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Title: अंतिम आदेश
Reference No.: आईआरडीएआई/एचएलटी/विविध/ओआरडी/37/01/2020
Date: 29/01/2020
मेसर्स टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के मामले में आदेश

अंतिमआदेश

 

संदर्भ सं.: आईआरडीएआई/एचएलटी/विविध/ओआरडी/37/01/2020 दिनांकः 29-01-2020

 

मेसर्सटाटा एआईजीजनरलइंश्योरेंसकंपनी लिमिटेडके मामले मेंआदेश

 

निम्नलिखितके आधार परः

क)   5 से 7मार्च 2018 तक कीअवधि के दौरानटाटा कैपिटल फाइनैंशियलसर्विसेज़ लि.(कार्पोरेटएजेंट) केस्थान पर(आन-साइट)निरीक्षण केसंबंध मेंटाटा एआइजीजनरलइंश्योरेंसकंपनी लि. (साधारणबीमाकर्ता) कोजारी किया गयाकारण बताओनोटिस(एससीएन)(संदर्भ सं. 373/आईआरडीएआई/एचएलटी/जीईएन/टाटा-कैपिटल-फाइन.सर्विसेज़/2018-19 दिनांक 22जुलाई 2019)।

ख)   साधारणबीमाकर्ताद्वाराउपर्युक्तएससीएन के लिएपत्र दिनांक 12अगस्त 2019 केद्वारा उत्तर।

ग)    हैदराबादस्थित अपनेकार्यालय मेंप्राधिकरण केअध्यक्षमहोदय कीअध्यक्षतामें 04 अक्तूबर 2019को आयोजितवैयक्तिकसुनवाई केदौरान साधारणबीमाकर्ता केप्रस्तुतीकरण।

 

पृष्ठभूमि

1) प्राधिकरणने 5-7 मार्च 2018 केदौरान टाटाकैपिटल फाइनैंशियलसर्विसेज़ लि.का आन-साइटनिरीक्षणसंचालित कियाजो उक्तसाधारणबीमाकर्ता का एककार्पोरेटएजेंट है।निरीक्षणरिपोर्ट मेंअन्य बातों केसाथ-साथपालिसीधारकोंके हितों केसंरक्षणसंबंधीआईआरडीएआई केविनियमों केउपबंधों केकुछ उल्लंघनविदित हुए।

2) उक्तरिपोर्ट की एकप्रति साधारणबीमाकर्ता को28 दिसंबर 2018 कोप्रेषित की गईतथा उसकाउत्तर ई-मेलदिनांक 14जनवरी 2019 केद्वाराप्राप्त हुई।उक्त उत्तर कीजाँच करने केबाद,प्राधिकरण नेकुछ टिप्पणियोंपर आगेस्पष्टीकरणमाँगा, जिसकेलिए साधारणबीमाकर्ता नेई-मेल दिनांक 22फरवरी 2019 द्वाराउत्तर दिया।

3) साधारणबीमाकर्ताद्वारा कियेगये प्रस्तुतीकरणोंकी जाँच करनेपर यह पायागया कि साधारणबीमाकर्ता नेनिरीक्षण कीकुछटिप्पणियोंके विषय मेंआईआरडीएआई केविनियमों केलागू उपबंधोंका पालन नहींकिया था।

4) परिणामस्वरूप,आईआरडीएआई(पालिसीधारकोंके हितों कासंरक्षण)विनियम, 2002 केविनियम 3(2) और 3(3)के उपबंधों केउल्लंघन केलिएप्राधिकरणद्वारासाधारण बीमाकर्ताको कारण बताओनोटिस 22 जुलाई 2019को जारी कियागया।

