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Title: आदेश
Reference No.: आईआरडीए/सीएजीटीएस/ओआरडी/एलसीई/236/10/2017
Date: 23/10/2017
मेसर्स आर के लिव वेल एशुरेन्स प्राइवेट लिमिटेड के मामले में पंजीकरण का कार्

बीमाअधिनियम, 1938के अनुच्छेद 42ईके साथ पठित,आईआरडीएआई(कार्पोरेटएजेंटों कापंजीकरण विनियम,2015 के विनियम 14(iii)22(3) और 28के अन्तर्गतभारतीय बीमाविनियामक औरविकास प्राधिकरणका आदेश।

 

मेसर्सआर के लिव वेलएशुरेन्सप्राइवेटलिमिटेड केमामले में

पंजीकरणका कार्पोरेटएजेंसीप्रमाण-पत्र

1. मेसर्सआर.के. लिव वेलएशुरेन्सप्राइवेटलिमिटेड (इसकेबाद “कार्पोरेटएजेंट” के रूपमें उल्लिखित),पंजीकृतकार्यालयप्लाट सं. 81, ग्रामखिचड़ीपुर,नईदिल्ली, दिल्ली110092 कोकार्पोरेटएजेंट (लाइफ)के रूप मेंकार्य करने केलिए भारतीयबीमाविनियामक औरविकास प्राधिकरण(इसके बाद `प्राधिकरण~केरूप मेंउल्लिखित)द्वाराआईआरडीएआई(कार्पोरेटएजेंटों कापंजीकरण)विनियम, 2015 (इसकेबाद `कार्पोरेटएजेंट विनियम~केरूप मेंउल्लिखित) केप्रावधानोंके अनुसरण मेंपंजीकरणप्रमाण-पत्रमंजूर कियागया है, संदर्भपंजीकरणप्रमाण-पत्रसं. सीएओ 102, 23मार्च, 2016

2.प्राधिकरणकी जानकारीमें आया है किदिल्ली और हरियाणाके कंपनियोंकेरजिस्ट्रार(इसके बाद `आरओसी~केरूप मेंउल्लिखित) नेकंपनीअधिनियम, 2013के अनुच्छेद 248केउपअनुच्छेदके अन्तर्गतप्रदत्त अपनेअधिकारों काइस्तेमालकरते हुए, संदर्भनोटिस सं.आरओसी/डीईएल/248(5)/एसटीके-7/2879,7.06.2017 कोकंपनी के रजिस्ट्ररसे कार्पोरेटएजेंट कीकंपनी को भंगकर दिया औरहटा दिया है।इसकी, कार्पोरेटमामलों केमंत्रालय केवेबसाइट से,आर.के.लिव-वेलएशुरेन्सप्राइवेटलिमिटेड के कंपनीमास्टर डेटाके अनुसार,पुष्टिकी गयी। यहदेखा गया किआरओसी सेकार्पोरेटएजेंट केहटाये जाने कीस्थिति कीवजह,आरओसी कोविवरणियाँदायर नहींकिया जाना है।

3. प्राधिकरणने अपने विचारोंसे एसबीआई लाइफइन्शुरेन्सकंपनी को अवगतकराया, जिसकेसाथकार्पोरेटएजेंट सन्नद्धहै औरकार्पोरेटएजेंट द्वाराबीमा व्यापार याचितकरने केसंबंध मेंबीमा कंपनी सेस्पष्टीकरणमाँगा।

 

4. एसबीआईलाइफइन्शुरेन्सकंपनी ने ईमेल,दिनांकित 05.09.2017के माध्यम सेउत्तर दिया औरपुष्टि की किउन्होंनेआरओसी द्वाराकार्पोरेटएजेंट के `हटायेजाने कीस्थिति~ कासंज्ञान लेतेहुए दिनांक 31.08.2017को निलंबनपत्र जारीकिया है औरकार्पोरेटएजेंट को अगलेअनुदेश केदिये जाने तकबीमा कंपनी केलिए कोई बीमाव्यापारयाचित न करनेका परामर्शदिया है।

 

5. कार्पोरेटएजेंटविनियमों केविनियम 14(iii) के अनुसार, कार्पोरेटएजेंट को, प्राधिकरणको उसकेद्वारा पहलेसे प्रस्तुत जानकारी,जिसकेअन्तर्गतकार्पोरेटएजेंट कोपंजीकरणप्रमाण पत्रमंजूर कियागया, मेंयदि कोईमहत्वपूर्णपरिवर्तनहोता है तो उसकीलिखितजानकारी देनीचाहिए। आरओसीने अपनेरजिस्टर सेकंपनी का नामहटा दिया है।कार्पोरेट काएक निकाय केरूप में कोईअस्तित्वनहीं रहा ,जोकि एजेंट द्वारापंजीकरण के समयप्रस्तुतजानकारी मेंएकमहत्वपूर्णपरिवर्तन है।कार्पोरेटएजेंट नेआरओसी के पास उनकीकंपनी केहटाये जाने कीस्थिति केबारे मेंलिखितजानकारी नहींदी, इसतरह विनियमोंके विनियम 14(iii)का उल्लंघनकिया।

 

6. इसकेअलावा, कार्पोरेटएजेंट को विनियमोंकेविनियम 22(3) केअनुसार, अपनेखिलाफ अन्यविनियामक यासरकारीसंस्था द्वाराशुरू की गईकिसीकार्रवाई केबारे में 30दिनोंकी अवधि केभीतरप्राधिकरण कोबताना चाहिए।कार्पोरेटएजेंट कोकंपनीरजिस्ट्रार केकार्यालय सेमार्च, 2017महीने मेंनोटिस प्राप्तहुई थी। इससंबंध मेंकार्पोरेटएजेंट से प्राधिकरणको कोई सूचनाप्राप्त नहींहुई और इस तरहविनियम केविनियम 22 (3) काउल्लंघन कियागया।

 

7. प्राधिकरणने पाया किकार्पोरेटएजेंट ने उस शर्तका पालन नहींकिया जिसकेअन्तर्गतपंजीकरणमंजूर कियागया था। यह ध्यानमें रखते हुएकि कंपनी कानाम आरओसी कीकंपनियों कीसूची से हटादिया गया है,प्राधिकरणने कार्पोरेटएजेंट विनियम 28अनुसूची V, धाराIII (ii), जोबिना सूचनाकार्पोरेटएजेंट कापंजीकरण रद्दया निलंबितकरनाविनिर्दिष्टकरता है, केअन्तर्गतशक्ति काप्रयोग करतेहुए, एतदद्वाराकार्पोरेटएजेंट कापंजीकरणप्रमाण-पत्रतुरंतनिलंबित करताहै।कार्पोरेटएजेंट कोनिलंबन कीअवधि के दौरानव्यापार करनाबंद करनाहोगा।

8. इसकेआगे, यदिआवेदनकर्ताआदेश सेसन्तुष्टनहीं है तो वहबीमा अधिनियम 1938के अनुच्छेद 110के अन्तर्गतनिर्धारितप्रावधानोंके अनुसारप्रतिभूतिअपीलीयप्राधिकरण केसम्मुख अपीलकर सकता है।

 

दिनांक : 17-10-2017 (नीलेशसाठे)

स्थान :हैदराबाद सदस्य(जीवन)

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