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आदेश
संदर्भ सं.
मेसर्सफ्यूचरजनरालीइंडियाइंश्योरेंस कंपनीलिमिटेड केमामले मेंआदेश
निम्नलिखितके आधार परः
(i) शैक्षिकसंस्था केवाहनों केमोटर अन्यपक्ष बीमा पर नकदीवापसीप्रस्तावकरने के विषयमें प्राप्तशिकायत केसंबंध मेंभारतीय बीमाविनियामक औरविकासप्राधिकरण (
(ii) उपर्युक्तएससीएन के लिएमेसर्सफ्यूचरजनरालीइंडियाइंश्योरेंस कंपनीलि. (इस आदेशमें इसके बाद
(iii) हैदराबादस्थित अपनेकार्यालय मेंप्राधिकरण केअध्यक्षद्वाराप्रदत्त 7जनवरी 2020 को अपराह्न4.30 बजे आयोजितवैयक्तिकसुनवाई केदौरान एफजीआईआईसीएलद्वारा कियेगयेप्रस्तुतीकरण।
(iv) वैयक्तिकसुनवाई के बादबीमाकर्ताद्वारा ई-मेलदिनांक 16मार्च 2020 केअनुसार कियेगये अतिरिक्तप्रस्तुतीकरण।
पृष्ठभूमिः
1. प्राधिकरणको फ्यूचरजनरालीइंडियाइंश्योरेंसकंपनी लि. केविरुद्ध यहआरोप लगातेहुए शिकायतप्राप्त हुईकिएफजीआईआईसीएलशैक्षिकसंस्था केवाहनों केमोटर अन्यपक्ष बीमा परनकदी वापसीप्रस्ताव कररही है। उक्तशिकायत की एकप्रतिबीमाकर्ता कोउनकीटिप्पणियोंके लिए भेजीगई।बीमाकर्ता नेउक्त शिकायतमें उनके विरुद्धकिये गयेआरोपों काखंडन किया तथाएफजीआईआईसीएलकी त्रिशूरशाखा द्वाराअप्रैल से मई 2018तक के दौरानशैक्षिकसंस्थाओं कीबसों को कवरकरने के लिएजारी की गईपालिसीअनुसूचियोंके साथ मोटरबीमापालिसियों कीसूचीप्रस्तुत की।
2. यद्यपिउक्त शिकायतमोटर अन्यपक्ष बीमा प्रीमियमपर नकदी वापसीप्रस्तावितकरने के संबंधमें थी, तथापि पालिसीविवरण की जाँचसे विदित हुआकि बीमाकर्ताने निजी क्षतिप्रीमियम परएक उच्च प्रतिशतकी छूट दी जोप्राधिकरण केपास उनकेद्वारा फाइलकी गई छूट
3. उपर्युक्तको ध्यान मेंरखते हुए,एससीएन 20 मई 2019को जारी की गईजिसका उत्तरएफजीआईआईसीएलद्वारा पत्रदिनांक 18 जून 2019के अनुसारदिया गया। उसमेंएफजीआईआईसीएलद्वारा कियेगये अनुरोध केअनुसारबीमाकर्ता को वैयक्तिकसुनवाई काअवसर 7 जनवरी 2020को प्रदानकिया गया।
4. श्रीअनूप राववेलमूरि,प्रबंधनिदेशक एवं मुख्यकार्यकारीअधिकारी, श्रीश्रीराजदेशपांडे,मुख्यपरिचालनअधिकारी, श्रीप्रसाद कुलकर्णी,प्रमुख,जोखिम-अंकनएवं दावे,श्री प्रमोदशेलार, वीपीजोखिम-अंकन–मोटरएवं विविध,श्री जतीनअरोड़ा,नियुक्तबीमांकक, तथाश्री राजीवजोशी, मुख्यअनुपालनअधिकारीएफजीआईआईसीएलकी ओर से उक्तवैयक्तिकसुनवाई मेंउपस्थित थे।प्राधिकरण कीओर से श्रीश्यामाप्रसादचक्रवर्ती,महाप्रबंधक(बीमांकिक),श्री के.महीपाल रेड्डी,महाप्रबंधक(एनएल), तथाश्री प्रदीपकुमार सिंह,प्रबंधक(एनएल) भीउपस्थित रहे।
