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Title: अंतिम आदेश
Reference No.: आईआरडीए/ईएनएफ/ओआरडी/ओएनएस/ 253/11/2017
Date: 21/11/2017
मेसर्स आलमंड्ज़ रीइंश्योरेंस ब्रोकर्स प्राइवेट लि. (बाद में आलमंड्ज़ इंश्यो

 

यह आदेश आलमंड्ज़इंश्योरेंस ब्रोकर्सप्राइवेट लिमिटेड (इसमेंइसके बाद दलालके रूप में उल्लिखित)द्वारा कारणबताओ नोटिस केलिए दिये गये दिनांक17 जुलाई 2017 केउनके उत्तर तथा13 सितंबर 2017 को अपराह्न3.00 बजे सदस्य(गैर-जीवन)के द्वारा भारतीयबीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण,तृतीय तल, परिश्रम भवन,बशीर बाग, हैदराबाद मेंवैयक्तिक सुनवाईके दौरान कियेगये प्रस्तुतीकरणोंके आधार पर जारीकिया जाता है।

 

I.      पृष्ठभूमिः

प्राधिकरण द्वारा 10/11/2014 से12/11/2014 तक की अवधिके दौरान मेसर्सआलमंड्ज़ रीइंश्योरेंसब्रोकर्स प्राइवेटलि. का ऑनसाइटनिरीक्षण कियागया था। उक्त निरीक्षणका दायरा वित्तीयवर्ष 2012-13 और वित्तीयवर्ष 2013-14 की अवधियोंको समाविष्ट कररहा था जिसके दौरानदलाल केवल पुनर्बीमादलाल था। निरीक्षणके निष्कर्ष उनकीटिप्पणियों केलिए 27/02/2015 को सूचितकिये गये थे। उक्त दलालने अपनी टिप्पणियाँप्राधिकरण को दिनांक09/03/2015 के अपने पत्रके द्वारा प्रस्तुतकी थीं। उक्त दलालको बाद में एक सम्मिश्रदलाल के रूप में29/08/2015 से 28/08/2018 तककी विधिमान्यताअवधि के साथ पंजीकृतकिया गया तथा उसेआलमंड्ज़ इंश्योरेंसब्रोकर्स प्राइवेटलिमिटेड के रूपमें जाना गया।प्राधिकरण द्वाराउक्त दलाल को एककारण बताओ नोटिस16/06/2017 को जारी कियागया। उक्त दलाल नेदिनांक 17/07/2017 केअपने पत्र के द्वाराप्राधिकरण को अपनाउत्तर प्रस्तुतकिया। कारण बताओ नोटिसके लिए अपने उत्तरमें दलाल ने वैयक्तिकसुनवाई के लिएअनुरोध किया था। उक्त दलालके लिए वैयक्तिकसुनवाई आईआरडीएआईकार्यालय, तृतीयतल, परिश्रमभवन, बशीर बाग,हैदराबाद में13/09/2017 को संचालितकी गई।

 

वैयक्तिक सुनवाईकी अध्यक्षता सदस्य (गैर-जीवन) ने की। उक्त वैयक्तिकसुनवाई में दलालकंपनी के श्रीरोहित जैन, अध्यक्ष; श्री विजय कुमारसूरी, प्रधानअधिकारी; सुश्रीश्वेता गुप्ता,कंपनी सचिव;उपस्थित थे। प्राधिकरणकी ओर से सदस्य(गैर-जीवन)के अलावा; श्री पी. के.मैती, महाप्रबंधक,प्रवर्तन; श्री विकास जैन,सहायक महाप्रबंधक,प्रवर्तन औरश्री के. श्रीनिवास,सहायक महाप्रबंधक,मध्यवर्ती विभागभी उपस्थित थे।

 

II.    आरोप, उनकेउत्तर के रूप मेंप्रस्तुतीकरणऔर निर्णयः

 

1.      आरोप 1: आईआरडीएबीमा दलाल विनियम, 2013 के विनियम31 में यह व्यवस्थाहै कि दलाल को यहसुनिश्चित करनाचाहिए कि उसकेआकार, स्वरूपऔर उसकेव्यवसाय की जटिलताके लिए उसकी आंतरिकप्रणालियाँ पर्याप्तहों।

 

