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संदर्भःसं.: आईआरडीएआई
मेसर्सगो डिजिट जनरलइंशयोरेंस लि.के मामले मेंआदेश
निम्नलिखितके आधार पर
(i) भारतीयबीमाविनियामक औरविकासप्राधिकरण (इसआदेश में इसकेबाद “प्राधिकरण”अथवा “आईआरडीएआई”
(ii) उपर्युक्तएससीएन के लिएमेसर्स गोडिजिट जनरलइंश्यरेंस लि.(इस आदेश मेंइसके बाद
(iii) प्राधिकरणके अध्यक्षद्वाराप्रदत्त 17दिसंबर 2020 कोअपराह्न 12.00 बजेवीडियोकान्फ्रेन्सके माध्यम सेआयोजितवैयक्तिकसुनवाई केदौरान गोडिजिट द्वाराकिये गयेप्रस्तुतीकरण।
पृष्ठभूमिः
1. आईआरडीएआईने 24 सितंबर 2020से 26 सितंबर 2018तक मेसर्स गोडिजिट जनरलइंश्योरेंसलि. का आनसाइटनिरीक्षणसंचालित कियाथा। निरीक्षणकी रिपोर्ट सेअन्य बातों केसाथ-साथप्राधिकरणद्वाराआईआरडीए/आईएनटी/
2. उक्तनिरीक्षणरिपोर्ट की एकप्रति गोडिजिट को उनकेउत्तर की माँगकरते हुए 21जनवरी 2019 को प्रेषितकी गई।बीमाकर्ताद्वारा उनकेउत्तर दिनांक11 फरवरी 2019 केद्वारा कियेगयेप्रस्तुतीकरणोंकी जाँच करनेके बाद एससीएनदिनांक 5अक्तूबर 2020 कोजारी कियागया।बीमाकर्ता नेपत्र दिनांक 6नवंबर 2020 केद्वारा उत्तरदिया। उनकेअनुरोध केअनुसारबीमाकर्ता को17 दिसंबर 2020 कोवैयक्तिकसुनवाई काअवसर प्रदान कियागया।
3. श्रीविजय कुमार,मुख्यकार्यकारीअधिकारी औरप्रधानअधिकारी, श्रीसमीर बख्शी,निदेशक, श्रीआदर्शअग्रवाल,नियुक्तबीमांकक औरश्रीमतीरसिका कुबेर,प्रमुख, विधिऔर अनुपालन गोडिजिट की ओरसे उक्तवैयक्तिकसुनवाई मेंउपस्थित थे।प्राधिकरण काप्रतिनिधित्वश्रीमतीयज्ञप्रयाभरत, मुख्यमहाप्रबंधक,गैर-जीवनविभाग, श्रीरणदीप सिंहजगपाल, मुख्यमहाप्रबंधक,मध्यवर्तीविभाग,श्रीमती अनिताजोस्युला,महाप्रबंधक,गैर-जीवनविभाग, श्रीराहुल कुमारअग्रवाल,प्रबंधक,गैर-जीवन विभाग,और श्री ए.रामसुधीर,प्रबंधक, गैर-जीवनविभाग द्वाराकिया गया।
4. गोडिजिट द्वाराअपने पत्रदिनांक 6नवंबर 2020 में और17 दिसंबर 2020 कोवैयक्तिकसुनवाई केदौरान कियेगये प्रस्तुतीकरणोंपरसावधानीपूर्वकविचार कियागया। विवरणनिम्नानुसारहैः
5. आरोपसं. 1
बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 64वीबी (2) और(4) तथाएमआईएसपीजीके अध्याय
कुलसैंतीस नमूनाउदाहरणों मेंसे निम्नलिखितपाँचउदाहरणों मेंयह पाया गयाकि जोखिमप्रारंभ होनेकी तारीख लिखतकी तारीख औरप्रीमियमप्राप्ति कीतारीख से पहलेकी है।
क्रम सं. | पालिसी संख्या | भुगतान विधि | राशि | लिखत सं. | लिखत की तारीख | बीमाकर्ता द्वारा लिखत प्राप्त करने की तारीख | पालिसी जोखिम प्रारंभ होने की तारीख |
