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आदेश
संदर्भसं. आईआरडीएआई
आईसीआईसीआईलोम्बार्डजीआईसी लि. केमामले मेंआदेश
निम्नलिखितके आधार परः
(i) 3से 14 अगस्त 2015तक के दौरानभारतीय बीमाविनियामक औरविकासप्राधिकरण (इसआदेश में इसकेबाद “प्राधिकरण”
(ii) उपर्युक्तएससीएन के लिएआईसीआईसीआईलोम्बार्डजीआईसी लि. (इसआदेश में इसकेबाद “आईसीआईसीआईलोम्बार्ड”
(iii) हैदराबादस्थित अपनेकार्यालय मेंप्राधिकरण केअध्यक्षमहोदय कीअध्यक्षता में16 अक्तूबर 2019 कोअपराह्न 3.30 बजेआयोजितवैयक्तिकसुनवाई केदौरान साधारणबीमाकर्ताद्वारा कियेगये प्रस्तुतीकरणतथा पत्रदिनांक 12नवंबर 2019 और 2जनवरी 2020 के अनुसारसाधारणबीमाकर्ताद्वारा कियेगये अनुवर्तीप्रस्तुतीकरण।
पृष्ठभूमिः
2.आईआरडीएआई ने3 से 14 अगस्त 2015 तकके दौरानआईसीआईसीआईलोम्बार्डजीआईसी लि. कास्थान पर(आन-साइट)निरीक्षणसंचालित किया था।निरीक्षणरिपोर्ट नेअन्य बातों केसाथ-साथ बीमाअधिनियम, 1938,उसके अधीनजारी किये गयेविनियमों,दिशानिर्देशोंऔर विभिन्नपरिपत्रों केउपबंधों केकुछ उल्लंघनप्रकट किये।
3. उक्तनिरीक्षणरिपोर्ट की एकप्रतिआईसीआईसीआईलोम्बार्डजीआईसी लि. कोउनके उत्तर कीमाँग करते हुए25 जून 2017 को भेजीगई।आईसीआईसीआईलोम्बार्डद्वारा पत्रदिनांक 10सितंबर 2017, 15जनवरी 2018 और 15फरवरी 2018 द्वाराकिये गयेप्रस्तुतीकरणोंकी जाँच करनेके बाद एकएससीएन 16जुलाई 2019 कोजारी किया गयाजिसका उत्तरसाधारणबीमाकर्ताद्वारा पत्रदिनांक 19अगस्त 2019 केअनुसार दियागया। उस पत्रमें साधारणबीमाकर्ताद्वारा कियेगये अनुरोध केअनुसार 16अक्तूबर 2019 कोएक वैयक्तिकसुनवाई काअवसर उन्हेंप्रदान किया गया।
4. श्रीभार्गव दासगुप्ता, एमडीऔर सीईओ, श्रीलोकनाथ पी. कर,सीसीओ, श्रीसंजय दत्ता,मुख्य जोखिम-अंकक,श्री विष्णुअरोड़ा, एवीपी(विधि) उक्तवैयक्तिकसुनवाई मेंसाधारणबीमाकर्ता कीओर से उपस्थितथे।प्राधिकरण कीओर से श्रीप्रभात कुमारमैती,महाप्रबंधक (प्रवर्तन)और श्री के.श्रीधर, सहायकमहाप्रबंधक(प्रवर्तन) भी उपस्थितरहे।
5. साधारणबीमाकर्ताद्वाराएससीएन के लिएदिये गयेउत्तर मेंकिये गयेप्रस्तुतीकरणों,16 अक्तूबर 2019 कोवैयक्तिकसुनवाई केदौरान किये गयेप्रस्तुतीकरणोंतथा वैयक्तिकसुनवाई के बाददिनांक 12नवंबर 2019 और 2जनवरी 2020 केपत्रों के अनुसारकिये गयेप्रस्तुतीकरणोंपर प्राधिकरण द्वाराविचार कियागया है एवंउसके आधार परप्रत्येकआरोप पर लियागया निर्णयनिम्नानुसारदिया जाता है।
6. आरोप सं. 1
निम्नलिखितका उल्लंघनः
- आईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013का विनियम 4(कऔर ख) तथा 3(घ)।
- परिपत्रसंदर्भ सं. 021
- परिपत्रसं. आईआरडीए
7. निरीक्षणटिप्पणीः
क) बीमाकर्ताने `विदेशस्थितवैयक्तिकछात्र बीमा’