दलाल पुनर्बीमास्थापन, पंजीकरण,व्यवसाय प्रशासनऔर जोखिम प्रबंधनसेवा के लिए किसीसॉफ्टवेयर का उपयोगनहीं कर रहा था। पुनर्बीमास्थापनों की मात्राऔर व्यवसाय केस्वरूप की जटिलताको ध्यान में रखतेहुए अभिलेखों केरखरखाव, जोखिमसंगणना और समग्रव्यवसाय प्रशासनकी अयांत्रिक प्रणालीअपर्याप्त है।

 

उल्लंघनः किये जानेवालेपुनर्बीमा व्यवसायके स्वरूप और जटिलताको देखते हुए व्यवसायको संभालने केलिए दलाल के पासपर्याप्त आंतरिकप्रणालियाँ विद्यमाननहीं थीं, यहपाया गया कि उक्तपुनर्बीमा दलालने आईआरडीए बीमादलाल विनियम,2013 के विनियम31 का उल्लंघनकिया है।

 

दलाल का प्रस्तुतीकरणःदलालने प्रस्तुतीकरणकिया कि अपने व्यवसायके अभिलेखों केअनुरक्षण और उचितव्यावसायिक प्रशासनके लिए प्रारंभमें उन्होंने कुछसॉफ्टवेयर खरीदाथा,परंतु उस सॉफ्टवेयरमें से कुछ भी श्रेष्ठताके परीक्षण केसामने टिक नहींसका तथा इस कारणसे वे एक्सेल आधारितप्लेटफार्म काउपयोग कर रहे थे।तदुपरांत उन्होंनेप्रस्तुतीकरणकिया कि अपनी सभीपुनर्बीमा व्यवसायसे संबंधित आवश्यकताओंका ध्यान रखनेके लिए उन्होंनेएसएआरबी सॉफ्टवेयरका उपयोग करनाप्रारंभ किया तथाआगे वैयक्तिक सुनवाईके दौरान उन्होंनेपुष्टि की कि अपनेसभी प्ë#2352;त्यक्षऔर पुनर्बीमा व्यवसायसंबंधी लेनदेनोंका ध्यान रखनेके लिए उनके पासपूर्णतः प्रयोजनमूलकसॉफ्टवेयर उपलब्धहै।

 

निर्णयः दलालके इस प्रस्तुतीकरणको ध्यान में रखतेहुए कि अपने सभीबीमा और पुनर्बीमासंबंधी लेनदेनोंका ध्यान रखनेके लिए उनके पासपूर्णतः प्रयोजनमूलकसॉफ्टवेयर उपलब्धहै,इस आरोप पर जोरनहीं दिया गया।

 

2.      आरोप 2: प्रत्यक्षबीमा के संबंधमें एक कॉरपोरेटग्राहक (बीमाकृत)द्वारा दलालको दिये गये दिनांक07/02/2013 के अधिदेश(मैंडेट) तथा निरीक्षणरिपोर्ट के साथसंलग्न अन्य दस्तावेजोंसे यह स्पष्ट थाकि उक्त दलाल नेउपर्युक्त बीमाकृतग्राहक की प्रत्यक्षबीमा पॉलिसी कोएक विदेशी दलालजिसके पास भारतमें दलाली करनेका लाइसेंस नहींथा तथा प्रत्यक्षबीमा व्यवसाय कीअपेक्षा करने केलिए भारत में पंजीकृतएक अन्य भारतीयदलाल की सहायतासे रखा था एवं उपर्युक्तबीमाकृत ग्राहककी बीमा पॉलिसीके संबंध में इनदोनों संस्थाओंके साथ उसने दलालीकी साझेदारी कीथी।

 

निरीक्षणऔर बीमाकृत ग्राहकसे अधिदेश (07/02/2013) प्राप्तकरने की अवधि केदौरान उक्त दलालकेवल एक पुनर्बीमादलाल (पंजीकरणसं. 363) ही था तथाप्रत्यक्ष व्यवसायकी अपेक्षा करनेकी अनुमति उसकोनहीं दी गई थी।अतः उक्त दलालने प्रत्यक्ष बीमाव्यवसाय रखने केद्वारा आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम, 2013 के विनियम 2(ओ) और आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम, 2013 के विनियम 4 के अंतर्गत अनुसूचीI के पैरा 2 का उल्लंघन कियाथा। उक्त दलाल नेप्रत्यक्ष बीमाव्यवसाय रखने केलिए भारत में लाइसेंससे रहित विदेशीदलाल (लाइसेंसरहितसंस्था) कोनियोजित करने एवंउनके साथ दलालीकी साझेदारी करनेके द्वारा आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम, 2013 की अनुसूचीVIए के अंतर्गतपैरा 3(बी) का भी उल्लंघनकिया है।