साधारणबीमाकर्ता नेउक्त एससीएनके लिए 12 अगस्त2019 को उत्तरदिया। एससीएनका उत्तर देतेहुए साधारणबीमाकर्ता नेएक वैयक्तिकसुनवाई के लिएअनुरोध कियातथा तदनुसारउन्हें एकवैयक्तिकसुनवाई काअवसर प्रदानकिया गया।वैयक्तिकसुनवाई 4अक्तूबर 2019 कोआयोजित की गई।साधारणबीमाकर्ता कीओर से श्रीनीलेश गर्ग,एमडी एवंसीईओ, श्रीमधुकर सिन्हा,मुख्यअनुपालनअधिकारी तथाश्री राजगोपालरुद्रराजू,एसवीपी औरउत्पादप्रमुख बैठकमें उपस्थितरहे।आईआरडीएआई केश्री सुरेशमाथुर,कार्यकारीनिदेशक, श्रीडीवीएस रमेश,महाप्रबंधक(स्वास्थ्य)और डा. पंकजशर्मा, प्रबंधक(स्वास्थ्य)भी उपस्थितथे।

5) निरीक्षणके निष्कर्षथे कि साधारणबीमाकर्ताद्वारा जारीकी गई एक तीन-वर्षीयपालिसी के निर्गमके समय कार्पोरेटएजेंट नेनवीकरणप्रीमियमवसूल किया। इस:तीन-वर्षीयपालिसीप्रीमियम एवंएक औरतीन-वर्षीयनवीकरणप्रीमियम कीराशि केनिधीकरण केलिए कार्पोरेटएजेंट नेपालिसीधारकोंको ऋण उपलब्धकराया तथानिरीक्षण केदौरान नमूनाआधार पर चुनीगई कुछपालिसियों केसंबंध में 12.25 / 13% प्रति वर्षकी दर सेब्याजप्रभारितकिया।

6) एससीएनमें उठाये गयेविषयों परसाधारण बीमाकर्ताद्वारा कियेगयेप्रस्तुतीकरणपर निष्कर्ष एवंउन पर लियेगये निर्णयनिम्नानुसारहैं :

 

आरोपः

आईआरडीए(पालिसीधारकोंके हितों कासंरक्षण) विनियम,2002 के विनियम 3(2)और 3(3) केउपबंधों काउल्लंघन

 

7) उपर्युक्तविनियम यहअधिदेशात्मक(मैंडेटरी)बनाते हैं किबीमाकर्ताअथवा उसकाएजेंट अथवामध्यवर्तीसंभावितग्राहक कोप्रस्तावितबीमारक्षा(कवर) के संबधमें समस्तमहत्वपूर्णसूचना उपलब्धकराएगा ताकिसंभावितग्राहक ऐसीसर्वोत्तमबीमारक्षा(कवर), जो उसकेहित में होगी,के संबंध मेंनिर्णय ले सकेतथा जहाँ संभावितग्राहकबीमाकर्ताअथवा उसकेएजेंट अथवाकिसी बीमामध्यवर्ती कीसलाह परनिर्भर है,वहाँ ऐसाव्यक्तिसंभावितग्राहक कोअवश्यनिष्पक्ष रूपसे परामर्श देगा।

 

आरोप कीविषय-वस्तुः

8) कार्पोरेटएजेंट नेसाधारण बीमाकर्ताको ग्राहकोंद्वारा देयप्रीमियमसहित ग्राहकोंको कुछ ऋणप्रदान कियेहैं। निम्नलिखितउदाहरणों मेंपालिसियाँतीन वर्ष कीअवधि के लिएजारी की गईथीं। तथापि,परवर्ती तीन वर्षोंका नवीकरणप्रीमियम भीप्रारंभ में वसूलकिया गया तथा कार्पोरेटएजेंट द्वारानिम्नलिखितनमूनापालिसियों केसंबंध मेंप्रदत्त ऋण कीसंपूर्ण राशि(प्रथमप्रीमियम + नवीकरणप्रीमियम केलिए ऋण) पर 12.25% / 13% प्रति वर्षकी दर सेब्याजप्रभारितकिया गया।

क्रम सं.

पालिसी सं.