ख) “टीवीएसक्रेडिटसेवाओं कीबकायाप्रस्ताव जमाराशियों”
8. बीमाकर्ताकेप्रस्तुतीकरणोंका सारांश
क)बीमाकर्ता नेप्रस्तुतीकरणकिया कि उक्तउत्पाद 365 दिनके कवरेज केलिए उपलब्धकराया गया जिसकीअवधि आगे अन्य365 दिन तक बढ़ाईजा सकती है।इस प्रकार,उक्त उत्पादकुल मिलाकर 730यात्रा दिनोंकी अधिकतमयात्रा अवधिके लिए अनुमतहै।
यह पायागया कि कईविदेशीविश्वविद्यालयऔर अन्यशैक्षणिक
यहप्रस्तुतकिया जाता हैकि कंपनी नेकुल मिलाकर 730दिन से अधिककोई कवर जारीनहीं किया है।इसके अलावा, कंपनीने आयु केमानदंड सहितउत्पाद के सभीअन्यमानदंडों कापालन किया हैतथा 365 दिन सेअधिक अवधि केलिए पालिसीजारी करने कीप्रथा को 01 अक्तूबर2017 से समाप्त करदिया है।
प्राधिकरणसे टिप्पणी कीप्राप्ति केपरिणामस्वरूपऔर प्रारंभिकपालिसी के साथतत्काल पालिसीकी अवधि काविस्तारउपलब्ध करानेपर प्राधिकरणकी आपत्तिदर्ज कियेजाने के बादकंपनी ने ऐसेकिसी अनुरोधको स्वीकारकरना बंद कियाहै तथा यहसुनिश्चितकिया है किप्रारंभिकपालिसी 1अक्तूबर 2017 सेकेवल एक वर्षकी अवधि केसाथ ही जारीकी जाए।
ख)बीमाकर्ता नेप्रस्तुतीकरणकिया कि सामूहिकदुर्घटनापालिसी औरवैयक्तिकसंरक्षण पालिसीव्यापक जोखिमसंरक्षण कवरप्रदान करती हैंतथा मुख्य रूपसे इनकाविकल्प पालिसीधारकोंद्वारादुर्भाग्यपूर्णदुर्घटना घटितहोने कीस्थिति मेंबकाया ऋणों केकारण उनकीहानि को कमकरने के लिएदिया जाता है।आगे यह भीप्रस्तुतकिया गया हैकि बकाया ऋणकी राशिप्रारंभिक 5वर्ष मेंसामान्यतःअधिक रहती हैतथा प्रत्येकवर्ष नवीकरणकरवाने के किसीझंझट के बिना 5वर्ष की अवधिके लिएपालिसियाँउपलब्ध करानेहेतुपालिसीधारकोंसे हमेश् माँगकी जाती है।
यहप्रस्तुत हैकि प्राधिकरणनेपालिसीधारकोंकी अपेक्षा औरउद्योग केअभ्यावेदन परविचार किया हैतथा आईआरडीएआई(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2016में समर्थकखंड 3(घ)निविष्ट करनेके द्वाराऋण-सहबद्ध सामूहिकस्वास्थ्यपालिसियों केनिर्गम की अनुमतिदी है जहाँअवधि काविस्तार पाँचवर्ष से अनधिकऋण अवधि तककिया जा सकताहै।
इसकेअतिरिक्त,बीमाकर्ता नेवैयक्तिकसुनवाई के बादनिम्नलिखितअतिरिक्तसूचना प्रस्तुतकी।
क)
उत्पाद | 2013-14 | 2014-15 | 2015-16 | 2016-17 | कुल |
1 वर्ष से अधिक के लिए सामूहिक वैयक्तिक दुर्घटना पालिसी | 14 | 16 | 8 | 6 | 44 |
3 वर्ष से अधिक के लिए वैयक्तिक संरक्षण पालिसी | 37,662 | 79,707 | 77,344 | 21,858 | 2,16,571 |
कुल जोड़ | 37,676 | 79,723 | 77,352 | 21,864 | 2,16,615 |
ख)
ग)
उपर्युक्तके अलावा,बीमाकर्ता नेप्रस्तुतीकरणकिया किपालिसीधारकोंकी वर्तमानअपेक्षा कोपूरा करने केलिए उक्तपालिसियाँजारी की गईथीं, जिसकेलिए भी बादमेंप्राधिकरण द्वाराअनुमति दी गईहै। कंपनी नेकहा कि उसने पालिसियाँपालिसीधारकोंके सर्वोत्तमहित में तथाकिसी क्रमभंगके बिना बीमाकवरेज के अबाधप्रवाह कोअनुभव करनेमें उन्हेंसमर्थ बनानेके लिए जारीकी हैं।
