रति सप्ताह की दर से क्षतिपूर्ति करता है। इस कवर के अंतर्गत देय लाभ के लिए निर्योग्यता की न्यूनतम अवधि चार सप्ताह होगी। न्यूनतम चार सप्ताह के समाप्त होने के बाद पालिसीधारक उक्त लाभ के लिए अस्थायी निर्योग्यता की तारीख से हकदार है।

 

इस कवर के अंतर्गत दुर्घटना के कारण उत्पन्न होनेवाले अस्पताल में भर्ती के व्यय बीमित आधार राशि के 10% की सीमा तक देय होंगे। कृत्रिम अंगों और अन्य साधनों अथवा उपकरणों, यदि शल्यचिकित्सीय प्रक्रिया के दौरान आंतरिक रूप से आरोपित किये गये हों, की लागत सहित अस्पताल में भर्ती से संबंधित व्यय इस वैकल्पिक कवर के अंतर्गत कवर किये जाते हैं। इसके अलावा, क्षति के कारण आवश्यक होनेवाली दंत चिकित्सा, प्लास्टिक सर्जरी और सभी डे-केयर चिकित्साओं से संबंधित व्यय इस पालिसी के अंतर्गत कवर किये जाते हैं।    

यदि दुर्घटना के कारण बीमित व्यक्ति की मृत्यु होती है अथवा वह स्थायी संपूर्ण निर्योग्यता से युक्त हो जाता है, तो बीमित व्यक्ति के सभी आश्रित बच्चों को बीमित आधार राशि के 10% प्रति बच्चे का एक एकबारगी (वनटाइम) शैक्षिक अनुदान देय होगा, यदिः

  • आश्रित बच्चा/ बच्चे किसी शैक्षिक संस्थान में एक पूर्णकालिक छात्र के रूप में शैक्षिक पाठ्यक्रम का अध्ययन कर रहा हो/ रहे हों।
  • बच्चे अथवा बच्चों की आयु 25 पूर्ण वर्षों से अधिक नहीं हो।

 

बीमित व्यक्ति की मृत्यु होने अथवा 100% बीमित राशि का भुगतान किये जाने पर यह पालिसी अपने आप समाप्त होती है। तथापि, कवर शेष बीमित व्यक्तियों के लिए पालिसी अवधि के अंत तक जारी रहेगा।

उपलब्ध न्यूनतम बीमित राशि रु. 2.5 लाख है तथा अधिकतम सीमा रु. 1 करोड़ है। पालिसीधारक इन सीमाओं के अंदर पचास हजार के गुणजों में कोई भी बीमित राशि चुन सकता है।

हाँ। संचयी बोनस केवल आधार कवर के संबंध में लागू है। बीमित राशि (संचयी बोनस को छोड़कर) प्रत्येक दावारहित पालिसी वर्ष के संबंध में बीमित राशि के अधिकतम 50% के अधीन, बीमित राशि के 5% से बढ़ाई जाएगी, बशर्ते कि पालिसी का नवीकरण किसी क्रमभंग के बिना किया जाए। किसी विशिष्ट वर्ष में यदि कोई दावा किया जाता है, तो उपचित संचयी बोनस उसी दर से घटाया जाएगा, जिस दर से वह उपचित रहा हो।

 

संचयी बोनस से आशय प्रीमियम में किसी संबद्ध वृद्धि के बिना बीमाकर्ता द्वारा प्रदत्त बीमित राशि में वृद्धि अथवा परिवर्धन से है।  संचयी बोनस की गणना का उदाहरण नीचे दिया गया हैः

उदाहरणः

यदि श्री ‘ए’ ने एक लाख रुपये की बीमित राशि के साथ एक बीमा योजना खरीदी है तथा उसने पहले पालिसी वर्ष में कोई दावा दर्ज नहीं किया है, तो नवीकरण के समय वह 5% का संचयी बोनस प्राप्त करेगा। इस प्रकार, अगले वर्ष के लिए उसकी कुल बीमित राशि रु. 1,05,000/- (एक लाख रुपये की बीमित आधार राशि + पाँच हजार रुपये का संचयी बोनस) होगी। इसी प्रकार, दूसरे वर्ष में यदि वह कोई दावा दर्ज नहीं करता, तो वह बीमित आधार राशि के 5% का संचयी बोनस प्राप्त करता है ताकि बीमित राशि रु. 1,10,000/- (एक लाख रुपये की बीमित आधार राशि + दस हजार रुपये का संचित बोनस) तक बढ़ाया जा सके। उक्त बोनस बीमित राशि के 50% तक बढ़ सकता है, अर्थात् श्री क रु. 50,000 का संचयी बोनस उपचित कर सकता है (1,50,000/- का कुल कवरेज), यदि वह दस वर्ष के लिए कोई दावा नहीं करता। अतः दस वर्ष के अंत में उसके लिए उपलब्ध बीमित राशि रु. 1,50,000/- (रु. 1,00,000/- की बीमित आधार राशि और रु. 50,000/- का संचयी बोनस) है।

यह मानते हुए कि ग्यारहवें वर्ष में एक दावा किया गया है (मृत्यु और स्थायी संपूर्ण निर्योग्यता के लिए छोड़कर जहाँ 100% बीमित राशि देय है), उक्त संचयी बोनस उस दर पर घटाया जाएगा, जिस दर पर वह उपचित हुआ है। इस मामले में, चूँकि उपचय की दर बीमित आधार राशि का 5%  अर्थात् रु. 5000/- प्रति वर्ष है, अतः संचयी बोनस रु. 5000/- घटाया जाता है।

 

पालिसीधारक प्रीमियम का भुगतान वार्षिक, छमाही, तिमाही और मासिक आधार पर कर सकता है।

 

वार्षिक भुगतान की पद्धति के लिए 30 दिन की एक नियत अवधि अनुग्रह अवधि के रूप में अनुमत है तथा भुगतान की अन्य सभी पद्धतियों के लिए अनुग्रह अवधि के रूप में 15 दिन की एक नियत अवधि की अनुमति दी जाती है।

संपूर्ण विवरण आईआरडीएआई वेबसाइट www.irdai.gov.in (Home>> Insurers>> Health>>Guidelines) में उपलब्ध है। इसके लिए लिंक नीचे दिया गया हैः

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आप उक्त उत्पाद प्रस्तावित करनेवाले बीमाकर्ताओं में से किसी से भी संपर्क कर सकते हैं। सभी साधारण और स्वास्थ्य बीमाकर्ता अधिदेशात्मक (मैंडेटरी) रूप से उक्त उत्पाद का आनलाइन विक्रय करेंगे।