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प्राधिकरण ने समय-समय पर पॉलिसीधारकों की अदावी राशियों के संबंध में विभिन्न निदेश जारी किये हैं। पहले के सभी निदेशों को अब समेकित किया जा रहा है तथा एक मास्टर परिपत्र के रूप में जारी किया जा रहा है जो इसके साथ संलग्न है।
भारत सरकार ने वित्त अधिनियम, 2015 के एक भाग के रूप में वरिष्ठ नागरिक कल्याण निधि अधिनियम, 2015 (एससीडब्ल्यूएफ) बनाया है जो 10 वर्ष की अवधि के बाद उक्त निधि (एससीडब्ल्यूएफ) में पॉलिसीधारकों की अदावी राशियों के अंतरण को अधिदेशात्मक (मैंडेटरी) बनाता है। उसने एससीडब्ल्यूएफ के अंतर्गत नियमों का एक सेट भी अधिसूचित किया है जो उन संस्थाओं को विनिर्दिष्ट करता है जिनके लिए उक्त निधि में उक्त निधियों का अंतरण करना और उक्त निधि का प्रबंध करना अपेक्षित है। उक्त एससीडब्ल्यूएफ अधिनियम और उसके अंतर्गत अधिसूचित नियमों को ध्यान में रखते हुए यह मास्टर परिपत्र अनुपालन में अभिसरण (कन्वर्जेन्स) के लिए भी व्यवस्था करता है।
उन सभी बीमाकर्ताओं के लिए, जिनके पास 30 सितंबर 2017 की स्थिति के अनुसार 10 वर्ष से अधिक अवधि के लिए पॉलिसीधारकों की अदावी राशियाँ हैं, उन्हें वरिष्ठ नागरिक कल्याण निधि (एससीडब्ल्यूएफ) में 1 मार्च 2018 को अथवा उससे पहले अंतरित करने की आवश्यकता है। बीमाकर्ताओं के लिए उक्त खाते का विवरण तथा अदावी राशियों का अंतरण करने के लिए अपेक्षित तरीके का ब्योरा वित्तीय सेवाएँ विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त करना आवश्यक होगा। तदुपरांत उक्त एससीडब्ल्यूएफ नियम, 2016 (प्रतिलिपि संलग्न) में निर्धारित क्रियाविधि का अनुसरण पॉलिसीधारकों की आदावी राशियों के अंतरण के संबंध में किया जाएगा।
(डॉ. ममता सूरी)
मुख्य महाप्रबंधक एवं विभाग-प्रमुख-एफएण्डए