9.आरोप सं. 1 परनिर्णय
क) एफएण्डयूदिशानिर्देशोंके अंतर्गतप्राधिकरण केपास फाइल कियागया उत्पाददस्तावेज निर्दिष्टकरता है कि
बीमाकर्ताको वर्तमान उत्पादकी शर्तों मेंपरिवर्तन कीआवश्यकता सूचितकरते हुए यहविषयप्राधिकरण कीजानकारी मेंलाना चाहिए थातथा फाइल एण्डयूज़ दिशानिर्देशोंके अंतर्गत एकसंशोधन फाइलकरते हुएप्राधिकरण केअनुमोदन कीअपेक्षा करनीचाहिए थी।
तथापि,इसप्रस्तुतीकरणको ध्यान मेंरखते हुए किबीमाकर्ता नेइस प्रकार कीपालिसी जारीकरने की प्रथा1 अक्तूबर 2017 सेबंद की है, बीमाकर्ताको प्राधिकरणके परिपत्रसंदर्भ सं.आईआरडीएआई
ख)प्राधिकरण नेआईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 201316 फरवरी 2013 कोअधिसूचितकिये हैं।आईआरडीए (स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के विनियम 17(क-
1. सामूहिकउत्पादों केमामले में, 1जुलाई 2013 से
2. वैयक्तिकउत्पादों केमामले में 1अक्तूबर 2013 से
इसप्रकार,प्राधिकरण नेयह स्पष्ट रूपसेअधिदेशात्मक(मैंडेटरी) करदिया है कि इसप्रकार केअनुपालन नकरनेवाले सभीउत्पाद उक्तविनियम मेंविनिर्दिष्टतारीख के बाद
इसकेअतिरिक्त,आईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के विनियम 17(ख-
आईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के विनियम 3(ग)और 3(घ) केअनुसार,सामूहिक औरवैयक्तिकस्वास्थ्यउत्पादों केलिए अधिकतमअनुमति-योग्यपालिसी अवधिनिम्नानुसारनिर्धारित कीगई हैः
आईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013
विनियम 3(ग) | गैर-जीवन और स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमा कंपनियाँ वैयक्तिक स्वास्थ्य उत्पाद न्यूनतम एक वर्ष की अवधि और अधिकतम तीन वर्ष की अवधि के साथ प्रस्तावित कर सकते हैं। |
विनियम 3(घ) | किसी भी बीमा कंपनी के द्वारा सामूहिक स्वास्थ्य बीमा पालिसियाँ प्रस्तावित की जा सकती हैं, बशर्ते कि ऐसे सभी उत्पाद केवल एक वर्ष की नवीकरण- योग्य संविदाएँ होंगी। |
आईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के विनियम 17 (ख-
फाइलकिये गये उक्तप्रमाणपत्रऔर दस्तावेजोंके आधार पर संशोधितफाइलिंगआईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के अनुसारसामूहिक औरवैयक्तिकस्वास्थ्यउत्पादों केअंतर्गतअनुमति-योग्यअधिकतम अवधिके लिएअनुपालन मेंहोने के कारणउक्त फाइलिंगको प्राधिकरण द्वारानिम्नानुसारनोट किया गयाः
| उत्पाद का नाम | बीमाकर्ता द्वारा प्रस्तुत सीईओ और नियुक्त बीमांकक के अनुपालन प्रमाणपत्र की तारीख | प्रमाणपत्र को नोट करने की तारीख |
1 | सामूहिक वैयक्तिक दुर्घटना पालिसी | 19-07-2013 | 14-08-2013 |
