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आईआरडीएआई
टाटा-एआईजीजनरलइंश्योरेंसकंपनी लि. –यूनिसनइंश्योरेंसब्रोकर्सप्रा. लि. केलिए फ़सल बीमाका पुनर्बीमास्थानन – केमामले मेंबीमा अधिनियम,1938 की धारा 42डी,102(बी) तथाआईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 केविनियम 4, 30, 40(2), 48 केअधीन आदेश
1. पृष्ठभूमि
क. प्राधिकरणने 21.12.2018 को मुख्यजोखिम वअनुपालन अधिकारी,टाटा एआईजीजनरलइंश्योरेंसकंपनी लि. द्वारामेसर्स यूनिसनइंश्योरेंसब्रोकिंगसर्विसेज़ प्रा.लि. के माध्यमसे पुनर्बीमासंरक्षण के स्थाननके संबंध मेंअपनी कंपनी केविरुद्ध की गईधोखाधड़ी कीसूचना देतेहुए प्रेषितएक ई-मेलप्राप्तकिया।
ख. मेसर्सयूनिसनइंश्योरेंसब्रोकिंगसर्विसेज़प्रा. लि. (इसआदेश में इसकेबाद `दलाल’
ग. श्रीस्टीवेन एल.चेट्टीमलेशिया मेंकान्फियान्सके एमडी हैंतथा डा. मुकेशरनवान और श्रीसचिन अग्रवालभारत मेंजीएमसी केप्रमुखों केरूप में कान्फियान्सके प्रतिनिधिहैं।
घ. कान्फियान्सने अपने ई-मेलदिनांक 12जुलाई 2018 और 31जुलाई 2018 केअनुसारनिम्नलिखितदो पुनर्बीमाकर्ताओंके पास स्थाननके लिएसर्वोत्तमशर्तेंउपलब्ध कराईं
i. टोकियोमरीन किल्नसिंडिकेट 510(टीएमके)(स्टैंडर्डएण्ड पूअर्सद्वारारेटिंग ए
ii. बेस्टमेरिडियनइंश्योरेंस(बीएमआई) (एएमबेस्ट द्वाराए-एक्सलेंटरेटिंगप्राप्त)
ङ. बाजार कीप्रथा केअनुसार,सहभागीपुनर्बीमाकर्ताओंकीहस्ताक्षरितपर्चियों कीप्रतियों केसाथ उक्त आरआईस्थानन कीपुष्टि की गई(एआरबी इंटरनेशनलके पत्र-शीर्षपर एक पर्चीपर टीएमके द्वारातथा दूसरीपर्ची परबीएमआई, यूएसद्वारा हस्ताक्षरकर मुहर लगाईगई)।
च. यथासमय,दलाल नेक्रमशः 25सितंबर 2018 और 22अक्तूबर 2018 कोदलाली कीकटौती करने केबादकान्फियान्स कोक्रमशः 1.13करोड़ आईएनआरऔर 6.17 करोड़आईएनआर कापुनर्बीमाप्रीमियमविप्रेषितकिया।
छ. नवंबर 2018में टाटाएआईजीअधिकारियोंकी जानकारीमें आया है किटीएमके अपनेफ़सल व्यवसायके विकल्पीस्थानन मेंसहभागितानहीं कर रहाहै। तुरंतटाटा एआईजी नेकान्फियान्स द्वाराउपलब्ध कराईगई टीएमकेहस्ताक्षरित पुनर्बीमापर्ची की एकप्रति के साथटीएमके कीसाधारण परिषदसे संपर्ककिया। आंतरिकरूप से जाँचकरने के बादटीएमके नेपुष्टि की किउन्होंनेउक्तपुनर्बीमा केलिए कोईसमर्थन नहींदिया है तथाकथित तौर परटीएमकेद्वारा हस्ताक्षरितपर्ची उनकेद्वारा जारीनहीं की गईथी।
ज. टाटाएआईजी नेबीएमआई सेसंपर्क कियातथा बीएमआई नेपुष्टि की किवह जोखिम परनहीं है तथा बीएमआईग्लोबल औरउसकी संबद्धऔर सहायकसंस्थाओँ नेटाटा एआईजी कोसंबद्ध करते हुएकिसी भीपुनर्बीमा केसंबंध में भावउद्धृत नहींकिया है, उसकाजोखिम-अंकननहीं किया है,उसेहस्ताक्षरितनहीं किया हैअथवा उसकानिष्पादननहीं किया है।बीएमआई ने यहभी सूचित कियाकि वह इसदस्तावेज केमूल स्रोत केसंबंध मेंअन्वेषणप्रारंभ कररहा है तथा यह पुष्टिकी कि बीएमआईइस कवरेज सेआबद्ध होना स्वीकारनहीं करताअथवा उसकीपहचान नहींकरता।