5. एफजीआईआईसीएलद्वारा अपनेपत्र दिनांक 18जून 2019 में और 7जनवरी 2020 कोवैयक्तिकसुनवाई केदौरान कियेगयेप्रस्तुतीकरणोंतथा उसके बादप्रस्तुत कीगई सूचना परप्राधिकरणद्वारा विचार कियागया एवं उसकेआधार पर उक्तआरोप के संबंधमें लिया गयानिर्णयनिम्नानुसारदिया जाता हैः
6. आरोपः
साधारणबीमाउत्पादों केलिए उत्पादफाइलिंगक्रियाविधियोंसंबंधीदिशानिर्देशदिनांक 18फरवरी 2016 (इसआदेश में इसकेबाद उक्तदिशानिर्देशके रूप मेंउल्लिखित) केपैरा 17(ख) केअनुसार, “बीमाकर्तादरेंपूर्णतयाप्राधिकरण केपास फाइल कियेगये दायरे केअंदरबताएँगे। यहसुनिश्चितकिया जानाचाहिए कि कोईभी प्रीमियमकोटेशनप्राधिकरण केपास फाइल कियेगये दायरे सेबाहर नहींदिया जाए तथाऐसा कोई भीप्रीमियमकोटेशन नहींदिया जाएजिसकाअनुमोदननियुक्त बीमांककऔरजोखिम-अंकनकर्ताद्वारा नहींकिया गया हो।”
इसकेअलावा, उक्तदिशानिर्देशोंके पैरा 21 के उपबंधोंके अनुसार,
इनदिशानिर्देशोंके किसी भीउपबंध काउल्लंघनकरनेवालाबीमाकर्ताबीमा अधिनियम,1938 तथा तदुपरांतकिये गयेसंशोधनों केउपबंधों के अनुसारउक्तदिशानिर्देशोंके पैरा 21 केअंतर्गतविनियामककार्रवाई केअधीन होगा।
7. बीमाकर्ताकेप्रस्तुतीकरणोंकी सारांश
7.1 बीमाकर्ताने अपने उत्तरदिनांक 18 जून 2019में प्रस्तुतीकरणकिया किउन्होंनेचोरी-निरोधी(ऐन्टी-थेफ्ट),सरल उपयोग अभिग्रहण(लाइट यूज़आक्युपेशन) औरबंद पार्किंगसे संबंधितछूटों केअतिरिक्त,संविभाग, बाजारप्रतिस्पर्धाके प्रतिछूटों कीअनुमति दी तथामुख्यजोखिम-अंकनअधिकारी केविवेकाधिकारका प्रयोगकरते हुए 10प्रतिशत छूटकी अनुमति दीथी। उक्तउत्तर के साथ
7.2 कंपनी ने1 जनवरी 2008 सेप्रभावीपूर्व केसाधारण बीमाव्यवसाय के प्रशुल्क(टैरिफ)कीमत-निर्धारणपर नियंत्रणहटाने केसंदर्भ मेंअतिरिक्त 50 प्रतिशतछूट पर विचारकिया जहाँकंपनी के बोर्डद्वारा इसशर्त के साथअनुमोदितजोखिम-अंकननीति केअनुसारनिर्धारित दरअनुसूचियों औररेटिंग दिशानिर्देशोंके अनुसारदरें बताने केलिए बीमाकर्ताओंको अनुमति दीगई थी, किपरिचालन अनुपातसकल जोखिम
7.3 तथापि,एफजीआईआईसीएलने पुष्टि कीकि टैरिफिंगको हटाने केसमय मूल रूपसे फाइल कियेगये रूप मेंदर अनुसूची कासंशोधन उनकेद्वारा नहींकिया गया थाऔर साथ ही,फाइल एण्डयूज़ दिशानिर्देश,2006 के अंतर्गतउनकी फाइलिंगके अनुसार शर्तोंका भी संशोधननहीं किया गयाथा। इसके अलावा,बीमाकर्ता नेप्रस्तुतीकरणकिया कि कंपनीने अन्यउत्पादों केसाथ 10 सितंबर 2008को उक्त मोटर