2 | व्यक्तिगत वैयक्तिक संरक्षण पालिसी | 11-06-2013 | 20-06-2013 |
तथापि,नमूना पालिसीदस्तावेजोंकी जाँच करनेपर तथा उक्तआरोप के लिएबीमाकर्ता केप्रस्तुतीकरणोंके आधार पर, यहदेखा गया हैकि बीमाकर्ताने एक वर्ष सेअधिक पालिसीअवधि से युक्तसामूहिकवैयक्तिक दुर्घटनापालिसियाँजारी करना 1जुलाई 2013 के बादभी जारी रखा तथा3 वर्ष से अधिकपालिसी अवधिसे युक्त व्यक्तिगतवैयक्तिकसंरक्षणपालिसियाँजारी करना 1अक्तूबर 2013 केबाद भी जारीरखा, इसकेबावजूद कि दोनोंउत्पादआईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013मेंनिर्धारित रूपमें अधिकतमपालिसी अवधिके मानदंड कोपूरा नहींकरते एवं इसकेबाद भी किआईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के अनुसारउत्पाद कीअवधि को आशोधितकरने के संबंधमेंप्राधिकरण सेप्रमाणपत्रआधारितअनुमोदनप्राप्त कियागया था।
इसप्रकार,आईआरडीए(स्वास्थ्य बीमा)विनियम, 2013 केविनियम 17 (क-
इसविषय में,बीमाकर्ता नेयह कहते हुएसामूहिक पीएऔर व्यक्तिगतवैयक्तिकसंरक्षणउत्पादों केसंबंध मेंप्राधिकरण कोसंबोधित एकअभ्यावेदन कीप्रति 30सितंबर 2013 कोप्रस्तुत कीहै, किप्राधिकरण सेअगलास्पष्टीकरणआने तक वहदोनों हीउत्पादों केअंतर्गत 5वर्ष तक कीअवधि कीपालिसियाँदेना जारीरखने का प्रस्तावकरता है।
इसप्रकार,उपर्युक्तअभ्यावेदन औरबीमाकर्ताद्वाराउपलब्ध करायेगये डेटा सेयह सुस्पष्टहै कि बीमाकर्ताने 1 जुलाई 2013 केबाद सामूहिकवैयक्तिकदुर्घटनाउत्पाद बेचनाजारी रखा जोकिसामूहिक उत्पादोंके लिए अंतिमतारीख थी तथा 1अक्तूबर 2013 के बादव्यक्तिगतवैयक्तिकसंरक्षणपालिसी बेचनाजारी रखा जोकिव्यक्तिगतउत्पादों केलिए अंतिमतारीख थी।
साधारणबीमाकर्ता काअभ्यावेदनसामूहिक स्वास्थ्यउत्पाद हटानेके लिएआईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013द्वारानिर्धारितअंतिम तारीखके 3 महीने केबाद एवंआईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013मेंनिर्धारितमानदंडों कोपूरा नकरनेवालेउत्पाद बंदकरनाबीमाकर्ताओंके लिएअधिदेशात्मक(मैंडेटरी)करते हुएव्यक्तिगतस्वास्थ्यउत्पादोंहेतुनिर्धारितअंतिम तारीखके बादप्राप्त कियागया।
साधारणबीमाकर्ता कोयह ध्यान देनाचाहिए कि उक्तविनियमों केनिर्गम सेपहले,प्राधिकरण नेउक्तविनियमों काप्रारूप अपनीवेबसाइट पर 1जून 2012 को रखा हैतथा जनसाधारणएवं उद्योग केसभीहितधारकों सेभीटिप्पणियाँआमंत्रित करतेहुए एक प्रेसप्रकाशनीजारी की है।सभीहितधारकों केविचारों कीजाँच करने केबादप्राधिकरण नेबीमा सलाहकारसमिति के साथपरामर्श करनेके उपरांत उक्तविनियमअधिसूचितकिये हैं।
प्राधिकरणके परिपत्रसं. जन/सीआईआर/