झ. टाटाएआईजी ने इसविषय में दलालके साथ संपर्ककिया। जाँचकरने केउपरांत दलालइस निष्कर्षपर पहुँचा किजीएमसी औरकान्फियान्सके भारतीयप्रतिनिधिद्वाराउपलब्ध कराईगई पर्चियाँधोखाधड़ी सेयुक्तपर्चियाँहैं।
ञ. श्रीस्टीवेन एल.चेट्टी, एमडी,कान्फियान्सने दलाल कोप्रेषित अपनेई-मेल दिनांक20.11.2018 द्वारापरिस्थिति
ट. यूनिसनबीमा दलाल ने29.11.2018 को संयुक्तपुलिस आयुक्त,आर्थिक अपराधखंड, मुंबई केपास ग्लोबल मास्टरकन्सल्टेंट्सके डा. मुकेशरनवान, श्रीसचिन अग्रवालएवं श्रीस्टीवेन एल.चेट्टी,कान्फियान्सके विरुद्धशियात दर्ज कीतथा 31.12.2018 को एककानूनी नोटिसजीएमसी औरकान्फियान्सको भेजा।
ठ. टाटा-एआईजीने खरीफ 2018 केलिए राजस्थान समूह(क्लस्टर) मेंफ़सल बीमा सेसंबंधित पुनर्बीमास्थानन मेंधोखाधड़ी काआरोप लगातेहुए 21.12.2018 कोयूनिसन बीमादलाल केविरुद्धआईआरडीएआई कोशिकायत की।प्राधिकरण ने26.12.2018 को यूनिसनबीमा दलाल सेएक रिपोर्ट कीमाँग की।यूनिसन ने अपनेपत्र दिनांक03.01.2019 के द्वाराप्राधिकरण कोयह स्पष्टकरते हुएउत्तर दिया किकैसे यूनिसनको भी धोखादिया गया हैऔर उन्होंनेभी आर्थिकअपराध खंड,मुंबई पुलिसको शिकायत कीहै।
2. प्राधिकरणद्वारा माँगेगयेस्पष्टीकरण
क) प्राधिकरणने दस्तावेजीप्रमाण के साथटाटा-एआईजीद्वारा उठायेगये मुद्दोंपर यूनिसन केविचार माँगतेहुए अपने पत्रदिनांक 26दिसंबर 2018 और 3जनवरी 2019 केद्वारायूनिसन के साथउक्त विषय मेंसंपर्क किया।प्रत्युत्तरमें दलाल नेअपना उत्तर 3जनवरी 2019, 7 फरवरी2019, 8 मार्च 2019 और 30मई 2019 कोप्रस्तुतकिया।
ख) दलाल केद्वारा कियेगयेप्रस्तुतीकरणोंकी जाँच करनेपर यह पायागया कि दलालने बीमा अधिनियमतथा उसके अधीनबनाये गयेविनियमों
ग) यूनिसनके अनुरोध कोध्यान मेंरखते हुए कारणबताओ नोटिस केसंबंध में एकवैयक्तिकसुनवाई काअवसर सदस्य(वितरण) केद्वाराप्रदान किया गया।उक्तवैयक्तिकसुनवाईहैदराबाद मेंप्राधिकरण केकार्यालय में30 सितंबर 2019 कोआयोजित की गई।वैयक्तिकसुनवाई केदौराननिम्नलिखितअधिकारीउपस्थित थेः
3. उल्लंघनऔर प्राधिकरणका निर्णय
1. एससीएनदिनांक 8जुलाई 2019 मेंयूनिसन केविरुद्धलगाये गयेआरोपों, अपनेउत्तरोंदिनांक 3 जनवरी2019, 7 फरवरी 2019, 8मार्च 2019, 30 मई 2019 और26 जुलाई 2019 मेंयूनिसन केप्रत्युत्तर,30 सितंबर 2019 कोवैयक्तिक सुनवाईके दौरानयूनिसनद्वारा कियेगये प्रस्तुतीकरणोंतथा यूनिसनद्वारा अपनेपत्र दिनांक 4अक्तूबर 2019 और 22अक्तूबर 2019 केअनुसार कियेगये अतिरिक्तप्रस्तुतीकरणोंके आधार परउक्त आरोपोंमें सेप्रत्येकआरोप के संबंधमें प्राधिकरणका निर्णयनिम्नानुसारहैं :
