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Title: परिपत्र
Reference No.: आईआरडीएआई/आईएनटी/जीडीएल/आईएनडीपी/219/12/2019
Date: 05/12/2019
भारतीय डाक भुगतान बैंक (आईपीपीबी) द्वारा बिक्री केन्द्र विक्रेता के रूप में

आईआरडीएआई/आईएनटी/जीडीएल/आईएनडीपी/219/12/2019 4दिसंबर 2019

 

भारतीयडाक भुगतानबैंक(आईपीपीबी)द्वारा बिक्रीकेन्द्रविक्रेता केरूप में डाकविभाग केडाकियों औरग्रामीण डाकसेवकों कीनियुक्ति केलिए विनियामकढाँचे सेसंबंधितदिशानिर्देश

 

I.       प्रस्तावना

प्राधिकरणने परिपत्रसं. आईआरडीए/आईएनटी/जीडीएल/ओआरडी/183/10/2015 दिनांक26.10.2015 के द्वाराबिक्रीकेन्द्रविक्रेता –साधारण औरस्वास्थ्यसंबंधीदिशानिर्देशजारी किये तथापरिपत्र सं.आईआरडीए/जीवन/ओआरडी/जीएलडी/223/11/2016दिनांक 9.11.2016 केद्वाराबिक्री केन्द्रविक्रेता –जीवन संबंधीदिशानिर्देशजारी किये। येदिशानिर्देशजारी करते समयप्राधिकरण नेपाया था किऐसे कईव्यक्ति हैंजो बीमापालिसियों कीअपेक्षा(सलिसिटेशन)और विपणन सेसंबंधित सरलऔर नेमीकार्यकलापोंमें संबद्धहैं। उदाहरणके लिए, मोटरबीमा, यात्राबीमा,वैयक्तिकदुर्घटनाबीमा, मीयादीबीमा, आदि मेंभारी परिमाणमें उत्पादोंके लिए बहुतकम जोखिम-अंकनकी आवश्यकताहोती है। ये अधिकांशतःपूर्व-जोखिम-अंकितउत्पाद होतेहैं जिनमेंसंभावितग्राहकद्वारा दी गईसूचना के आधारपर बीमापालिसीप्रणालीद्वारा स्वयमेवउत्पन्न कीजाती है। ऐसेउत्पाद के लिएअपेक्षितहस्तक्षेपअल्पतम है तथाऐसे व्यक्तियोंके लिएप्रशिक्षण औरपरीक्षा एकन्यूनतरमात्रा की होसकती है। अतःदेश में बीमाव्यवसाय कीवृद्धि कोसुसाध्यबनाने तथाबीमा व्यापनऔर बीमा सघनताको बढ़ाने केलिए प्राधिकरणने अपनीविकासात्मककार्यसूची केभाग के रूपमें बिक्रीकेन्द्रविक्रेताओं संबंधीदिशानिर्देशजारी किये।

 

II.       भारतीयडाक भुगतानबैंक (आईपीपीबी)

आईपीपीबीकी स्थापनाभारत सरकारद्वारा स्वाधिकृत100%ईक्विटी केसाथ डाकविभाग, संचारमंत्रालय के अंतर्गतकी गई है।आईपीपीबी काउद्देश्य 1,55,000डाक घरों के अपनेभौतिकनेटवर्क एवं 3लाख से भीअधिक ग्रामीणडाक सेवकों औरडाकियों केअपने कार्यबलके द्वारासमर्थ बनाई गईअंतिम स्थान तक(लास्ट माइल) द्वारस्थबैंकिंगसेवाओं केमाध्यम सेसारे भारत मेंडाक विभाग कीपहुँच औरदर्शनीयता का उन्नयनकरना है। आईपीपीबीका उद्देश्यबीमा सहितअन्य पक्ष उत्पादोंका वितरण करनाहै। आईपीपीबीकी स्थापना एकसीमित संरचनाके साथ उत्पादनकार्यनीति,प्रौद्योगिकीगतश्रेष्ठता,ग्राहक औरउपयोगकर्ताके अनुभव औरविनियामकअनुपालन परफोकस करने केलिए की गई है।सभी ग्राहक-अभिमुखसेवाएँ अंतिमस्थान (लास्टमाइल) पर डाकविभाग कीबुनियादीसंरचना/ डाकघरों और डाककर्मचारियोंका उन्नयनभारतीयरिज़र्व बैंक(आरबीआई) केव्यवसायप्रतिनिधि संबंधीदिशानिर्देशोंके अनुरूपकरने के द्वाराउपलब्ध कराईजाएँगी।

 