उपर्युक्तपरिपत्र केद्वारा एवंआईआरडीए (स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013में भी स्पष्टरूप से सूचनादेने केबावजूद बीमाकर्ताने आईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के उपबंधों काउल्लंघन करनाजारी रखा।
आईआरडीएआई(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2016के अनुसार,प्राधिकरण ने केवलऋण सहबद्ध सामूहिकस्वास्थ्यउत्पादों कीअनुमति-योग्यअधिकतमपालिसी अवधिएक वर्ष सेपाँच वर्ष तक शिथिलकर दी है तथासूचित किया हैकि किसी भी स्वास्थ्यउत्पाद काविपणनप्राधिकरण केपूर्वअनुमोदन केबिना नहींकिया जासकता।
इसप्रकारउपर#2352;्युक्तसमस्त विवरणसे यह सुस्पष्टहै किः
क)
ख)
ग)
घ)
ऊपर(क) से (घ) तक केअंतर्गतउल्लिखिततथ्य निम्नलिखितनिष्कर्षोंके लिए मार्गप्रशस्त करतेहैं :
क)
ख)
चूँकिबीमाकर्ताद्वारा उक्तउल्लंघन 100 दिन सेअधिक अवधि केलिए जारी रहा,अतः बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 102(ख) केउपबंधों केअनुसारप्राधिकरणमें निहितशक्तियों काप्रयोग करतेहुए,प्राधिकरणइसके द्वाराआईआरडीए (स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के विनियम 3(घ),3(ग) और 4(क और ख) केउल्लंघन केलिए रु.1,00,00,000
प्राधिकरणके परिपत्रसं. आईआरडीए
11.निरीक्षणटिप्पणीः
नकदीरहितस्वास्थ्यदावों केअंतर्गत बिलोंके अंतिमनिपटान के समयनेटवर्कअस्पताल बीमाकर्ताको छूटेंप्रदान कर रहेथे। तथापि,जाँच किये गयेनमूना मामलोंमें यह देखागया है कि बीमाकर्तायह लाभ अपनेग्राहकों कोबढ़ी हुई बीमितराशि के रूपमें दे रहा है,परंतुअस्पताल सेप्राप्त छूट नहींलौटा रहा है।इस प्रकार कीव्यवस्था हानिकारकबन सकती है,जहाँ—
क.
ख.
ग.
दावा संख्या | सकल राशि | दी गई छूट | निवल राशि | छूट घटाकर अस्पताल को दावा भुगतान करने की तारीख |
22020142276 | 31073 | 621 (शीघ्र भुगतान पर 2%) | 30452 | 03-07-2015 |
2201003156026 | 18000 | 900 (टैरिफ पर 5% छूट) | 17100 | 16-07-2015 |
12.बीमाकर्ताकेप्रस्तुतीकरणोंका सारांशः
यहप्रस्तुतीकरणकिया गया हैकि नियतप्रशुल्कों(टैरिफ्स) केसंबंध में सहमतिदेने केद्वाराबीमाकृतव्यक्तियों
इसकेअतिरिक्त,कंपनीबीमाकृतव्यक्तियों
चूँकिउक्तअतिरिक्त छूटएक आवधिक अथवाआवश्यकताहोने के आधारपर प्रदान कीजाती है, अतःबिलिंग के समयइसका प्रभाजनकरना संभव नहींहै क्योंकि येनेटवर्कप्रतिपूर्तिके स्तर परलागू होंगी।ऐसीपरिस्थितियोंमें बीमाकृतव्यक्तियों
इसकेअलावा, जब तककंपनी किसीनेटवर्कप्रदाता केसाथ खातों कानिपटान करदेती है, तब तकबीमाकृतव्यक्तियों
तथापि,कंपनी नेप्राधिकरण कीआपत्ति कोदर्ज करने केबाद,अस्पतालों केसाथ बातचीतकरने अथवाअस्पतालों सेकोईप्रशासनिकछूट प्राप्त करनेकी प्रथा कोसमाप्त करदिया है,जिसकाप्रभाजनसंबंधितमरीजों/लाभार्थियों/