1 | डी000044520 | चेक | 27347 | 438676 | 6-फर-18 | 6-फर-18 | 5-फर-18 |
2 | डी000145864 | चेक | 5862 | 486755 | 20-मार्च-18 | 20-मार्च-18 | 19-मार्च-18 |
3 | डी000432878 | चेक | 46079 | 709732 | 30-मई-18 | 30-मई-18 | 28-मई-18 |
4 | डी000461885 | चेक | 15838 | 796132 | 7-जून-18 | 8-जून-18 | 6-जून-18 |
5 | डी000473471 | चेक | 13333 | 099627 | 11-जून-18 | 12-जून-18 | 8-जून-18 |
इसकेअलावा,निम्नलिखितउदाहरण मेंप्राप्ति कीतारीख लिखत कीतारीख से नौदिन बाद की औरजोखिमप्रारंभ होनेकी तारीख से 7दिन पहले कीहै।
क्रम सं. | पालिसी संख्या | भुगतान विधि | राशि | लिखत सं. | लिखत की तारीख | बीमाकर्ता द्वारा लिखत प्राप्त करने की तारीख | पालिसी जोखिम प्रारंभ होने की तारीख |
1 | डी000375033 | चेक | 4618 | 422197 | 15-मई-18 | 24-मई-18 | 17-मई-18 |
प्रीमियमकी प्राप्तिमें विलंबनिर्दिष्ट करताहै कि एमआईएसपीने बीमाकर्ताको प्रीमियमका विप्रेषणचौबीस घंटे कीअवधि में नहींकिया है।
6. प्रस्तुतीकरणोंका सारांश
बीमाकर्तानेप्रस्तुतीकरणकिया कि उसकीप्रणाली कुछपालिसियों केलिएत्रुटिपूर्णढंग से भावनिर्माण (कोटक्रियेशन) कीतारीख को जोखिमप्रारंभ होनेकी तारीख केरूप में दर्जकर रही थीजहाँप्रीमियम काभुगतान चेक केद्वारा कियागया था।
एमआईएसपीद्वाराप्रीमियम केविप्रेषण मेंविलंब केसंबंध मेंबीमाकर्ता नेकहा है किएमआईएसपी चेकदिनांक 15 मई 2018, 17मई 2018 कोप्राप्तकिया। भाव(कोट) 17 मई 2018 कोउत्पन्न कियागया। ग्राहकने उसी तारीखपर पते कोअपडेट करने केलिए अनुरोधकिया है,परंतु वहतकनीकी समस्याके कारण नहींकिया जा सका।इस समस्या कासमाधान 24 मई 2018 कोकिया गया। 17 मई2018 की जोखिम केप्रारंभ कीतारीख के साथपालिसी 24 मई 2018को जारी कीगई।
बीमाकर्ताने यह भीप्रस्तुतीकरणकिया है कि उन्होंनेप्रणाली मेंविद्यमानत्रुटियाँ बादमें माहदिसंबर 2018 मेंसुधार लीं।
7. आरोपसं. 1 पर निर्णय
बीमाकर्ताने कहा है किभाव निर्माणकी तारीख कोप्रणाली मेंप्रणालीगतत्रुटि केकारण पालिसीप्रारंभ कीतारीख के रूपमें ग्रहणकिया गया हैतथाप्रणालीगतत्रुटि को बादमें सुधारलिया गया है।दूसरी सारणीमें पालिसी केलिएस्पष्टीकरणस्वीकार करनेयोग्य है।तथापि,बीमाकर्ताद्वाराप्रस्तुत कीगई पालिसी प्रतियोंसे यह पायागया है किप्रश्नगतपहली सारणीमें दर्शाई गईनमूनापालिसियों केलिए पालिसी केप्रारंभ होनेकी तारीखेंवही हैं जो उपर्युक्तसारणी मेंउल्लिखितहैं। उक्तसारणी मेंउल्लिखित सभी5 पालिसियोंके मामले मेंजोखिमप्रारंभ होनेकी तारीख चेकके अग्रभागमें दर्ज कीगई तारीख सेपहले की तारीखके रूप मेंदर्शाई गई है।