क. आरोप सं. 1 –बीमा अधिनियम,1938 की धारा 42डी(8)और (9) तथाआईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 का उल्लंघन
क) प्राधिकरणने दलाल सेस्पष्टीकरणमाँगे कि उन्होंनेटाटा एआईजी केफसल बीमास्थानन के संबंधमें विकल्पी(फैकल्टेटिव)पुनर्बीमासमर्थन रखनेके लिए ग्लोबमास्टरकन्सल्टेंट्स,जोकान्फियान्सका एक प्रतिनिधिहै, के साथशर्तें कैसेविकसित कीं जिससेउक्त बीमाउपबंधों काउल्लंघन हुआ।
ख) दलाल काउत्तर – दलालने अपने उत्तरदिनांक 07.02.2019 केउत्तर में कहाकि उसने भारतके बाहरपुनर्बीमाकर्ताओंके साथपुनर्बीमा केस्थानन के लिएउक्त विदेशी दलाल,कान्फियान्सकी सेवाओँ काउपयोग किया। उक्तविदेशी दलालकी सेवाओँ काउपयोग करने केलिए यूनिसन नेश्री स्टीवेनएल. चेट्टी,कान्फियान्सके संस्थापक औरएमडी केपत्र-व्यवहारकिया औरसंपर्क स्थापितकिया। उक्तपत्र-व्यवहारऔर परस्परविचार-विनिमयमें श्रीस्टीवेनसमन्वय के लिएअपने भारतीयप्रतिनिधियोंको प्रतिलिपिके साथ सूचनादेते हुए अवगतरखते थे,परंतु यूनिसनएकमात्र तौरपर और केवलश्री स्टीवेनके साथ हीव्यवहारकिया। श्रीस्टीवेन औरउनके भारतीयप्रतिनिधियोंके बीच आंतरिकसमन्वय केसंबंध मेंमेलों औरतत्संबंधीविचार-विनिमयमें प्रतिलिपिमें अंकितकिये जाने केसिवा, यूनिसनकिसी भी बातमें संबद्धनहीं था औरकिसी भी जानकारीसे अवगत नहींथा।पुनर्बीमाप्रीमियम का भुगतानकान्फियान्सके बैंक खातेमें सीधे कियागया था तथानिधियों कीसमस्तप्राप्ति कीपावती विदेशीदलाल केद्वारा दी गईथी।
ग) उल्लंघन –
घ) एससीएनके लिए दलालकाप्रस्तुतीकरण– एससीएन केलिए अपनेउत्तर मेंयूनिसन नेअपने पत्रदिनांक 26.7.2019 में आरोपका खंडन किया।यूनिसन केअनुसारउन्होंनेधारा 42डी(8), 42डी(9)और विनियम 48 काउल्लंघन नहींकिया है।यूनिसन केअनुसार धारा42डी(9) का उल्लंघनतब माना जाताहै जब धारा 42डी(8)का उल्लंघनप्रमाणितहोता है। धारा42डी(8) धारा 42डीके अधीन पंजीकृतनहीं की गईसंस्था केमाध्यम सेभारत में बीमाव्यवसाय करनेसे संबंधितहै। यूनिसन केअनुसार उसनेपुनर्बीमा केलिएकान्फियान्सकी सेवाओं काउपयोग किया।कान्फियान्सविधिमान्यरूप से लाबुआनफाइनैंशियलसर्विसेज़अथारिटी केपास पंजीकृतहै तथा उसकीलाइसेंससंख्या बीएस2015105है। यह सूचनाटाटा-एआईजी कोई-मेल दिनांक16.06.2018 के द्वाराप्रकट की गईथी। यूनिसन नेप्रस्तुतीकरणकिया है कि यहकहना गलत हैकि उन्होंनेग्लोब मास्टरकन्सल्टेंट्स(जीएमसी) कीनियुक्ति कीहै अथवा उनकेसाथ बीमाव्यवसाय कियाहै। उन्होंनेजीएमसी के साथकोई करार नहींकिया है, उन्होंनेजीएमसी को कोईनियुक्ति-पत्रजारी नहींकिया है,उन्होंनेजीएमसी के साथकोई लेनदेननहीं किया है,उन्होंनेजीएमसी के साथकोईपत्र-व्यवहारनहीं किया है।प्रीमियम कान्फियान्सको अदा कियागया था औरधनवापसी कान्फियान्ससे प्राप्त कीगई थी। डा.मुकेश रानवानकान्फियान्सके प्रत्यक्षअनुदेशों के अधीनवैयक्तिकक्षमता मेंकार्य कर रहेथे।