 

उल्लंघनःउक्त दलाल ने प्रत्यक्षबीमा व्यवसाय स्थापितकरने के द्वाराआईआरडीए (बीमादलाल) विनियम,2013 के विनियम2() और आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम, 2013 के विनियम 4 के अंतर्गत अनुसूचीI के पैरा 2 का तथा भारत मेंलाइसेंस से रहितविदेशी दलाल(लाइसेंसरहितसंस्था) कोनियोजित करने औरउनके साथ दलालीकी साझेदारी करनेके द्वारा आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम, 2013 की अनुसूचीVI(आचरण संहिता)के अंतर्गत पैरा3(बी) का उल्लंघनकिया।

 

दलाल काप्रस्तुतीकरणः दलाल नेप्रस्तुतीकरणकिया कि उन्होंनेप्रत्यक्ष बीमापॉलिसी पर कोईदलाली अर्जित नहींकी थी तथा उनकेपास ग्राहक (बीमाकृत)से उनकी भारतीयऔर अंतरराष्ट्रीयआस्तियों के लिएएक संयुक्त बीमाकार्यक्रम का पतालगाने के लिए अधिदेशप्राप्त था। इसकेलिए, उक्त अधिदेशमें उल्लिखित तीनोंपक्षकारों को मिलकरकार्य करने केलिए प्राधिकृतकिया गया था औरउन्होंने अन्यदलालों को व्यावसायिकशुल्क का भुगतानकिया था।

 

निर्णयःप्रत्यक्ष व्यवसायस्थापित करने केलिए उक्त दलालतथा अन्य दो सस्थाओं (भारतमें लाइसेंस सेरहित एक विदेशीदलाल और दूसराभारतीय प्रत्यक्षबीमा दलाल) को प्राधिकृतकरते हुए कॉरपोरेटग्राहक (बीमाकृत)से प्राप्त अधिदेश(दलाल की नियुक्तिका पत्र) तथाअन्य दो संस्थाओंको दलाल के द्वारादलाली की साझेदारीको दर्शानेवालेअन्य दस्तावोजोंके आलोक में यहस्पष्ट है कि उक्तदलाल ने भारतीयबीमा कंपनी केपास प्रत्यक्षबीमा पॉलिसी स्थापितकी थी तथा अन्यभारतीय प्रत्यक्षदलाल और एक विदेशीदलाल के साथ दलालीका साझा किया था।अतः उक्त दलालने आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 केविनियम 2()और आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम, 2013 के विनियम 4 के अंतर्गत अनुसूचीI के पैरा 2 का उल्लंघन कियाथा, यद्यपिउसे केवल पुनर्बीमाव्यवसाय को हीप्राप्त करने केलिए पंजीकृत कियागया था। उक्त दलालने प्रत्यक्ष बीमाव्यवसाय स्थापितकरने के लिए एकविदेशी दलाल(लाइसेंसरहितसंस्था) कोनियोजित करने औरउनके साथ दलालीकी साझेदारी करनेके द्वारा आईआरडीए(बीमा दलाल)2013 के विनियम28 के अंतर्गतअनुसूची VI(आचरण संहिता)के अंतर्गत पैरा3(बी) का भीउल्लंघन किया है।

 

यह स्पष्टहै कि दलाल ऐसीप्रथा में लिप्तहोने के द्वाराजो ऊपर बताये अनुसारउक्त विनियमोंका अनुपालन नहींकरती, वित्तीय रूपसे लाभान्वित हुआहै। बीमा अधिनियम,1938 की धारा 102(बी) के अंतर्गतप्राधिकरण मेंनिहित शक्तियोंके अनुसार उक्तदलाल पर रु. 5 लाख (केवलपाँच लाख रुपये)का अर्थ-दंडलगाया जाता है।

 

3.      आरोप 3: यह पायागया कि दलाल अपनीसमूह कंपनियोंअर्थात् आलमंड्ज़ग्लोबल सेक्यूरिटीज़लिमिटेड और आलमंड्ज़इंश्योरेंस ब्रोकर्सके कार्यालयों, कर्मचारियोंऔर अन्य व्ययोंकी साझेदारी करनेके व्यवहार मेंथा। निरीक्षण टीमद्वारा देखे गयेकार्यालय परिसरके लिए एक अलग किरायाकरार समूह कंपनीआलमंड्ज़ ग्लोबलसेक्यूरिटीज़लिमिटेड के साथथा, तथापि,उक्त परिसर मेंदलाल के कार्यालयस्थान की स्पष्टभिन्नता नहीं पाईगई। अतः लेखा-बहियों में अभिव्यक्तविभिन्न व्ययोंकी साझेदारी कीसत्यता संदेह केअधीन है। उक्त किरायाकरार की एक प्रतिकी जाँच की गई।