प्राधिकरणकीअपेक्षानुसार,कंपनी इसकेद्वारा खुदरापालिसियों काविवरणप्रस्तुत करताहै, जहाँ एकपालिसी वर्षके दौरान (23 जून2015 से 12 नवंबर 2019 तक)बीमित राशि कापूर्णतःउपयोग कियागया है।
वित्तीय वर्ष -वार | दावों की संख्या जहाँ बीमित राशि समाप्त हो गई है तथा अतिरिक्त छूट प्राप्त की गई है | प्राप्त छूट (डिडक्शन) | बीमित राशि की बहाली के बाद निपटाये गये दावे | निपटाई गई राशि |
2015-16 | 72 | 15,59,162 | 3 | 48,870 |
2016-17 | 134 | 29,69,737 | 12 | 2,47,807 |
2017-18 | 151 | 40,67,290 | 7 | 1,11,991 |
2018-19 | 254 | 51,05,919 | 24 | 5,01,134 |
2019-20 | 200 | 49,13,729 | 25 | 4,95,014 |
कुल जोड़ | 811 | 1,86,15,837 | 71 | 14,04,816 |
13.आरोप सं. 2 परनिर्णय
प्राधिकरणने परिपत्रआईआरडीए/टीपीए/
इसकेअतिरिक्त,उक्त परिपत्रके बिन्दु 4 परयह पुनःदोहराया गयाहै कि “बीमाकर्ताऔर टीपीए यहसुनिश्चितकरेंगे कि अस्पतालसे प्राप्तअथवा प्राप्तकरने के लिएसहमत प्रत्येकछूट अंतर्निहितदावे के संबंधमें आगेपालिसीधारकअथवा दावेदारको पूर्णतःकेवल मौद्रिकरूप में ही दीजाए।”
इसप्रकार,उपर्युक्तपरिपत्र से यहसुस्पष्ट हैकि प्राधिकरणनेबीमाकर्ताओंद्वारा नेटवर्कप्रदाताओं सेप्राप्तछूटों केसंबंध में अपनीधारणा स्पष्टरूप सेनिर्दिष्ट कीहै।
बीमाकर्ताद्वाराअनुसरण की गईप्रथा के अनुसार,नेटवर्कप्रदाता सेप्राप्त छूटके समान बीमितराशि मेंवृद्धि केवलउन्हीं ग्राहकोंके लिए सहायकहोगी जोपालिसी की शेषअवधि के दौरानआगे और दावाकरेंगे। इसस्थिति केहोते हुए, उनमामलों मेंजहाँ दावे कीराशि बीमितराशि से अधिकहो गई है तथा बीमितराशि से अधिकअस्पताल केदावे का शेष,यदि कोई हो,दावेदारद्वाराडिस्चार्ज केसमय अपनी स्वयंकी जेब से अदाकिया जा रहाथा, ऐसीस्थिति मेंनेटवर्कप्रदाता सेबीमाकर्ताद्वारा बादमें प्राप्तकी गई कोई भीछूट वापसपालिसीधारक
इसप्रकार,बीमाकर्ता के उत्तरके अनुसार,परिपत्रदिनांक 23 जून 2015के निर्गम केबाद और 12 नवंबर2019 तकबीमाकर्ताद्वारानिपटाये गये 811स्वास्थ्यदावों केसंबंध मेंदावे केनिपटान परपालिसी कीबीमित राशिसमाप्त हो गईहै तथा तदुपरांतकंपनी नेनेटवर्कअस्पतालों सेरु. 1,86,15,837 की राशिछूट के रूपमें प्राप्तकी है। उपलब्धबीमित राशि केरूप में उक्तछूट की राशिको बहाल करनेपर कंपनी नेनेटवर्कअस्पतालों सेप्राप्त छूटके बदले बहालकी गई बीमितराशि में सेरु. 14,04,816 के 71 दावोंका निपटानकिया।
उक्तप्रस्तुतीकरणसे यह स्पष्टहै किबीमाकर्ता केपास अब भी उनग्राहकों के संबंधमें नेटवर्कअस्पतालों सेप्राप्त छूट मेंसे रु. 1,72,11,021 कीराशि शेष है,जिनकी बीमितराशि समाप्तहो गई है तथाजिन्होंनेसंबंधित पालिसीअवधि के दौरानआगे कोई औरदावाप्रस्तुत नहींकिया है।