ङ) प्राधिकरणका निर्णय
i) प्राधिकरणने यूनिसन कोजारी किये गयेकारण बताओनोटिस मेंयूनिसन केविरुद्धलगाये गये आरोपोंकी जाँच की।प्राधिकरण नेयूनिसन द्वाराकिये गये प्रस्तुतीकरणका भी अवलोकनकिया। उसनेवैयक्तिक सुनवाईके दौरान तथा 4और 22 अक्तूबर 2019के अनुवर्तीपत्रों मेंकिये गयेप्रस्तुतीकरणको भी ध्यानमें रखा।
ii) अपनेसमक्ष रखे गयेसभी तथ्यों परविचार करने केबादप्राधिकरण कीधारणा है किः
क) यूनिसनने 03.01.2019 को प्राप्तअपने उत्तरमेंप्रस्तुतीकरणकिया कि “ग्लोबमास्टरकन्सल्टेंट्सकान्फियान्सके भारतीयप्रतिनिधिहैं तथा उनकाप्रतिनिधित्वडा. मुकेशरानवानद्वारा कियाजाता है जो जयपुर,भारत में हैं।”
ख) तदनुसार,बीमा अधिनियम,1938 की धारा 105(ग) केअनुसार, यहविषय अगलीकार्यवाही केलिए उपर्युक्तधारा केअनुसारनियुक्तन्यायनिर्णयनअधिकारी कोप्रेषित कियाजा रहा है।
ख. आरोप सं. 2 –निम्नलिखितका उल्लंघनः
i. आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 काविनियम 4 –अनुसूची
ii. आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 काविनियम 30 –अनुसूची
iii. आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 काविनियम 30 –अनुसूची
क) प्राधिकरणने दस्तावेजीप्रमाण के साथटाटा-एआईजीद्वारा उठायेगये मुद्दोंपर यूनिसन केविचार माँगतेहुए अपने पत्रदिनांक 26दिसंबर 2018 केअनुसार इसविषय कोयूनिसन के पासउठाया। इसकेअतिरिक्तप्राधिकरण नेस्पष्टीकरणमाँगा कि यदिटोकियो मरीनकिल्नसिंडिकेट 510(टीएमके) औरबेस्टमेरिडियनइंश्योरेंसकंपनी(बीएमआई)टाटा-एआईजी केपुनर्बीमाजोखिम मेंसहभागितानहीं कर रहेहैं, तो i) इनदोपुनर्बीमाकर्ताओंद्वाराहस्ताक्षरितपर्चियों औरइनकी शर्तोंसे युक्त कवरनोट कीप्रतियाँटाटा एआईजी कोकैसे उपलब्धकराई गई थीं? ii)
ख) दलाल काउत्तर - दलालने टाटा एआईजीद्वारा उठायेगये मुद्दोंपर अपने विचारदेते हुए अपनाउत्तर दिनांक03.01.2019 प्रस्तुतकिया। यूनिसनने कहा किउन्हें कान्फियान्सद्वारा धोखादिया गयाजिन्होंने बीएमआईऔर टीएमकेद्वारापुनर्बीमासहभागिता केपुष्टीकरण सेयुक्तकपटपूर्णपर्चियाँप्रस्तुतकीं।उन्होंने यहपुष्टि करतेहुए स्टीवेनएल. चेट्टी,एमडी,कान्फियान्स द्वाराभेजा गयाई-मेलप्रस्तुतकिया कि पुनर्बीमाकर्ताओँको प्रीमियमविप्रेषितनहीं किया गयातथा दस्तावेजजाली हैं। यहविषय जब प्रकाशमें आया तबउन्होंनेकान्फियान्सद्वारा उक्तपुनर्बीमाप्रीमियमटाटा- एआईजीको वापसकरवाया,उन्होंने ईओडब्ल्यू,मुंबई के पासएक शिकायतदर्ज की जिन्होंनेकान्फियान्सऔर भारत मेंउनके प्रतिनिधिग्लोब मास्टरकन्सल्टेंट्सके विरुद्धएफआईआरपंजीकृत की।इसकेअतिरिक्त,
