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Title: आदेश
Reference No.: आईआरडीएआई/बीआरके/आदेश/विविध/004/01/2018
Date: 09/01/2018
मेसर्स ऐटकिन्स स्पेशल रिस्क्स लिमिटेड, यूके, अंतरराष्ट्रीय पुनर्बीमा दलाल क

संदर्भसं. आईआरडीएआई/बीआरके/आदेश/विविध/004/01/2018 09.01.2018

 

आईआरडीएअधिनियम, 1999 कीधारा 14(1) केअधीन

भारतीय बीमाविनियामक और विकासप्राधिकरण का

आदेश

 

मेसर्स ऐटकिन्सस्पेशल रिस्क्सलिमिटेड,यूके,अंतरराष्ट्रीयपुनर्बीमा दलालके मामले में

 

1.  मेसर्सऐटकिन्स स्पेशलरिस्क्स लिमिटेड,युनाइटेडकिंगडम (इसआदेश में इसकेबाद `एएसआर~केरूप में उल्लिखित)जिसकापंजीकृत कार्यालय62 विल्सन स्ट्रीट,लंदन,ईसी22बीयू, युनाइटेडकिंगडम में है,एकयूके आधारित कंपनीहै जो मरीन और ऊर्जामें मुख्य रूपसे सक्षमता केसाथ विशेष जोखिमबीमा और पुनर्बीमाकी दलाली में विशेषीकृतहै। एएसआर का प्रतिनिधित्वश्री ग्रहाम जे.ऐटकिन्स(इस आदेश मेंइसके बाद `श्रीऐटकिन्स~ केरूप में उल्लिखित),प्रबंधनिदेशक, एएसआरके द्वारा कियाजा रहा है।

2.  एएसआरने मेसर्स मार्शइंडिया इंश्योरेंसब्रोकर्स प्राइवेटलिमिटेड (इसआदेश में इसकेबाद `मार्श~केरूप में उल्लिखित)केविरुद्ध भारतीयबीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण(इस आदेश मेंइसके बाद `प्राधिकरण~केरूप में उल्लिखित)कोकी गई दिनांक11.08.2015 की एक शिकायतके संबंध में तेलंगानाऔर आंध्र प्रदेश,हैदराबादके माननीय उच्चन्यायालय में एकरिट याचिका सं.27220/ 2017 दायर की है।

3.  माननीयउच्च न्यायालयने यथाशीघ्र उचितप्रक्रिया का अनुसरणकरते हुए एएसआरकी शिकायत पर विचारकरने के लिए प्राधिकरणको निर्देश देतेहुए दिनांक19.09.2017 के आदेश केद्वारा उक्त याचिकाका निपटान कर दिया।

4.  उक्तशिकायत के तथ्य।

4.1  एएसआरमेसर्स जैग्सनइंटरनेशनल लिमिटेड,इंडिया(इस आदेश मेंइसके बाद

`जैग्सन~केरूप में कहलाएगा)केलिए पुनर्बीमादलाल था तथा2002 से 2012 तकजैग्सन के लिएउसने अंतरराष्ट्रीयपुनर्बीमा कवरप्राप्त किया।एएसआर ने प्रीमियम,जिसकाभुगतान उक्त कवरके लिए किया गया,की27.5% की दलाली केसाथ प्रत्येक वर्षइस पुनर्बीमा कीव्यवस्था की। यहबताया गया कि अप्रैल2010 में श्री जगदीशपेरशाद गुप्ता(इस आदेश मेंइसके बाद `श्रीगुप्ता~ केरूप में उल्लिखित),अध्यक्ष,जैग्सनने श्री ऐटकिन्ससे कहा कि वे जैग्सनके व्यवसाय कोएएसआर द्वारा बनायेरखने के लिए एएसआरके दलाली शुल्कको उनके साथ साझाकरें, जिसेश्री ऐटकिन्स द्वाराअस्वीकार कियागया। एएसआरने 2012 से जैग्सनसे संबंधित अपनेपुनर्बीमा दलालीव्यवसाय को खोदिया। इससे असंतुष्टहोकर एएसआर नेदिनांक11.08.2015 की शिकायतके रूप में प्राधिकरणके पास मार्श केविरुद्ध एक शिकायतदाखिल की।

 

एएसआरने अपनी शिकायतमें आरोप लगायाकि मार्श ने इसपुनर्बीमा पॉलिसी

केसंबंध में जैग्सनके व्यवसाय कोप्राप्त करने केलिए श्री गुप्ताको एक

अवैधभुगतान किया।

 

