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संदर्भ सं.: दिनांकः 03.12.2018
आईआरडीएआई (बीमा विपणन फर्म का पंजीकरण) विनियम, 2018 संबंधी एक्सपोज़र प्रारूप
पृष्ठभूमि
जनवरी, 2015 में अधिसूचित भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (बीमा विपणन फर्म का पंजीकरण) विनियम, 2015 तथा जनवरी, 2017 में अधिसूचित भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (बीमा विपणन फर्म का पंजीकरण) (पहला संशोधन) विनियम, 2016 की ओर ध्यान आकर्षित किया जाता है। यह माध्यम तीन वर्ष से परिचालन में है। मई, 2018 में संचालित कार्यशालाओँ के द्वारा परिचालनगत प्रतिसूचना (फीडबैक) विभिन्न हितधारकों अर्थात् बीमा विपणन फर्मों, बीमा कंपनियों और बीमा परिषदों से प्राप्त की गई थी।
तदुपरांत, प्राधिकरण ने उपर्युक्त विनियमों की समीक्षा करने के लिए एक “आईएमएफ विनियमों की समीक्षा के लिए समिति” का गठन किया था। उक्त समिति की सिफारिशों के आधार पर बीमा विपणन फर्मों को नियंत्रित करनेवाले वर्तमान ढाँचे की समीक्षा की गई है।
प्रस्ताव
- वर्तमान विनियमों में प्रस्तावित कुछ मुख्य परिवर्तन निम्नलिखित हैं :
- भारत सरकार अर्थात् नीति आयोग के द्वारा इस रूप में अभिहित, आकांक्षागत जिले के लिए विकल्प देनेवाले आवेदकों को लिए पाँच लाख रुपये तक निवल मालियत (नेट वर्थ) की अपेक्षा को कम करना।
- बीमा विपणन फर्म के परिचालन क्षेत्र का विस्तार एक राज्य के अंदर अधिकतम तीन जिलों तक करना।
- बीमा व्यवसाय की अपेक्षा (सलिसिटेशन) और प्रापण (प्रोक्यूरमेंट) को शामिल करने के लिए प्रधान अधिकारी के कार्य के दायरे में विस्तार करना।
- सूक्ष्म, छोटे और मझौले उद्यमों (एमएसएमईएस) के लिए सामूहिक बीमा उत्पादों; गैर-ऋणी किसानों के लिए फ़सल बीमा और काम्बी उत्पादों को शामिल करने के लिए उत्पादों के समूह का विस्तार करना, जिनकी अपेक्षा और प्रापण किसी बीमा विपणन फर्म के द्वारा किया जा सकता है।
- शेयरधारिता में परिवर्तन की न्यूनतम (थ्रेशोल्ड) सीमा में 10% से 25% तक वृद्धि जिसके लिए प्राधिकरण का अनुमोदन अपेक्षित है।
- बीमा विक्रेता (इंश्योरेंस सेल्स पर्सन) के त्यागपत्र की प्रक्रिया का सरलीकरण।
- प्रधान अधिकारी के कार्य-अनुभव की अपेक्षा में कमी करना, तथा प्रधान अधिकारी के लिए पात्रता के मानदंडों में विभिन्न व्यावसायिक योग्यताएँ शामिल करना।
- प्रधान अधिकारी के लिए प्रशिक्षण और परीक्षा की अपेक्षा में छूट देना, यदि व्यक्ति ने किसी बीमा दलाल के प्रधान अधिकारी के लिए अपेक्षित प्रशिक्षण और परीक्षा की अपेक्षा पूरी की हो।
- बीमा विक्रेता के लिए “अधिवास” (डामिसाइल) का मानदंड बदलकर “निवास” किया गया है।
- भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (बीमा विपणन फर्म का पंजीकरण) विनियम, 2018 का प्रारूप अनुबंध I के रूप में इसके साथ रखा गया है।
- सभी हितधारकों से अनुरोध है कि वे प्रस्तावित विनियमों के प्रारूप के संबंध में अपनी टिप्पणियाँ, सुझाव दें जिससे हम अपने स्तर पर आगे जाँच कर सकें। टिप्पणियाँ, सुझाव अनुबंध II (एमएस वर्ड) के रूप में संलग्न फार्मेट में अधिक से अधिक 15 दिसंबर 2018 तक imf@irda.gov.in को भेजे जाएँ।
- इसे सक्षम प्राधिकारी का अनुमोदन प्राप्त है।
सुरेश माथुर
कार्यकारी निदेशक
(अनुबंधों के लिए संलग्न .जिप फाइल को डाउनलोड करें)