बीमाकर्तानेप्रस्तुतीकरणकिया कि उसनेप्राप्त छूटके समान बीमितराशि कीवृद्धि करने केसंबंध मेंउक्त प्रथा 12नवंबर 2019 से बंदकी है तथावैकल्पिक तौरपर जहाँ बीमितराशि समाप्त होगई है वहाँनेटवर्कप्रदाताओं सेप्राप्त छूटकी राशि लौटारहा है।
बीमाकर्ताको निदेश दियाजाता है किनेटवर्क प्रदाताओंसे प्राप्तछूट को घटानेके बाद देयवास्तविकदावा राशि केसंबंध में ऐसेसभी मामलोंमें पुनःगणना-कार्यकरे, जैसेदावे के निपटानके समय ही यदिछूट प्राप्तकी गई थी तो अनुमति-योग्यदावा क्या रहाहोता तथा तदनुसारदावेदार कोभुगतान करनेकी व्यवस्था करे।बीमाकर्ता कोसूचित कियाजाता है किनेटवर्कप्रदाताओं सेप्राप्त छूटको उन दावेदारोके संबंध मेंजिनकी बीमितराशि समाप्तहो गई हो,आईआरडीए(पालिसीधारकोंके हितों कासंरक्षण)विनियम, 2002 केविनियम 9(6) अथवाआईआरडीएआऊई(पालिसीधारकोंके हितों कासंरक्षण) विनियम,2017 के विनियम 16,जैसा लागू हो,के अनुसारब्याज के साथ लौटानेकी प्रक्रियाप्रारंभ करे।बीमाकर्ता कोनिदेश दियाजाता है किउक्त धनवापसीकी सारीप्रक्रिया इसआदेश केनिर्गम से 3महीने के अंदरपूरी करे तथा 3महीने पूरेहोने परतत्कालकार्रवाई कीप्रगति केसंबंध मेंप्राधिकरण कोअद्यतनजानकारीप्रस्तुत करेएवं वापस न कीगई धनराशि,यदि कोई हो, केउपयोग केसंबंध मेंआईआरडीएआई केअगले निदेश कीअपेक्षा करे।
इसकेअतिरिक्तबीमाकर्ता कोअब के बादआईआरडीएआई(अन्य पक्षप्रबंधक –स्वास्थ्यसेवाएँ)विनियम, 2016 के विनियम20(9) के उपबंधोंका अनुपालनसुनिश्चितकरने का भीनिदेश दियाजाता है।
14.आरोप सं. 3
निम्नलिखितका उल्लंघनः
क)
ख)
15.निरीक्षणटिप्पणीः
बीमाकर्ताके द्वाराप्रस्तुतदावा रजिस्टरऔर दावा डेटासे यह देखागया है किबीमाकर्तादावों कोस्पष्ट रूप सेअस्वीकृतकिये बिनादावा मामले(देयता काविपर्यय) बंदकरने की प्रथाका अनुसरणकरता है।बीमाकर्ता नेसूचित किया किवह ऐसे दावोंको बंद करताहै जिनकानिपटानदस्तावेजअथवा कोई अन्यजानकारीप्राप्त नहोने के कारणकाफी लंबे समयसे नहीं कियागया है तथाजिन्हेंस्पष्ट रूप सेअस्वीकृतनहीं किया जासकता।
16.बीमाकर्ताकेप्रस्तुतीकरणोंका सारांशः
यहप्रस्तुतीकरणकिया गया हैकि किसी दावेका आकलन अथवानिर्धारणकरने के लिएबीमाकर्ता केलिए कुछअधिदेशात्मक(मैंडेटरी)
तथापि,आईआरडीएआई(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2016मेंअंतःस्थापितरूप में दियेगये विनियामकनिदेश का उचितअनुपालन करतेहुए यहप्रस्तुत कियाजाता है किकंपनी ने अबएकविनिर्दिष्टसमय-सीमा केअंदर दावेदारद्वाराआवश्यक/महत्वपूर्णऔर/याअधिदेशात्मक(मैंडेटरी)दस्तावेजप्रस्तुत नकिये जाने कीस्थिति मेंदावों कोनिराकृत करनेकी प्रथाअपनाई है।
17.आरोप सं. 3 परनिर्णय
प्राधिकरणबीमाकर्ता केप्रस्तुतीकरणसे इस बात कोनोट करता हैकिअधिदेशात्मक(मैंडेटरी)दावादस्तावेजप्राप्त होने परदावों को पुनःखोला गया औरनिपटाया गयाऔर साथ ही,लंबितआवश्यकताओंके लिए आवधिकअंतरालों परस्मरण-पत्रभेजे गये।