III.     डाकियोंऔर ग्रामीणडाक सेवकों कीभूमिका

ये डाकिये(पोस्टमेन) औरग्रामीण डाकसेवक अधिकांशतःबैंक-रहित और कमबैंक सुविधा वालेभौगोलिकक्षेत्रोंमें परिचालनकरेंगे तथा दूरस्थऔर ग्रामीण क्षेत्रोंमें बीमाउत्पाद बेचनेके लिए अंतिमस्थान तक(लास्ट माइल)पहुँच उपलब्धकराएँगे। यहवित्तीयसमावेशनप्रदान करेगातथा देश मेंबीमा सघनता औरव्यापन मेंवृद्धि करेगाजो प्राधिकरणके उद्देश्यके अनुरूप है।

 

IV.     आईपीपीबीद्वारा डाकविभाग केडाकियों और ग्रामीणडाक सेवकों केपर्यवेक्षणके लिए विनियामकढाँचा

1.  आईपीपीबीजो एककारपोरेटएजेंट है,बिक्री केन्द्रविक्रेता(पीओएस) के रूपमें कार्यकरने के लिएडाक विभाग केडाकियों औरग्रामीण डाक सेवकोंको प्रायोजितकरने की अनुमतिमाँगते हुए प्राधिकरणको आवेदनप्रस्तुत करसकता है।

2.  प्राधिकरणपीओएस के रूपमें कार्यकरने के लिएडाक विभाग केडाकियों औरग्रामीण डाकसेवकों कोप्रायोजितकरने के लिएआईपीपीबी केअनुरोध परआईआरडीएअधिनियम, 1999 कीधारा 14(2) के अधीनविचार कर सकताहै।

3.  यदिप्राधिकरणअनुमतिप्रदान करताहै, तो बिक्रीकेन्द्रविक्रेता(पीओएस) के रूपमें नियुक्तकिये गयेडाकियों औरग्रामीण डाकसेवकों कीभूल-चूक केसभी कृत्योंके लिएआईपीपीबीउत्तरदायीहोगा।

4.  डाकविभागडाकियों औरग्रामीण डाकसेवकों की पहचानकरेगा तथासमय-समय परआईपीपीबी केमाध्यम सेप्राधिकरण कोसूचीप्रस्तुतकरेगा।

5.  डाकियोंऔर ग्रामीणडाक सेवकों कीओर से आईपीपीबीऔर डाक विभागके बीचव्यवस्थाओँका विवरणप्राधिकरण केपास फाइल कियाजाएगा।

6.  डाकविभाग केडाकियों औरग्रामीण डाकसेवकों केमाध्यम सेबीमा उत्पादवितरित करनेके लिए आईआरडीएआई(कारपोरेटएजेंटों कापंजीकरण)विनियम, 2015 केअधीन अनुमतसंख्या मेंबीमाकर्ताओंके साथ आईपीपीबीतालमेलव्यवस्थाएँ(टाई-अप) करसकता है।

7.  अतिरिक्तरक्षोपायोंके लिए, आईपीपीबीनिम्नलिखितके लिएउत्तरदायीहोगाः

i)       बिक्रीकेन्द्रविक्रेता(पीओएस) कीपद्धति पर डाकविभाग केडाकियों औरग्रामीण डाकसेवकों काप्रशिक्षण और प्रमाणीकरण

ii)      सभीलेनदेनों कादैनिक समाधानऔर रिपोर्टिंग

iii)      आचरण-संहिताका अनुपालन

iv)     `अपने ग्राहकको जानो(केवाईसी)संबंधीमानदंडों काअनुपालन

v)      ग्राहकोंके द्वारा कीगई शिकायतोंका समाधानकरने के लिएएक सुदृढ़शिकायतनिवारण तंत्र कीस्थापना

vi)     ऐसेडाकिये औरग्रामीण डाकसेवक की पहचानकरने कीप्रणाली लागूकरना जिसनेसंभावितग्राहक को बीमापालिसी काविक्रय किया हो

8. परिपत्रसं. आईआरडीए/आईएनटी/जीडीएल/ओआरडी/183/10/2015 दिनांक26.10.2015 के अनुसारबिक्रीकेन्द्रविक्रेता –साधारण औरस्वास्थ्यसंबंधीदिशानिर्देशोंतथा परिपत्रसं. आईआरडीए/जीवन/सीआईआर/विविध/215/12/2019 दिनांक2.12.2019 के अनुसारबिक्रीकेन्द्रविक्रेता –जीवन संबंधीदिशानिर्देशोंमें निहित सभीअन्य शर्तेंडाक विभाग केडाकियों औरग्रामीण डाकसेवकों परलगातार लागूहोंगे।

9. प्राधिकरणडाक विभाग(भारतीय डाक)को कारपोरेटएजेंसीलाइसेंसमंजूर करने केलिए ढाँचे सेसंबंधितपरिपत्रसंदर्भ सं.आईआरडीए/सीएजीटीएस/सीआईआर/एलसीई/ 165/10/2010दिनांक 14.10.2010 कोवापस लेता है।

 

 

(सुजयबनर्जी)

सदस्य(वितरण)

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