3 वर्ष की पालिसी के लिए देय प्रीमियम (आईएनआर)

कार्पोरेट एजेंट / साधारण बीमाकर्ता द्वारा वसूल / संगृहीत किये गये प्रीमियम की राशि (आईएनआर)

1

1900306846

99,994/-

2,00,000/-

2

23538681400

99,999/-

2,00,000/-

 

साधारणबीमाकर्ताद्वाराप्रस्तुतीकरणः

9) प्रीमियमकी वसूलीसद्भाव से कीगई जहाँ बीमाकृतव्यक्ति ने पालिसीके किसीअनियोजित औरअसावधानीपूर्णव्यपगमन सेबचने के लिएपालिसी के समयपर नवीकरणहेतु अग्रिमरूप सेप्रीमियम काभुगतान करनेका विकल्पदिया। जब कार्पोरेटएजेंट द्वारासाधारणबीमाकर्ता कोहस्ताक्षरितप्रस्तावफार्म औरपरिकलन पत्रकके साथ प्रीमियमका भुगतानकिया गया, यहमान लिया गयाकि अग्रिमप्रीमियम कीवसूली ग्राहककी सहमति केसाथ की गई।

10)पालिसीके प्रारंभ सेकार्पोरेटएजेंट द्वारानवीकरणप्रीमियम परभी 12.25%/ 13% की दरपर ब्याजप्रभारितकिये जाने केसंबंध मेंसाधारणबीमाकर्ता नेकहा कि उन्हेंइसकी कोईजानकारी नहींहै तथा इसमेंउनकी कोईभूमिका नहींहै।

11) ऊपरपैरा सं. 8 परउल्लिखितनमूना मामलोंके संबंध मेंसाधारणबीमाकर्ता नेकहा कि शिकायतप्राप्त होनेपर उक्तराशियाँपालिसीधारकोंको लौटाई गईथीं, जैसा कियहाँ नीचेउल्लिखित हैः

क्रम सं.

कार्पोरेट एजेंट द्वारा प्रीमियम की वसूली की तारीख

बीमाकर्ता द्वारा प्रीमियम प्राप्ति की तारीख

पालिसीधारक की शिकायत / अनुरोध की तारीख

पालिसीधारक को धनवापसी की तारीख

1

08 अगस्त 2016

12 अगस्त

27 मार्च 2017

07 अप्रैल 2017

2

30 जनवरी 2017

30 जनवरी 2017

27 मार्च 2017

06 अप्रैल 2017 और

17 मई 2017

 

 

12)साधारणबीमाकर्ता नेयह भीप्रस्तुतीकरणकिया किप्रारंभ मेंनवीकरणप्रीमियमवसूल करने कीप्रथाउन्होंने जून2017 से बंद की है,जो प्राधिकरणद्वारानिरीक्षणकरने की अवधिसे काफी पहलेहै।

 

प्राधिकरणका निर्णयः

13)साधारणबीमाकर्ता सेयह सुनिश्चितकरना प्रत्याशितहै कि अग्रिमनवीकरणप्रीमियम अदाकरने के लिएग्राहक कीसहमतिप्राप्त कीजाए, क्योंकि अन्यथायह गंभीरबाजारव्यवहारसंबंधी समस्याओंके लिए मार्गप्रशस्त करसकता है।बीमाकर्ता को कार्पोरेटएजेंट के साथअतिरिक्तसावधानीबरतनी होगी जिसकेपास किसी बीमामध्यवर्ती केव्यवसाय केसाथ संभावितसंघर्ष हो सकताहै। जबपालिसीधारकको नवीकरणप्रीमियम, जो तीनवर्ष बाद देयहै, के लिए कार्पोरेटएजेंट द्वारा ऋणदिया जाता है,तबपालिसीधारकअनावश्यक रूप सेब्याज अदाकरना बंद करदेता है। यहकहने को छोड़करकि उसनेपालिसीधारकोंकी सहमति मानली है, अग्रिमरूप से नवीकरणप्रीमियम अदाकरने के लिएपालिसीधारककी सहमति का कोईभी दस्तावेजीप्रमाणसाधारणबीमाकर्ता द्वाराप्रस्तुतनहीं किया गयाहै। इस प्रकार,यह स्पष्ट हैकि साधारणबीमाकर्ता नेआईआऱडीए(पालिसीधारकोंके हितों कासंरक्षण) विनियम,2002 के विनियम 3(2)और विनियम 3(3) काउल्लंघन कियाहै।