ग) उल्लंघन –
i. यूनिसनने आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2019 में यथाविनिर्दिष्टनिम्नलिखितविनियमों का उल्लंघनकिया हैः
घ) एससीएनके लिए दलालकाप्रस्तुतीकरण- एससीएनके लिए अपनेउत्तर मेंअपने पत्रदिनांक 26.7.2019 मेंयूनिसन नेआरोप का खंडनकिया। यूनिसनके अनुसारउन्होंनेआईआरडीएआई(बीमा दलाल) विनियम,2018 के विनियम 4,विनियम 30 काउल्लंघन नहींकिया। यूनिसनके अनुसारउन्होंनेकिसी असाधारणबात को नहींपाया। पुनर्बीमास्थाननों केक्रम मेंलायड्ससिंडिकेट(टीएमके) नेलायड्सब्रोकर(एआरबी) सेव्यवहार किया,जिन्होंनेफिरकान्फियान्ससे व्यवहारकियाजिन्होंनेफिर यूनिसन सेव्यवहार किया।अतः यूनिसन कीओर से कोई चूकनहीं है तथा इसकारण सेयूनिसनद्वारा कोईउल्लंघन नहीं कियागया है।यूनिसन केअनुसारउन्होंने पुनर्बीमाकर्ताओंऔर पुनर्बीमादलालों के चयनमें उचितसावधानी बरतीक्योंकिटीएमके ए
ङ) प्राधिकरणका निर्णय
i. प्राधिकरणने यूनिसन कोजारी किये गयेकारण बताओनोटिस मेयूनिसन केविरुद्धलगाये गये आरोपोंकी जाँच की।प्राधिकरण नेयूनिसन द्वाराकिये गयेप्रस्तुतीकरणका भी अवलोकनकिया। उसनेवैयक्तिकसुनवाई केदौरान कियेगये प्रस्तुतीकरणऔर अनुवर्तीपत्र दिनांक 4और 22 अक्तूबर 2019में किये गयेप्रस्तुतीकरणको भी ध्यानमें रखा।
ii. अपनेसमक्ष रखे गयेसभी तथ्यों परविचार करने केउपरांतप्राधिकरणनिम्नानुसारनिष्कर्षनिकालता हैः
क. पुनर्बीमाव्यवसायअंतरराष्ट्रीयस्वरूप का है।पुनर्बीमास्थानन मेंपुनर्बीमादलाल की भूमिकासर्वोपरि हैक्योंकिअध्यर्पकअपने जोखिमोंका स्थाननपुनर्बीमाकर्ताओंके पास उनकेद्वारा #2325;रतेहैं। अध्यर्पकोंऔरपुनर्बीमाकर्ताओंके बीच संबंधका प्रबंधनपुनर्बीमादलाल केद्वारा कियाजाता है और वहपरम विश्वासपर आधारित है।किसी भी कमीअथवाविश्वास-भंग केगंभीर परिणामसमूचे बीमाबाजार के लिएहोते हैं।
ख. यूनिसनद्वारा कियेगयेप्रस्तुतीकरणोंसे यह पायागया है कि नकेवल यूनिसन,बल्कि चार्टर्डअकाउंटेंट जोप्रलेखीकरणको प्रमाणित करताहै, प्राधिकृतविदेशीमुद्राव्यापारी जोविदेशीमुद्रा कोविप्रेषितकरता है, ने भीविश्वास कियाहै किपुनर्बीमापर्ची वास्तविकहै तथा विदेशीमुद्राविदेशी दलालको विप्रेषितकी।धोखाधड़ीपूर्णपुनर्बीमा पर्चीकान्फियान्सद्वारा इतनीअच्छी तरह से बनाईगई कि यहप्रतीत होताहै कि यूनिसनको इसे मूलप्रति के रूपमें विश्वासदिलाने के लिएछल-कपट कियागया। अतःयूनिसन केविरुद्ध निम्नलिखितआरोपों पर बलनहीं दियाजाता हैः
1.