 

उल्लंघनः चूँकिदलाल के पास आवश्यकबुनियादी सुविधाएँ, जैसेपर्याप्त कार्यालयस्थान, उपस्करऔर अपने कार्यकलापप्रभावी ढंग सेकरने के लिए प्रशिक्षितश्रमशक्ति नहींथीं, अतः उसनेआईआरडीए (बीमादलाल) विनियम,2013 के विनियम8(2)(ii) का उल्लंघनकिया है।

 

दलाल का प्रस्तुतीकरणःदलालने प्रस्तुतीकरणकिया कि समूह कंपनियोंके स्थान के बीचसुस्पष्ट सीमांकनहै तथा उनके पासपर्याप्त श्रमशक्तिऔर बुनियादी सुविधाएँहैं और व्ययोंकी साझेदारी बिजली, पानी,भोजन-व्यवस्था(पैंट्री) आदि सामान्यव्ययों के लिएआनुपातिक आधारपर है।

 

निर्णयः दलालके प्रस्तुतीकरणके आधार पर, उक्तआरोप पर बल नहींदिया गया। परंतुदलाल को समूह कंपनियोंके साथ साझेदारीकरते समय स्थानऔर अन्य संसाधनोंका स्पष्ट सीमांकनसुनिश्चित करनेतथा स्वतंत्र संव्यवहार(आर्म्स लेंग्थ)संबंध रखने केलिए कहा गया।

 

4.      आरोप 4: आईआरडीए (बीमादलाल) विनियम,2013 के विनियम34(बी) के अनुसारलाइसेंसप्राप्तपुनर्बीमा/सम्मिश्र दलालको चाहिए कि वहविदेशी दलाल सेप्राप्त सेवा केलिए उनके साथ50% से अधिक दलालीका साझा न करे। इस संबंधमें यह पाया गयाकि उपर्युक्त विनियमका अनुपालन सुनिश्चितकरने के लिए दलालके पास कोई प्रणालीविद्यमान नहींथी।

 

उल्लंघनः दलाल ने अपनेप्रस्तुतीकरणकी सच्चाई को दर्शानेके लिए कोई दस्तावेजप्रस्तुत नहींकिया तथा उसनेइस संबंध में निरीक्षणटीम को करारोंअथवा किन्हीं वित्तीयविवरणों की प्रतिप्रस्तुत नहींकी। ऐसे किसी दस्तावेजके अभाव में इसेआईआरडीए (बीमादलाल) विनियम,2013 के विनियम34(3) का उल्लंघनमाना जा सकता है। इसके अलावा,वैयक्तिक सुनवाईके बाद दलाल नेइस संबंध में लेनदेनस्तरीय डेटा प्रस्तुतकिया।

 

दलाल का प्रस्तुतीकरणःदलालने प्रस्तुतीकरणकिया कि उन्होंनेकभी उपर्युक्तविनियम का उल्लंघननहीं किया है। उन्होंने यहभी प्रस्तुतीकरणकिया कि विभिन्नविनियमों का अनुपालनसुनिश्चित करनेके लिए विप्रेषणप्रलेख (रेमिटेन्सडॉक्युमेंट) बहुस्तरीय जाँचकी शृंखला से गुजरताहै। इसके अलावा,वैयक्तिक सुनवाईके दौरान दलालने दलाली की साझेदारीके संबंध में लेनदेनस्तरीय डेटा प्रस्तुतकरने का वचन दिया,जो दलाल के द्वाराबाद में प्रस्तुतकिया गया।

 

निर्णयः उपर्युक्तप्रस्तुतीकरणऔर दलाल के द्वाराप्रस्तुत कियेगये डेटा के संयोजनको ध्यान में रखतेहुए आरोप पर बलनहीं दिया गया। तथापि, दलालको इस संबंध मेंआईआरडीए (बीमादलाल) विनियम,2013 के विनियम34(3) का अनुपालनसुनिश्चित करनेके लिए सूचित कियागया।