 

14) वहतरीका जिसमें कार्पोरेटएजेंट द्वारामंजूर कियेगये ऋण में सेसाधारणबीमाकर्ता नेनवीकरणप्रीमियमवसूल किया है,निर्दिष्टकरता है किसाधारणबीमाकर्ता ने उपर्युक्तविनियामकउपबंधों काअनुपालन सुनिश्चितकरने के लिएआवश्यकनियंत्रणलागू नहीं कियेहैं।बीमाकर्ता कोचाहिए कि वहऐसी व्यवसायप्रथाएँ लागूकरे जोपारदर्शिताका संवर्धनकरें तथापालिसीधारकोंद्वारा सुविज्ञचयन कोसुसाध्यबनाये। यहदेखा गया हैकि साधारणबीमाकर्ता नेएक नमूनापालिसी केसंबंध मेंनवीकरणप्रीमियम तीन वर्षपहले 12 अगस्त 2016को वसूल किया।बीमाकर्ता नेप्रस्तुतीकरणकिया कि उसनेप्रारंभ मेंनवीकरणप्रीमियमस्वीकार करनेकी प्रथा जून 2017से बंद की है।इस प्रकार, 12अगस्त 2016 को यहप्रथाप्रारंभ करनेकी तारीख केरूप में मानतेहुए तथा यहमानते हì#2369;ए किउक्त प्रथा मई2017 के अंत तकजारी रही,साधारण बीमाकर्ताने विनियामकउपबंधों काउल्लंघन 292 दिनके लिए कियाहै। बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 102 केउपबंधों केअधीन बीमाकर्ताऐसे प्रत्येकदिन के लिए एकलाख रुपये जिसकेदौरान इसप्रकार की चूकजारी रहती हैअथवा एक करोड़रुपये, जो भीकम हो, केअर्थदंड केलिए भागी है। अतः बीमाकर्तापर बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 102 केउपबंधों के अनुसाररु. 1,00,00,000 (केवल एककरोड़ रुपये)का अर्थदंड लगायाजाता है। बीमाकर्ता कोयह सुनिश्चितकरने का भीनिदेश दियाजाता है किप्रत्येक बीमाउत्पाद कावर्तमानविनियामकढाँचे के अनुसारप्रस्ताव औरविपणन कियाजाए।

15)इसकेअतिरिक्त,पालिसी केप्रारंभ केसमय साधारणबीमाकर्ताद्वारा जिसतरीके सेनवीकरणप्रीमियमस्वीकार किया गयाजो किपालिसीधारकोंके हितों केलिए हानिकरहै, उसकामूल्यांकनकरने परसाधारणबीमाकर्ता के साथकार्पोरेटएजेंट के रूपमें अपनीनियुक्ति सेलेकर कार्पोरेटएजेंट द्वाराप्राप्त जिनसभीपालिसियों के संबंधमेंपालिसीधारकोंद्वारावित्तीय हानिउठाई गई है, उसकीपूर्ति करनेके लिएसुधारात्मककार्रवाई करनेकी आवश्यकताहै, जहाँ भीप्रारंभ मेंनवीकरणप्रीमियमवसूल किया गयाहै। अतःआईआरडीए(पालिसीधारकोंके हितों कासंरक्षण)विनियम, 2002 केविनियम 9 औरआईआरडीएआई(पालिसीधारकोंके हितों कासंरक्षण)विनियम, 2017 केविनियम 16(ii) केसाथ पठितआईआरडीएअधिनियम, 1999 कीधारा 14(1) के उपबंधोंके अधीननिम्नलिखितनिदेश जारीकिये जाते हैं:

 