4.2  प्राधिकरणने उक्त शिकायतपर विचार करतेसमय एएसआर की शिकायतके

संबंध मेंप्राधिकरण केसमक्ष एक वैयक्तिकसुनवाई में अपनीबात कहने के लिएप्राधिकरण के दिनांक03.11.2017 के पत्र द्वाराश्री ऐटकिन्स कोएक अवसर प्रदानकिया।

5.  श्रीऐटकिन्स प्राधिकरणके कार्यालय,तीसरीमंजिल, परिश्रमभवन, बशीरबाग,हैदराबादमें 16.11.2017 कोपूर्वाह्न11.00 बजे आयोजितबैठक में उपस्थितहुए। सुनवाई कीअध्यक्षता श्रीपी. जे.जोसेफ,सदस्य(गैर-जीवन)द्वाराकी गई। प्राधिकरणकी ओर से श्री रणदीपसिंह जगपाल,मुख्यमहाप्रबंधक(मध्यवर्ती)औरश्रीमती अनसूया,विशेषकार्य अधिकारी(मध्यवर्ती)भीउक्त वैयक्तिकसुनवाई में उपस्थितथे।

6.  वैयक्तिकसुनवाई के दौरानश्री ऐटकिन्स द्वाराकिये गये प्रस्तुतीकरणोंपर प्राधिकरण द्वाराविचार किया गयातथा उसके आधारपर प्राधिकरण द्वारानिर्धारित निष्कर्षऔर उस पर लिया गयानिर्णय निम्नानुसारहैः

 

6.1  श्रीऐटकिन्स द्वाराकिये गये प्रस्तुतीकरणः

श्री ऐटकिन्सने प्रस्तुत कियाकि 2010 में श्रीगुप्ता द्वाराउनसे 3 औरतेल रिगों की बीमारक्षा के लिए संपर्ककिया गया तथा उनसेकहा गया कि वे बीमादलाली की साझेदारीकरें, जिसेउन्होंने अस्वीकारकिया।

श्री ऐटकिन्सने आरोप लगायाकि मार्श ने यातो वर्ष 2013 मेंऔर आगामी वर्षोंके लिए एचडीएफसीमें श्री गुप्ताके वैयक्तिक खातेमें राशि जमा करनेके द्वारा श्रीगुप्ता को दलालीकी साझेदारी कीहोगी या मेसर्ससेफ़वे इंश्योरेंसब्रोकर्स के माध्यमसे इसका भुगतानकिया होगा।

 

श्री ऐटकिन्सने प्रस्तुत कियाकि विनियमों काएक विशिष्ट उल्लंघन,अर्थात्भारतीय बीमा अधिनियम,1938 की धारा41 का उल्लंघनकिया गया है,जो"रिबेटों केनिषेध" सेसंबंधित है।

 

6.2  प्राधिकरणकी टिप्पणीः

श्री ऐटकिन्सने अपने इस प्रस्तुतीकरण/आरोप,किश्री गुप्ता नेउनसे बीमा दलालीकी साझेदारी करनेके लिए कहा है,केसमर्थन में कोईदस्तावेजी प्रमाणप्रस्तुत नहींकिया है।

 

श्री ऐटकिन्सइस बात पर स्पष्टनहीं थे कि मार्शद्वारा श्री गुप्ताके साथ दलाली कीसाझेदारी कैसेकी गई थी, तथाउन्होंने यह कहाकि उनके पास यहबताने के लिए केवलपारिस्थितिक प्रमाणही है कि 2013 मेंदलाली की साझेदारीकी गई थी और इस संबंधमें उनके द्वाराअपने तर्क के समर्थनमें कोई सबूत प्रस्तुतनहीं किया गया।

 

श्री ऐटकिन्सने बीमा अधिनियमके उल्लंघन केसंबंध में अपनेप्रस्तुतीकरणके समर्थन मेंकोई महत्वपूर्णसूचना अथवा साक्ष्यप्रस्तुत नहींकिया है।

6.3  निर्णयः

श्री ऐटकिन्सके प्रस्तुतीकरणऔर शिकायत को साबितकरने के लिए किसीसाक्ष्य के अभावपर विचार करतेहुए यह प्रमाणितहुआ है कि मेसर्समार्श और श्रीगुप्ता के विरुद्धअपने आरोपों कोसिद्ध करने केलिए श्री ऐटकिन्सद्वारा कोई सबूतअथवा साक्ष्य नहींलाया गया है। इनपरिस्थितियोंमें प्राधिकरणएएसआर की शिकायतके विषय में आगेनहीं बढ़ सकतातथा तदनुसार उक्तशिकायत का निपटानकर दिया गयाहै।

 

 

(पी.जे.जोसेफ)

सदस्य(गैर-जीवन)

स्थानः हैदराबाद

दिनांकः9 जनवरी 2018

 

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    In the matter of M_s Atkins Special Risks Ltd UK, International Reinsuranc.pdf

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