बीमाकर्ता नेयह दर्शाने केलिए कोई सबूतउपलब्ध नहींकराया है कि प्रणालीमें विद्यमानत्रुटियों कोसुधार#2352;ा गया हैअथवापालिसीधारकको किसीपृष्ठांकन केमाध्यम सेजोखिम केप्रारंभ होनेकी तारीख कोआशोधित कियागया है।बीमाकर्ता नेइन पालिसियोंकोत्रुटिपूर्णढंग सेप्रचलित होनेदिया है तथावस्तुतः यहपर्याप्तनियंत्रण कार्योंके अभाव कोदर्शाता है।
एमआईएसपीद्वाराप्रीमियम केविप्रेषण में विलंबके संबंध मेंबीमाकर्ता केप्रस्तुतीकरणपर ध्यान दियागया है।बीमाकर्ता कोइसके द्वाराएमआईएसपीजीके अध्याय
कारपोरेटअभिशासनसंबंधीदिशानिर्देशोंके पैरा 6 केसंबंध में उपर्युक्त6 उदाहरणोंमें पाये गयेउल्लंघनों कोदेखते हुए,प्राधिकरणबीमा अधिनियम,1938 की धारा 102(बी)के अंतर्गतनिहितशक्तियों काप्रयोग करतेहुए रु. 5 लाख(केवल पाँचलाख रुपये) काअर्थदंडलगाता है।
8. आरोपसं. 2
आईआरडीए(भारतीय बीमाकंपनियों कापंजीकरण) विनियम,2000 के पैरा 23
दावों केनिपटान कीमानक परिचालनप्रक्रिया (एसओपी)केनिम्नलिखितखंड /शर्तेंपालिसीधारकोंके हितों केलिए हानिकारकपाई गई हैं :
i. सर्वेक्षककोप्रोत्साहितकरना औरप्रोत्साहितन करना दावाविश्लेषकद्वारा दियेगये वाहनमरम्मत आदेश(वीआरओ) -बेंचमार्क सेअधिक या कमसर्वेक्षकद्वारासमझौता की गईराशि परआधारित है।
ii. बीमाकर्ताकरों के बिनादावा राशि(अर्थात्देयता का 80
9. प्रस्तुतीकरणोंका सारांश
सर्वेक्षककोप्रोत्साहितकरने अथवाप्रोत्साहितन करने कोसंबद्ध करनेके संबंध मेंबीमाकर्ता नेप्रस्तुतीकरणकिया है किएसओपी मेंसुझाया गयाखंड ऐसा है किग्राहक के हितको जोखिम मेंनहीं डाला जाएतथा समझौतागराज और बीमाकंपनी के बीचमें हो।
दावाराशि कीअनुमति करोंके बिना देनेकी प्रथा केसंबंध मेंबीमाकर्ता नेउत्तर दिया हैकिक्षतिग्रस्तवाहन कीमरम्मत करनेसे पहले दावादेयता काभुगतान एकविकल्प हैजिसका प्रयोगग्राहकवास्तविकमरम्मत करनेसे पहले दावेके प्रत्यक्षनिपटान के लिएकर सकता है। दावेकी घटना / स्थितिको बंद करने केलिए तथा किसी भीकदाचार से बचनेके लिए बीमाकर्ताग्राहक से मरम्मतका अंतिम बीजकप्रस्तुत करनेकी अपेक्षा करताहै।
बीमाकर्ताने आगेप्रस्तुतीकरणकिया है कि उपर्युक्तदोनों खंडएसओपी से माहअक्तूबर 2019 मेंहटाये गयेहैं।
ग्राहकको दावे सेसंबंधितसूचना भेजनेपर टिप्पणी केसंबंध मेंबीमाकर्ता नेकहा है कि दावेकीयात्रा-प्रक्रियामें प्रत्येकस्तर पर वेग्राहकों कोदावे के संबंधमें नियमितअद्यतन सूचनाउपलब्ध करातेहैं।बीमाकर्ता नेइलेक्ट्रानिकरूप सेपालिसीधारकोंको उनकेद्वारा भेजीगई सूचना केस्क्रीनशाटप्रस्तुतकिये हैं।
10.