2.
3.
ग. प्राधिकरणने ध्यान दियाकि यूनिसन ने29.11.2018 को मुंबईपुलिस के पासएक पुलिसशिकायत फाइलकी तथाअन्वेषण औरजाँच के बादमुंबई पुलिसने 17.01.2019 को उक्तशिकायत कोएफआईआर के रूपमें परिवर्तितकिया। यूनिसनने 31.12.2018 कोकान्फियान्सको कानूनीनोटिस भी दिये।यूनिसन नेपुनर्बीमापर्चियों कीधोखाधड़ी कीसूचना मिलनेपर मुंबईआर्थिक अपराधखंड के पासशिकायत भीफाइल की।
घ. तथापि, यदियूनिसन नेआईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 के विनियम30 के खंड 1(ज) –अनुसूची
ङ. इसीप्रकार, यदियूनिसन नेआईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 केविनियम 30 केखंड 1(ञ) –अनुसूची
iii. यूनिसनद्वारा की गईउपर्युक्तचूकों को ध्यानमें रखते हुएतथाआईआरडीएआई(बीमा दलाल) विनियम,2018 के विनियम 48के साथ पठितबीमा अधिनियम,1938 की धारा 102(ख) केउपबंधों केअनुसारप्राधिकरण मेंनिहितशक्तियों काप्रयोग करतेहुए, प्राधिकरण11.07.2018 और 12.07.2018 कोटाटा एआईजी कोजाली आरआईपर्चियों कासाझा करने कीतारीख सेप्रारभ करतेहुए तथा 13.11.2018 कोटाटा एआईजीद्वारा उनकीजानकारी मेंइस विषय कोलाने की तारीखतक 100 दिन सेअधिक उल्लंघन अवधिके लिए रु. 1करोड़ (एककरोड़ रुपये)का अर्थदंडलगाता है।
ग. आरोप सं. 3 –आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 केविनियम 40(2)(क) काउल्लंघन
क) आईआरडीएआईने अपने पत्रदिनांक 01.02.2019 केद्वारा यूनिसनसेनिम्नलिखितस्पष्टीकरणमाँगेः i) यूनिसनने कैसे दरालविनियमों काउल्लंघन करतेहुए टाटाएआईजी के फसलबीमा स्थाननपर विकल्पी(फैकल्टेटिव)पुनर्बीमा समर्थनरखने के लिएजीएमसी, एकविदेशी दलालके प्रतिनिधिके साथ शर्तेंकैसे विकसितकीं; ii) इसविषय के संबंधमें जो 13.11.2018 कोप्रकट हुआ, प्राधिकरणको सूचित नकरते हुए, जबतक यह 21.12.2018 कोटाटा एआईजीद्वारा प्राधिकरणकी जानकारीमें नहीं लायागया, यूनिसन नेदलालविनियमों केविनियम 40(2)(क) काउल्लंघन किया;iii) क्या यहविषय लाबुआनफाइनैंशियलसर्विसेज़ अथारिटी,फेडरलटेरिटरी आफलाबुआन,मलेशिया कीजानकारी मेंलाया गयाजिसने मेसर्सकान्फियान्सइंटरनेशनलरीइंश्योरेंसब्रोकर्सएल.एल.सी. कोलाइसेंस सं.बीएस2015105 प्रदानकिया है।
ख) दलाल काउत्तर – यूनिसननेनिम्नलिखितवक्तव्य देतेहुए अपने पत्रदिनांक 07.02.2019 केद्वाराप्रत्युत्तरदियाः i) यूनिसनने भारत केबाहरपुनर्बीमाकर्तांओंके पासपुनर्बीमा केस्थानन के लिएविदेशी दलालकान्फियान्सकी सेवाओं काउपयोग किया।विदेशी दलालकी सेवाओं काउपयोग करने केलिए यूनिसन नेश्री स्टीवेनएल. चेट्टी,कान्फियान्स केसंस्थापक औरएमडी के साथपत्राचार औरव्यवहारकिया।