 

5.      आरोप 5: बीमादलाल के द्वाराअपेक्षित की गईनमूना पॉलिसियोंसे यह पाया गयाकि दलाल ने बीमाकर्ताके पास ग्राहकका प्रतिनिधित्वकरने के लिए ग्राहकसे लिखित रूप मेंअधिदेश (मैंडेट) प्राप्त नहींकिया तथा आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम, 2013 के विनियम 28 का उल्लंघन करतेहुए वह ग्राहकद्वारा उपलब्धकराई गई सूचनाके आधार पर शर्तोंको विकसित कर रहाथा।

 

उल्लंघनः यहपाया गया कि दलालने आचरण संहितासे संबंधित आईआरडीए (बीमादलाल) विनियम,2013 के विनियम28 के अंतर्गतअनुसूची VIएके पैरा 2(एच)का उल्लंघन किया।

 

दलाल का प्रस्तुतीकरणःदलालने प्रस्तुतीकरणकिया कि बीमाकर्ताके पास ग्राहकका प्रतिनिधित्वकरने के लिए ग्राहकसे लिखित अधिदेश (मैंडेट)प्राप्त करनेके लिए प्रत्येकबीमा दलाल से अपेक्षाकरनेवाली आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम, 2013 के विनियम 28 के अंतर्गत आचरणसंहिता प्राथमिकरूप से सभी प्रत्यक्षबीमा दलालों केलिए लागू है तथाउसने एक पुनर्बीमादलाल होने के कारणपॉलिसी स्थापनके लिए मेल द्वाराग्राहकों से अनुदेशप्राप्त किये थेतथा किसी भी समयकिसी भी बीमा कंपनीने उनके द्वाराकिये गये स्थापनको अस्वीकार नहींकिया था। इसके अलावा,उसने प्रस्तुतीकरणकिया कि पुनर्बीमाव्यवसाय में अध्यर्पक(सीडैंट) व्यवसाय के स्थापनके लिए केवल ई-मेल द्वारा पुष्टिजारी करता है तथावह अधिदेश पत्रके समान है। कोईभी अध्यर्पक अन्यकोई अधिदेश पत्रनहीं देता।

 

निर्णयः इस प्रस्तुतीकरणको ध्यान में रखतेहुए कि दलाल ई-मेल केद्वारा अधिदेश(मैंडेट) प्राप्त कर रहाथा, उक्त आरोपपर बल नहीं दियागया। तथापि, दलाल को समय-समय पर यथासंशोधितआईआरडीए (बीमादलाल) विनियम,2013 के विनियम28 के अंतर्गतअनुसूची VIएके पैरा 2(एच)की अपेक्षा कापालन करने के लिएसूचित किया गया।

 

6.      आरोप 6: दलालके द्वारा ली गईव्यावसायिक क्षतिपूर्तिके संबंध में दावेकी घटना की तारीखके आधार पर सीमाएँथीं। यह दलालविनियम, 2013 कीअनुसूची III केखंड 2() केउल्लंघन में था। उक्त खंडयह उल्लेख करताहै कि पॉलिसी कोउस समय का विचारकिये बिना बीमेकी अवधि के दौरानकिये गये सभी दावोंके संबंध में क्षतिपूर्तिकरनी चाहिए, जिस किसी भी समयदावा उत्पन्न करनेवालीघटना घटी हो।

 

उल्लंघनः दलाल ने आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम, 2013 के विनियम 13(1) के अंतर्गत अनुसूचीIII के पैरा 2(सी) के उपबंधोंका उल्लंघन कियाहै।

 

दलाल का प्रस्तुतीकरणःदलालने प्रस्तुतीकरणकिया कि पॉलिसीके संबंध में 17 मार्च2008 के रूप में एकपूर्वप्रभावीतारीख है। वैयक्तिकसुनवाई के दौरानदलाल ने व्यावसायिकक्षतिपूर्ति कीवर्तमान पॉलिसीप्रस्तुत करनेका वचन दिया। दलाल कीवर्तमान व्यावसायिकक्षतिपूर्ति पॉलिसीसे यह पाया गयाकि पूर्वप्रभावीतारीख 19/05/2006 केरूप में दी गई है,परंतु प्रथमलाइसेंस की तारीखजब आलमंड्ज़ इंश्योरेंसब्रोकर (प्रत्यक्षदलाल) के साथदलाल संस्था काविलय हुआ, 29/08/2003 थी। दलाल ने प्रस्तुतीकरणकिया कि दलाल नेउक्त विनियम केअनुसार पूर्वप्रभावीतारीख को संशोधितकरने के लिए आवश्यककार्रवाई प्रारंभकी है।