दावेदारके साथ समझौताकिये गये रूपमें सहमत राशिके आधार परसर्वेक्षक कोप्रोत्साहनका भुगतानसर्वेक्षक केनिर्णय मेंपक्षपात कानिर्माण करसकता है। सर्वेक्षकउच्चतरप्रोत्साहनअर्जित करनेके लिए वास्तविकक्षति कीतुलना में कमराशि के लिए हानियोंका निर्धारणकरने के लिएप्रवृत्त हो सकताहै। सर्वेक्षक,जिसे इस विषयमें विशेषज्ञ होनाचाहिए, सेप्रत्याशा कीजाती है कि वहहानियों काअनुमान सहीतौर पर औरव्यावसायिकरूप से उपलब्धकराए, न किबीमाकर्ताद्वारा दियेजानेवाले प्रोत्साहनोंके आधार पर।
साथही, जबग्राहक अपनेवाहन कीमरम्मतबीमाकर्ता द्वाराप्राधिकृतगराज कोछोड़कर किसीअन्य गराज मेंकरवाता है, तबदावा राशि को 80%
तथापि,बीमाकर्ता केइसप्रस्तुतीकरणको अभिलेख मेंलेते हुए किअब तकबीमाकर्ता नेइन खंडों काप्रयोग नहींकिया है औरअक्तूबर 2019 मेंउपर्युक्तखंड उसके एसओपीसे हटाये गयेहैं एवं साथही,पालिसीधारकोंको भेजे गयेसूचना-पत्रोंके संबंध मेंबीमाकर्ताद्वाराप्रस्तुतकिये गयेस्क्रीनशाटोंको ध्यान मेंरखते हुए,बीमाकर्ता को इसकेद्वारा ऐसेकिसी खंड(खंडों), जोसंभावित रूपसेपालिसीधारकोंके हितों केलिए हानिकारकहों, को शामिलन करने के लिएसूचित कियाजाता है। साथही, बीमाकर्ताकोएमआईएसपीजीके पैरा 14(डी) कापालन करने केलिए सूचितकिया जाता है।
11.
आरोप सं. | उपबंधों का उल्लंघन | निर्णय |
1 | कारपोरेट अभिशासन संबंधी दिशानिर्देशों के पैरा 6 का उल्लंघन – बीमाकर्ता ने यह सुनिश्चित नहीं किया है कि जोखिम का निर्धारण प्रीमियम प्राप्त होने के बाद किया जाए और एमआईएसपी प्रीमियम को उसकी वसूली से चौबीस घंटे के अंदर जमा करे। | रु. पाँच लाख का अर्थदंड और परामर्श |
2 | आईआरडीए (भारतीय बीमा कंपनयों का पंजीकरण) विनियम, 2000 के पैरा 23; आईआरडीएआई (बीमा सर्वेक्षक और हानि निर्धारक) विनियम, 2015 के विनियम 16 तथा एमआईएसपी दिशानिर्देश के पैरा 14(डी) का उल्लंघन – बीमाकर्ता मोटर बीमा दावों के प्रसंस्करण से संबंधित मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) के ऐसे खंडों/ शर्तों का प्रयोग कर रहा है जो पालिसीधारकों के हितों के विपरीत हैं। साथ ही, बीमाकर्ता ने पालिसीधारक को हानि का प्रारंभिक निर्धारण अथवा अंतिम निपटान पत्र नहीं भेजा है। |
परामर्श |
12.
13.
14.
स्थानःहैदराबाद
दिनांकः29 जनवरी 2021