कर्तव्य और उत्तरदायित्व

आईआरडीएआई के कर्तव्य, शक्तियाँ और क्रियाकलाप

आईआरडीएआई अधिनियम, 1999 की धारा 14 में शामिल आईआरडीएआई के कर्तव्य, शक्तियाँ और क्रियाकलाप

इस अधिनियम के प्रावधानों के अधीन रहते हुए और वर्तमान में लागू किसी भी कानून के अनुसार, प्राधिकरण का कर्तव्य होगा कि वह बीमा कारोबार और पुनर्बीमा कारोबार नियमन, प्रोन्नति और नियमित वृद्धि को बढ़ावा देना सुनिश्चित करे।

उप-धारा (1) में निहित प्रावधानों की व्यापकता के प्रति पूर्वाग्रह के बिना, प्राधिकरण के अधिकार और क्रियाकलापों में निम्नलिखित मदें शामिल होंगी -

Insurance

बीमा कंपनियों को प्रमाणित

Insurance

पॉलिसी धारकों के हितों की रक्षा

Insurance

विवादों का न्यायनिर्णयन

  • आवेदक को पंजीकरण का प्रमाणपत्र जारी करना, नवीकरण करना, संशोधित करना, वापस लेना, अथवा ऐसे पंजीकरणों को निलंबित करना या रद्द करना ।
  • पॉलिसी के समनुदेशन से संबंधित मामलों में पॉलिसी धारकों के हितों की रक्षा करना, पॉलिसीधारकों द्वारा नामांकन, बीमा योग्य ब्याज, बीमा दावों का निपटान, पॉलिसी के समर्पण मूल्य और बीमा के अनुबंध के अन्य नियम और शर्तों की रक्षा;
  • अपेक्षित योग्यताओं का निर्धारण, मध्यस्थों या बीमा कारोबार मध्यस्थों और एजेंटों के लिए आचार संहिता और व्यावहारिक प्रशिक्षण निर्दिष्ट करना;
  • सर्वेक्षकों और हानि मूल्यांकनकर्ताओं के लिए आचार संहिता का निर्धारण करना;

पदोन्नति और विनियमन:

  • बीमा व्यवसाय के संचालन में दक्षता को बढ़ावा देना;
  • बीमा कारोबार और पुनर्बीमा कारोबार से जुड़े पेशेवर संगठनों को बढ़ावा देना और उनका विनियमन;
  • इस अधिनियम के प्रयोजनों को पूरा करने के लिए शुल्क और अन्य शुल्क लगाना;
  • मध्यस्थों, बीमा मध्यस्थों और बीमा कारोबार से संबद्ध अन्य संस्थाओं से जानकारियाँ लेना, निरीक्षण करना, बीमाधारकों संबंधी लेखा-परीक्षा सहित पूछताछ और जांच कार्य आयोजित करना ;
  • बीमा अधिनियम, 1938 (1938 का 4) की धारा 64 यू के अधीन टैरिफ सलाहकार समिति द्वारा नियंत्रित और नियमित मामलों से इतर, सामान्य बीमा कारोबार के संबंध में, बीमा कंपनियों द्वारा प्रस्तावित दरों, फायदों, निबंधनों और शर्तों का नियंत्रण और विनियमन;
  • लेखा पुस्तकों के अनुरक्षण की शैली और तरीकों को और बीमा कंपनियों और अन्य बीमा मध्यस्थों द्वारा खातों का विवरण किस प्रकार से प्रस्तुत किया जाएगा इसे निर्धारित करना;
  • बीमा कंपनियों द्वारा धन के निवेश को विनियमित करना;
  • शोधन क्षमता के मार्जिन के रखरखाव का विनियमन करना;

अन्य कर्तव्य:

  • बीमा कंपनियों और मध्यस्थों या बीमा मध्यस्थों के बीच विवादों का निर्णय;
  • टैरिफ सलाहकार समिति के कामकाज की निगरानी;
  • खंड (एफ) में निर्दिष्ट पेशेवर संगठनों को बढ़ावा देने और उनका विनियमन करने के लिए वित्त-योजनाओं के मुक़ाबले बीमाकर्ता की प्रीमियम आय की प्रतिशतता का निर्धारण करना;
  • ग्रामीण अथवा सामाजिक क्षेत्र में बीमा कंपनी द्वारा किए जाने वाले जीवन बीमा कारोबार और सामान्य बीमा कारोबार का प्रतिशत निर्धारित करना; तथा
  • ऐसी अन्य शक्तियों का प्रयोग करना जिसे कि निर्धारित किया जा सकता है।

संदर्भ सं.: आईआरडीए/जीइएन/03/2007| दिनांक: 02-01-2007

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Published Date: 02-08-2021

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