पत्र-व्यवहारऔर परस्परसक्रियता(इंटर-एक्शन)में श्रीस्टीवेन नेसमन्वय के लिएप्रतिलिपिमें अपनेभारतीयप्रतिनिधियोंको रखा, परंतुयूनिसन ने केवलऔर एकमात्ररूप से श्रीस्टीवेन केसाथ व्यवहारकिया। मेलोंऔर संबंधितपरस्पर सक्रियताओंमें प्रतिलिपिमें अंकितकिये जाने कोछोड़करयूनिसन श्रीस्टीवेन औरउनके भारतीयप्रतिनिधियोंके बीच आंतरिकसमन्वय मेंसंबद्ध नहींथा और उसके संबंधमें उसेजानकारी नहींथी।पुनर्बीमा प्रीमियमका भुगतानसीधेकान्फियान्सके बैंक खातेमें किया गयाथा और निधियोंकी समस्त प्राप्तिकी पावतीविदेशी दलालके द्वारा दीगई थी; ii)यूनिसन नेआईआरडीएआईद्वारा की गईअपेक्षा केअनुसार सभीप्रकटीकरणप्रस्तुतकिये हैं। पुनर्बीमापर्चियों केजाली होने केसंबंध मेंसंदेह कीपुष्टि करनेके लिए उसनेनिम्नलिखितकार्रवाई कीहैः 1)तत्परतापूर्वकश्री स्टीवेनको 13.11.2018 को सूचितकिया; 2) अपनेउत्तर मेंश्री स्टीवेनने अपनेई-मेलों दिनांक15.11 और 16.11.2018 के अपनेई-मेलों केद्वारा ब्योरेकी पुष्टिकरने के लिएसमय माँगा;3) अपने ई-मेलदिनांक 20.11.18 केमाध्यम सेश्री स्टीवेननेकान्फियान्स द्वाराकी गईधोखाधड़ी केलिए पूरीजिम्मेदारीली तथापुनर्बीमाप्रीमियम 26.11.18को लौटा दिया।यूनिसन नेमुंबई पुलिसके पास एकपुलिस शिकायत29.11.2018 को फाइल कीतथा अन्वेषणऔर जाँच केबाद मुंबईपुलिस ने उक्तशिकायत को 17.01.2019को एफआईआर केरूप मेंपरिवर्तितकिया। यूनिसनने कानूनीफर्म अनिमेषसिन्हा एण्डपार्टनर्स,एडवोकेट्सएण्डसलिसिटर्स केमाध्यम से कान्फियान्सको 31.2.2018 को कानूनीनोटिस भीदिये।; iii)पुनर्बीमापर्चियों कीजालसाजी कीसूचना मिलनेपर यूनिसन नेतत्कालभारतीय विधिके अंतर्गत कार्रवाईप्रारंभ करनेके लिए एकआपराधिकशिकायत फाइलकी तथा धोखादेने औरआपराधिकषडयंत्र रचनेके प्रयोजन केलिए धोखाधड़ीहेतुकान्फियान्सपर आरोप लगातेहुए एफआईआरजारी की गईहै।. अब यह मामलामुंबई पुलिसद्वाराकार्यवाही केअधीन है।
ग) उल्लंघन –
i. यूनिसनद्वारा दियेगये उत्तर कीजाँच करने परयह पाया गयाहै कि यूनिसनने इस विषय कोटाटा-एआईजीद्वारा उठायेजाने के बादही प्राधिकरणको सूचितकिया। वह आगेनही आ रहा थाऔर उत्तर देनेके लिए उसने समयलिया।
(क)किसी बीमाअथवापुनर्बीमासंविदा केस्थानन केसंबंध मेंउनके दायित्व
(ख) पहलेप्रस्तुत कीगई सूचना अथवाब्योरे मेंकोई परिवर्तन,जिसका संबंधउनको प्रदान कियेगये पंजीकरणपर हो;
(ग) उनग्राहकों केनाम जिनकेबीमा संविभाग काप्रबंध वेकरते हैं अथवाकर चुके हैं
(घ) समय-समयपर प्राधिकरणद्वाराविनिर्दिष्टकोई अन्यअपेक्षा अथवासूचना।”
घ) एससीएनके लिए दलालकाप्रस्तुतीकरण– एससीएन केलिए अपनेउत्तर मेंयूनिसन नेअपने पत्रदिनांक 26.7.2019 मेंउक्त आरोप काखंडन किया। यूनिसनकेप्रस्तुतीकरणके अनुसारउसने आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 केविनियम 40(2) काउल्लंघन नहींकिया है।यूनिसन ने उनतारीखों का कालक्रमप्रस्तुतकिया जबआईआरडीएआईद्वाराप्रश्न उठायागया अनुसार,उन्होंने 30दिन कीनिर्धारितअवधि के अंदर उत्तरदिया।