क)  बीमाकर्ताउनदृष्टांतोंकी पहचानकरेगा जहाँनवीकरणप्रीमियमप्रारंभ मेंही कार्पोरेटएजेंट द्वाराप्रदत्त ऋणमें से लेकरवसूल औरविनियुक्त कियागया है तथा कार्पोरेटएजेंट द्वाराप्रभारितब्याज कीधनवापसी पालिसीधारकोंको दंडात्मकब्याज के साथकरेगा;

ख)  जहाँप्रारंभ मेंनवीकरणप्रीमियमपालिसीधारकसे सीधे वसूलकिया गया हैऔर उसकाविनियोजनकिया गया है,वहाँबीमाकर्ताऐसी राशि परपालिसीधारकोंको दंडात्मकब्याज काभुगतान करेगा;

ग)   दियेगये ऋण के लिए कार्पोरेटएजेंट द्वाराप्रभारितब्याज, यदिकोई हो, के साथप्रारंभ मेंवसूल किये गयेनवीकरण प्रीमियमोंके संबंध में,दिये गयेपरंतु नवीकरणप्रीमियम केलिए अभी तकविनियोजितनहीं किये गयेऋण के लिएबीमाकर्तानवीकरणप्रीमियम और(प्लस) कार्पोरेटएजेंट द्वाराप्रभारितब्याज कावापसी भुगतान,दंडात्मकब्याज के साथकरेगा;

घ)   ऊपरपैरा (क) से (ग) तकमें उल्लिखितदंडात्मक ब्याज01 अप्रैल 2019 कोयथाविद्यमानबैंक दर से 2% अधिकहोना चाहिए,जिसकी गणनानवीकरणप्रीमियम कीवसूली कीतारीख सेवापसी अदायगी /भुगतान कीतारीख तक कीजाएगी।पालिसीधारकोंको अदा कियागया इस प्रकारका दंडात्मकब्याज साधारण बीमाकर्ताके शेयरधारकोंके खाते मेंनामे डालाजाएगा।

 

16)उपर्युक्तनिदेशों कोकार्यान्वितकरने की सारीप्रक्रिया इसआदेश की तारीखसे 90 दिन के अंदरपूरी कीजाएगी। साधारणबीमाकर्ता कोनिदेश दियाजाता है कि वहकी गईकार्रवाई कीरिपोर्ट(एटीआर)कार्रवाई पूरीहोने के तुरंतबाद, परंतु इसआदेश की तारीखसे 120 दिन केअंदरप्रस्तुतकरे।

 

निष्कर्षः

17)रु. 1,00,00,000(केवल एककरोड़ रुपये) का उक्तअर्थदंडसाधारणबीमाकर्ताद्वारा इसआदेश कीप्राप्ति कीतारीख से 45 दिनकी अवधि केअंदर शेयरधारकोंके खाते मेंनामे डालकरएनईएफटी / आरटीजीएसके माध्यम से(जिसके लिएब्योरा अलग सेसूचित कियाजाएगा)विप्रेषितकिया जाएगा। विप्रेषणकी सूचना श्रीडीवीएस रमेश,महाप्रबंधक(स्वास्थ्य)को भारतीयबीमा विनियामकऔर विकासप्राधिकरण,सर्वे नं. 115/1,फाइनैंशियलडिस्ट्रिक्ट,नानकरामगूडा,हैदराबाद-500 032 केपते पर भेजीजाए।

18)इसके अलावा,

क.   यहआदेश साधारणबीमाकर्ता केबोर्ड केसमक्ष बोर्डकी आगामी बैठकमेंरखा जाएगा तथासाधारणबीमाकर्ताविचार-विमर्शकेकार्यवृत्त कीएक प्रतिउपलब्धकराएगा।

ख.  यदिसाधारणबीमाकर्ता इसआदेश केनिर्णय से असंतुष्टहै, तो बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 110 के अनुसारप्रतिभूतिअपीलीयन्यायाधिकरण(एसएटी) कोअपीलप्रस्तुत कीजा सकती है।

 

(डा.सुभाष सी. खुंटिआ)

अध्यक्ष

स्थानःहैदराबाद

दिनांकः29 जनवरी 2020

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