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परिपत्र सं.:आईआरडीए/एसीटी/सीआईआर/एसएलएम/220/08/2020 दिनांकः26-08-2020
Cir. No : IRDA/ACT/CIR/SLM/220/08/2020 Date:26-08-2020
प्रति / To,
सभी गैर-जीवन बीमा कंपनियों के सीईओ/सीएमडी
एवं पंजीकृत भारतीय पुनर्बीमाकर्ता, विदेशी पुनर्बीमा शाखा कार्यालयों सहित।
CEOs/CMDs of all Non-Life Insurance Companies
and Registered Indian Reinsurers including Foreign Reinsurance Branch Offices.
विषयः फ़सल बीमा व्यवसाय के लिए शोधक्षमता मार्जिन
Sub: Solvency Margin for Crop Insurance business
- यह परिपत्र बीमा अधिनियम, 1938 की धारा 34(1) के साथ पठित आईआरडीए अधिनियम, 1999 की धारा 14(2)(ङ) के अंतर्गत निहित शक्ति के अनुसार जारी किया जाता है।
This circular is issued in accordance with the power vested under section 14(2)(e) of the IRDA Act, 1999 read with section 34(1) of the Insurance Act, 1938.
- परिपत्र सं. आईआरडीएआई/एसीटी/सीआईआर/एसएलएम/066/03/2017 दिनांक 28 मार्च 2017 की ओर ध्यान आकर्षित किया जाता है।
Reference is drawn to the Circular No. IRDA/ACT/CIR/SLM/066/03/2017 dated 28th March, 2017.
- पैरा-6.1 का उपबंध निम्नानुसार संशोधित किया जाता हैः
The provision of Para-6.1.1is revised as under:
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- वित्तीय वर्ष 2020-21 की तिमाही1 और तिमाही2 के लिए राज्य / केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं से संबंधित प्रीमियम की प्राप्य राशियाँ एक वर्ष की अवधि के अंदर उनकी वसूली न होने की सीमा तक मूल्य शून्य के साथ रखी जानी चाहिए।
Premium receivables related to State / Central Government sponsored schemes for the Q1 and Q2 of the FY 2020-21 to the extent they are not realized within a period of one year should be placed with value zero.
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- वित्तीय वर्ष 2020-21 की तिमाही3 और तिमाही4 के लिए राज्य / केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओँ से संबंधित प्रीमियम की प्राप्य राशियाँ 270 दिन की अवधि के अंदर वसूल न होने की सीमा तक मूल्य शून्य के साथ रखी जानी चाहिए।
Premium receivables related to State / Central Government sponsored schemes for the Q3 and Q4 of the FY 2020-21 to the extent they are not realized within a period of 270 days should be placed with value zero.
- पैरा-6.2, पैरा-6.3 और पैरा-6.3.1 के उपबंध एक और वित्तीय वर्ष, अर्थात् 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक की अवधि के लिए प्रभावी रहेंगे तथा स्थिति की समीक्षा तदनुसार की जाएगी।
The provisions of Para-6.2, Para-6.3 and Para-6.3.1 shall remain effective for one more financial year, that is, for the period from 1st April, 2020 up to 31st March, 2021 and the situation will be reviewed accordingly.
- यह परिपत्र 1 अप्रैल 2020 से लागू होगा।
This Circular comes into force with effect from 1st April, 2020.
- यह सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से जारी किया जाता है।
This is issued with approval of the Competent Authority.
महाप्रबंधक (बीमांकिक) / General Manager (Actuarial)