बीमाकर्ताकेप्रस्तुतीकरणपर कि `एकबंद दावा वहहै जो आवश्यकरिज़र्वों केसाथ कंपनी कीबहियों मेंधारित है’,इस संबंध मेंएक पुष्टीकरणमाँगा गया।पुष्टीकरणमें कंपनीअपने पिछलेप्रस्तुतीकरणसे हट गई औरस्पष्ट कियाकि बंद दावोंको उपगत परंतुसूचित न कियेगये दावों(आईबीएनआर) कीश्रेणी केअंतर्गतरिज़र्विंगके प्रयोजन केलिए माना गया।विचाराधीनदावों की सूचनास्पष्ट रूप सेदी गई औरभुगतान आवश्यकप्रलेखीकरणके कारण बकायाथा। अतःइन्हें आईबीएनआरश्रेणी केअंतर्गतमानते हुए यहरिज़र्विंगआवश्यकता कोकम करने औरशोधक्षमता (साल्वेंसी)की स्थिति कोसुधारने काप्रयास था।
उपर्युक्तप्रस्तुतीकरणोंको ध्यान मेंरखते हुए,प्राधिकरणबीमाकर्ता कोनिम्नलिखितका अनुपालनसुनिश्चितकरने का निदेशदेता हैः
- आईआरडीएआई(पालिसीधारकोंके हितों कासंरक्षण)विनियम, 2017 काविनियम 15 (8 और 9) –यह सुनिश्चितकरने के लिए उचितआंतरिकव्यवस्थाकायम करना किनिराकरण केस्पष्ट कारण
- आईआरडीएआई(पालिसीधारकोंके हितों कासंरक्षण)विनियम, 2017 केविनियम 13(3) और 15(1) –दावा फार्मप्राप्त करनेके समय दावासंबंधी सभी अनिवार्य(मैंडेटरी)अपेक्षाओं कीसूचना दावेदारको देना औरअनुवर्तन केलिए आवश्यकसंपर्क विवरणप्राप्तकरना।
- आईआरडीएआई(पालिसीधारकोंके हितों कासंरक्षण)विनियम, 2017 काविनियम 15(4) –लंबितआवश्यकताओंके संबंध मेंमध्यवर्ती,ई-मेल, मोबाइलएसएमएस औरकिसी अन्यमाध्यमद्वारादावेदारों केसाथ अनुवर्तनकरना।
- आईआरडीएआई(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2016का विनियम 27
- आईआरडीएआई(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2016का विनियम 27 – सभीदस्तावेज एकही बार माँगनाऔर थोड़ा-थोड़ाकरके नहीमाँगना तथा वहसूचना नहींमाँगना जोप्रस्ताव केस्तर पर पहलेही प्राप्त कीगई है।
18.निर्णयों कासारांशः
आरोप सं. | उपबंधों का उल्लंघन | निर्णय |
1.क | एफएण्डयू दिशानिर्देश दिनांक 28.09.2006 | परामर्श |
1.ख | आईआरडीए (स्वास्थ्य बीमा) विनियम, 2013 | रु. 1 करोड़ का अर्थदंड |
2 | प्राधिकरण का परिपत्र सं. आईआरडीए/टीपीए/विविध/ सीआईआर/117/06/2015 दिनांक 23.06.2015 | निदेश |
3 | आईआरडीएआई (स्वास्थ्य बीमा) विनियम, 2016 का विनियम 27(v) | निदेश |
19.
यहआदेश साधारणबीमाकर्ता केबोर्ड केसमक्ष आगामीबोर्ड बैठकमें प्रस्तुतकिया जाएगातथा साधारणबीमाकर्ताविचार-विमर्शकेकार्यवृत्तकी एक प्रतिप्रस्तुत करेगा।
20. यदिसाधारणबीमाकर्ता इसआदेश सेअसंतुष्ट है,तो बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 110 केउपबंधों के अनुसारप्रतिभूतिअपीलीयन्यायाधिकरण(एसएटी) को अपीलप्रस्तुत कीजा सकती है।
(डा.सुभाष सी.खुंटिआ)
अध्यक्ष
स्थानःहैदराबाद
दिनांकः27-01-2020