ङ) प्राधिकरणका निर्णय
i. प्राधिकरणने यूनिसन कोजारी किये गयेकारण बताओनोटिस मेंयूनिसन केविरुद्धलगाये गये आरोपोंकी जाँच की।उसनेवैयक्तिकसुनवाई के दौरानकिये गयेप्रस्तुतीकरणतथा 4 और 22अक्तूबर 2019 कोकिये गयेअनुवर्तीपत्रों को भीध्यान मेंरखा।
ii. अपनेसमक्ष रखे गयेसभी तथ्यों परविचार करने केबाद प्राधिकरणकी धारणा हैकिः
क. यूनिसनकी ओर सेविलंब कियागया, परंतुजिन परिस्थितियोंमें उक्त दलालने स्वयं कोपाया, प्राधिकरणने यूनिसनद्वारा दियेगये स्पष्टीकरणपर विचारकिया।
ख. उपर्युक्तके आलोक मेंप्राधिकरणउक्त आरोप परबल नहीं देता।
4. निष्कर्ष
i. यूनिसनके कार्यों नेटाटा-एआईजी कोकठिन स्थितिमें रखा।उन्होंनेहानि उठाईक्योंकि उनकेपास पर्याप्तपुनर्बीमासंरक्षण नहींथा जिसकेपरिणामस्वरूपउनकी वित्तीयस्थिति प्रभावितहुई। इसप्रकार कीकार्रवाईउच्चतम स्तरका ध्यान देनेयोग्य हैक्योंकि यह एकपुनर्बीमादलाल के पासविश्वास रखनेके बीमा / पुनर्बीमाव्यवसाय कीबुनियाद पर हीप्रहार करतीहै। अध्यर्पकयह नि#2367;र्धारितकरने के लिए पुनर्बीमादलाल द्वाराप्रस्तुतपुनर्बीमापर्ची परनिर्भर है किजोखिम कास्थानन कियागया है औरपुनर्बीमासंरक्षण मेंकोई अंतरालनहीं है। यदियह पाया जाताहै किपुनर्बीमासंरक्षण काअस्तित्वनहीं है, तोसमूचा जोखिम जिसेआगेपुनर्बीमाकर्ताको देने की आशाकी गई थी,प्रत्यक्षबीमाकर्ता केपास आ जाता हैजो हानि को पूराकरने के लिएबाध्य हो जाताहै क्योंकिपालिसीधारकको बीमापालिसी उसनेजारी की है।यह लेनदेन केइसमहत्वपूर्णस्वरूप केकारण है कि बीमाकर्ताऔर बीमा दलालके द्वाराआत्यंतिक सावधानीबरती जानीचाहिए। किसीभी त्रुटि काअत्यंत गंभीरपरिणाम होसकता है, यहाँतक कि किसीबीमा कंपनी केविफल होने कीसीमा तक इसकाअसर हो सकताहै।
ii. तथापि,प्राधिकरण केसाथ यूनिसन केद्वारा साझाकिये गयेदस्तावेजोंके होते हुए,यह प्रतीतहोता है कियूनिसन स्वयंकान्फियान्सके द्वाराप्रवंचितकिया गया था।कान्फियान्सजो फ़सल बीमाके लिएपुनर्बीमा कास्थानन नहींकर सका,पुनर्बीमापर्ची कीजालसाजी की औरवह मूल प्रतिके रूप मेंयूनिसन कोप्रस्तुत की।
iii. आरोप सं. 1, 2और 3 मेंउपर्युक्तनिर्णयों केआधार परमेसर्सयूनिसनइंश्योरेंसब्रोकर्स प्रा.लि. को इसकेद्वारा रु. 1,00,00,000/-(केवल एककरोड़ रुपये)का अर्थदंडअदा करने का निदेशदिया जाता है।
iv. रु. 1,00,00,000/-
v. यदिबीमा दलालप्राधिकरण केउपर्युक्तनिर्णय सेअसंतुष्ट है,तो बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 110 केअनुसारप्रतिभूतिअपीलीयन्यायाधिकरण(एसएटी) कोअपीलप्रस्तुत कीजा सकती है।
सदस्य (वितरण)
स्थानःहैदराबाद
दिनांकः 8जनवरी 2020