7.4 एफसीआईआईसीएलने तर्क कियाकि उक्त आरोपमें उल्लिखितसाधारण बीमाउत्पादों केलिए उत्पादफाइलिंगक्रियाविधियोंसंबंधीदिशानिर्देशदिनांक 18फरवरी 2016 केपैराग्राफ 17(ख)को लागू करनेकी आवश्यकतानहीं हैक्योंकि वेपूर्व केएफएण्डयू दिशानिर्देशोंद्वारा की गईकार्रवाइयाँऔर निर्णय हैंजो 2016 केएफएण्डयूदिशानिर्देशोंद्वाराअमान्य नहीठहराये गयेहैं। उक्त पैरा21 कीप्रयोज्यताको 2006 केदिशानिर्देशोंके लिएपूर्वव्यापीप्रभाव सेउक्त दिशानिर्देशोंके अंतर्गतउल्लंघन केरूप में नहीं मानाजाए क्योंकिउस समय इसप्रकार का कोईसुस्पष्ट उपबंधविद्यमाननहीं है। बीमाकर्ताने अनुरोधकिया कि जब तकप्राधिकरणद्वाराआवश्यकस्पष्टीकरणऔर अलगविनियामकढाँचे कोअधिसूचितनहीं कियाजाता, तब तक पहलेके 2006 केदिशानिर्देशभी 2016 केदिशानिर्देशोंके पैरा 21द्वारानियंत्रितहैं, तथा यहउनपर लागू नहींकिया जाए।
7.5 वैयक्तिकसुनवाई केदौरानबीमाकर्ता नेस्वीकार कियाकि स्कूल बसोंका बीमा करने वालीमोटरपालिसियोंमें प्रीमियमपर नब्बे प्रतिशतऔर उससे अधिकछूटें दी गईथीं, यद्यपिउत्पाद केअनुमोदन मेंकेवल बीसप्रतिशत छूट कीही अनुमति थी।स्कूल बसों केलिए दावा अनुभवकेवल लगभगसैंतीसप्रतिशत हीथा। ऐसी शैक्षिकसंस्थाओं कोछूट का लाभदिया गया है जोबसें एक सीमितक्षेत्र मेंचलाती हैं। यहबात ध्यान मेंरखी गई है किकीमत-निर्धारणमें संशोधनफाइल करने केलिए अवसरप्राधिकरणद्वारा 2018 मेंदिया गया था।परंतु कंपनीने कीमत-निर्धारणमें संशोधनोंके लिएफाइलिंग नहींकी है।
7.6 बीमाकर्तासहमत हुआ किउन्हें सर्वप्रथमहाल के वर्षोंके अनुभव केआधार पर मोटरउत्पाद छूटोंके दायरे केसंबंध में संशोधनोंके लिए फाइलकरना चाहिए थाऔर उसका विपणनकेवलप्राधिकरणद्वाराअनुमोदितहोने पर हीकरना चाहिएथा।एफजीआईआईसीएलने प्राधिकरणको आश्वस्तकिया कि वेकीमत-निर्धारणमें संशोधनफाइल करेंगेऔर आगे चलकरवे `फाइलएण्ड यूज़
8. निर्णयः
कारणबताओ नोटिस केलिएबीमाकर्ता केउत्तर एवंवैयक्तिकसुनवाई केदौरान कियेगये प्रस्तुतीकरणोंकी जाँच करनेपर निम्नलिखितको पाया गयाहैः
8.1 फ्यूचरसेक्यूर मोटरइंश्योरेंसके अंतर्गतदरों कीफाइलिंगदिनांक 28दिसंबर 2007 मेंअभिलेख परउपलब्धसामग्री केअनुसार,बीमाकर्ता ने
8.2
8.3
8.4
8.5
8.6
9. इसकेअतिरिक्त,बीमाकर्ता कोइसके द्वारानिदेश दियाजाता है किनिजी क्षतिप्रीमियम परऐसीप्रीमियमदर के साथमोटर बीमापालिसियों काजोखिम-अंकनकरे जोपूर्णतयाप्राधिकरण के पासफाइल की गईदरों के दायरेके अंदर हो।
10. रु. 1,00,00,000
यहआदेश साधारणबीमाकर्ता केबोर्ड केसमक्ष आगामीबोर्ड बैठकमें रखा जाएगातथा साधारण बीमाकर्ताविचार-विमर्शकेकार्यवृत्तकी एक प्रति औरअनुपालन मेंसुधार लाने केलिए उठाये गयेकदमों कीसूचनाप्रस्तुतकरेगा।
11. यदिएफजीआईआईसीएलइस आदेश सेअसंतुष्ट है,तो बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 110 केउपबंधों केअनुसारप्रतिभूतिअपीलीयन्यायाधिकरण(एसएटी) के समक्षअपीलप्रस्तुत कीजा सकती है।
(डा.सुभाष. सी.खुंटिआ)
अध्यक्ष