 

निर्णयः दलाल के द्वाराकिये गये प्रस्तुतीकरणको ध्यान में रखतेहुए उक्त आरोपपर बल नहीं दियागया है। तथापि,दलाल को व्यावसायिकक्षतिपूर्ति पॉलिसीके अंतर्गत पूर्वप्रभावीतारीख को संशोधितकरने के द्वाराविनियम 13(1) काअनुपालन सुनिश्चितकरने के लिए सूचितकिया गया।

 

III.   निर्णयोंका सारांशः

इस आदेश में निर्णयोंका सारांश निम्नानुसारहैः

आरोप सं.

आरोप का संक्षिप्त शीर्षक और उल्लंघन किये गये उपबंध

निर्णय

1

आरोपः पर्याप्त सॉफ्टवेयर उपलब्ध नहीं है।

उपबंधः आईआरडीए बीमा दलाल विनियम, 2013 का विनियम 31

बल नहीं दिया गया।

2

आरोपः प्रत्यक्ष व्यवसाय का स्थापन और व्यवसाय के स्थापन में लाइसेंसरहित संस्था को नियोजित करना।

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 2() और आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 के विनियम 4 के अंतर्गत अनुसूची I का पैरा 2 तथा आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 की अनुसूची VI (आचरण संहिता) के अंतर्गत पैरा 3(बी)

5 लाख रुपये का अर्थ-दंड और निर्देश

3

आरोपः आवश्यक बुनियादी सुविधाएँ नहीं हैं।

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 8(2)(ii)

परामर्श

4

आरोपः विदेशी दलाल के साथ 50% दलाली से अधिक साझेदारी करना।

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 34(3)

परामर्श

5

आरोपः अध्यर्पकों (सीडैंट्स) से अधिदेश (मैंडेट) प्राप्त नहीं कर रहा है।

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 के विनियम 28 के अंतर्गत अनुसूची VIए का पैरा 2(एच)

परामर्श

6

आरोपः वैयक्तिक क्षतिपूर्ति पॉलिसी में पूर्वप्रभावी तारीख लाइसेंस की प्रथम तारीख के साथ मेल नहीं खा रही है।

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 के विनियम 13 के अंतर्गत अनुसूची III का पैरा 2(सी)

निर्देश

 

IV.   निष्कर्षः

उक्त दलाल फर्मइस आदेश की प्राप्तिकी तारीख से 21 दिन केअंदर इस आदेश केपैरा 1 से 6 तक में उल्लिखितसभी निर्देशोंके संबंध में अनुपालनकी पुष्टि करेगा।

 

जैसा कि संबंधितआरोपों के अंतर्गतनिर्देश दिया गयाहै,उक्त बीमा दलालके द्वारा रु.5,00,000/- (केवल पाँचलाख रुपये) का अर्थ-दंडइस आदेश की प्राप्तिकी तारीख से 15 दिन की अवधि केअंदर एनईएफटी/आरटीजीएस (जिसका विवरणअलग से सूचित कियाजाएगा) के माध्यमसे विप्रेषित कियाजाएगा। विप्रेषणकी सूचना श्रीप्रभात कुमार मैती,महाप्रबंधक(प्रवर्तन),भारतीय बीमाविनियामक और विकासप्राधिकरण, तृतीय तल, परिश्रम भवन,बशीर बाग, हैदराबाद-500 004को भेजी जाएगी।

 

आदेश उक्त दलालफर्म की लेखा-परीक्षासमिति के समक्षऔर बोर्ड की अगलीबैठक में भी प्रस्तुतकिया जाएगा तथाउक्त लाइसेंसप्राप्तसंस्था विचार-विमर्श के कार्यवृत्तकी एक प्रति उपलब्धकराएगी।

 

यदि उक्तदलाल इस आदेश केकिसी भी निर्णयसे असंतुष्ट महसूसकरता है, तो बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 110 के अनुसारप्रतिभूति अपीलीयन्यायाधिकरण(एसएटी) केसमक्ष अपील प्रस्तुतकी जा सकती है।

 

 

(पी. जे.जोसेफ)

सदस्य (गैर-जीवन)

 

स्थानः हैदराबाद

दिनांकः 20नवंबर 2017

 

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