बीमाकोषोंव बीमापालिसियों केइलेक्ट्रानिकनिर्गमन के संशोधितदिशा – निर्देशदिनांकित 29 मई,2015 कासंदर्भ दियाजाता है। दिशा– निर्देश सं. 34एके अनुसार--अन्य सेवाएं,बीमा कोषों(आईआर) को इलेक्ट्रानिकपालिसियों केसृजन/रख रखावके अतिरिक्तसेवाओं कादायित्वसंभालने केलिएप्राधिकृतकिया गया है। इनसेवाओं कीसूची /क्षेत्र, “बीमाकंपनियोंद्वारागतिविधियोंकी आउटसोर्सिंगपर दिशानिर्देश” दिनांकित 1फरवरी, 2011 मेंदिये गये हैं।
1फरवरी, 2011के आउटसोर्सिंगदिशा –निर्देशों केदिशा निर्देश8 (5) में कहा गयाहै कि इन दिशानिर्देशों केतहत, एजेंटों,कारपोरेटएजेंटों, ब्रोकरों, टीपीएऔर सर्वेक्षकोंव अन्य विनियमितसंस्थाओं को, उनकेलाइसेंस देनेऔर कामकाज कोपरिचालित करनेवालेसम्बंधितविनियमों /अनुदेशोंद्वारा अनुमत केअतिरिक्तकिसी अन्यआउटसोर्सगतिविधि कोनिष्पादितकरने के लिएअनुबंधितनहीं कियाजाएगा ।
अबचूँकि आउटसोर्सिंगदिशानिर्देशोंका स्थान आईआरडीएआई(भारतीयबीमाकर्ताओंद्वाराआउटसोर्सिंगगतिविधियां ) विनियम,2017 नेले लिया है, बीमाकोषदिशा –निर्देशों औरआउटसोर्सिंगविनियमों केबीच संबंध समाप्तहो गया है। बीमाकोष दिशानिर्देश, आउटसोर्सिंगदिशा –निर्देशों कासंदर्भ देतेहैं जोविद्यमाननहीं है क्योंकिउनकाअधिक्रमणकिया जा चुकाहै ।
इसलिएउपरोक्तक्रम में, प्राधिकरण,बीमा कोषोंएवं बीमापालिसियों केइलेक्ट्रानिकनिर्गमन के दिशा– निर्देश केपरिच्छेद सं.34ए,कोसंशोधित करताहै और उसको इनशब्दों “भारतीयबीमाविनियामक और विकासप्राधिकरण(भारतीयबीमाकर्ताद्वारा आउटसोर्सिंगगतिविधियां)विनियम, 2017 ‘बीमाकंपनियोंद्वारागतिविधियोंकी आउटसोर्सिंगपरदिशानिर्देश” सेप्रतिस्थापितकरता है ।
सदस्य(गैर – जीवन )