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Title: अंतिम आदेश
Reference No.: आईआरडीए/ईएनएफ/ओआरडी/ओएनएस/219/09/2017
Date: 20/09/2017
मेसर्स अफ्रो-एशियन इंश्योरेंस एण्ड रीइंश्योरेंस ब्रोकर्स (इंडिया) प्रा. लि.

सं.आईआरडीए/ईएनएफ/ओआरडी/ओएनएस/219/09/2017

 

मेसर्स अफ्रो-एशियनइंश्योरेंस एण्डरीइंश्योरेंसब्रोकर्स(इंडिया)प्रा.लि.

के मामलेमें अंतिम आदेश

 

दिनांक19 जून2017 की कारण बताओनोटिस के उत्तरऔर भारतीय बीमाविनियामक और विकासप्राधिकरण,तृतीय तल,परिश्रमभवन, बशीरबाग, हैदराबादके कार्यालय मेंसदस्य (गैर-जीवन)के द्वाराली गई दिनांक10 अगस्त2017 को अपराह्न03.00 बजे आयोजितवैयक्तिक सुनवाईके दौरान कियेगये प्रस्तुतीकरणोंके आधार पर।

 

पृष्ठभूमिः

भारतीयबीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण(इसमें इसकेबाद "प्राधिकरण"केरूप में उल्लिखित)13-11-2014 से15-11-2014 तक के दौरानमेसर्स अफ्रो-एशियनइंश्योरेंस एण्डरीइंश्योरेंसब्रोकर्स(इंडिया)प्रा.लि.(इसमें इसकेबाद "दलाल"केरूप में उल्लिखित)एकऑनसाइट निरीक्षणसंचालित किया।प्राधिकरण ने टिप्पणियोंकी माँग करते हुएदलाल को उक्त निरीक्षणरिपोर्ट की एकप्रति प्रेषितकी तथा दलाल कीटिप्पणियाँ दिनांक25-05-2015 के द्वाराप्राप्त की गईं।दलाल के द्वाराकिये गये प्रस्तुतीकरणोंकी जाँच करने केबाद प्राधिकरणने 19-06-2017 कोकारण बताओ नोटिसजारी की जिसकाउत्तर दलाल केद्वारा दिनांक29-06-2017 और25-07-2017 के पत्र केअनुसार दिया गया।जैसा कि उसमेंअनुरोध किया गया,दलालको वैयक्तिक सुनवाईका एक अवसर10 अगस्त 2017 कोदिया गया। दलालकी ओर से श्री जयठाकुर, प्रधानअधिकारी उपस्थितथे। प्राधिकरणकी ओर से श्री पी.जे.जोसेफ,सदस्य(गैर-जीवन),श्रीरणदीप जगपाल,विभाग-प्रमुख(मध्यवर्ती),श्रीप्रभात कुमार मैती,महाप्रबंधक(प्रवर्तन),श्रीबी. राघवन,उपमहाप्रबंधक(प्रवर्तन),औरश्री उदित मलहोत्रा,सहायक(प्रवर्तन)उक्तवैयक्तिक सुनवाईके दौरान उपस्थितथे।

 

कारण बताओनोटिस के लिए दियेगये लिखित उत्तरमें दलाल के द्वाराकिये गये प्रस्तुतीकरणों,औरवैयक्तिक सुनवाईके दौरान कियेगये प्रस्तुतीकरणोंतथा कारण बताओनोटिस के लिए उत्तरमें तथा वैयक्तिकसुनवाई के दौरानउनके प्रस्तुतीकरणोंके साक्ष्य मेंदलाल के द्वाराप्रस्तुत कियेगये दस्तावेजोंपर प्राधिकरण केद्वारा विचार कियागया एवं तदनुसारआरोप पर निर्णयका विवरण नीचेदिया जाता है।

 

1.  आरोपसं. 1

यह पायागया कि दलाल नेउक्त विनियम मेंनिर्धारित कियेगये रूप में पुनर्बीमादलाल के कार्योंका निष्पादन नहींकिया। दलालने भारतीय बीमाकर्ताओं/पुनर्बीमाकर्ताकी पुनर्बीमा आवश्यकताओंसंबंधी प्राथमिकजानकारी प्राप्तकरने के बाद ग्राहकोंको सूचित कियाकि अफ्रो-एशियनइश्योरेंस सर्विसेज़लिमिटेड (यूके)पुनर्बीमाआवश्यकताओं/स्थापनोंके लिए दलाल कीओर से कार्य करेगा।तदनुसार, ग्राहकोंसे कहा गया कि वेएएआईएस (यूके)केखाते में प्रीमियमके भुगतान सहितएएआईएस (यूके)केसाथ सीधे अपनेव्यवसाय संबंधीलेनदेन करें। अध्यर्पक(सीडिंग)कंपनियोंसे प्रीमियम राशिप्राप्त होने परएएआईएस (यूके)नेदेय दलाली की राशिकी पुष्टि करतेहुए दलाल को ऋणनोट (क्रेडिटनोट) प्रेषितकिया। बही खातोंकी जाँच से यह विदितहुआ कि एएआईएस(यूके) नेदलाल को समेकितराशियों का विप्रेषणकिया तथा उन्हेंबही खाताअफ्रो-एशियनइंश्यो. सर.लि.मेंजमा किया गया तथादलाल को देय होनेवालीदलाली में नामेकिया गया। दलालने सूचित कियाकि उल्लिखित पुनर्बीमास्थापनों के लिएदलाली की साझेदारीउसके और एएआईएस(यूके) केबीच 50:50 केअनुपात में कीगई तथा उसका लेनदेनएएआईएस (यूके)केमाध्यम से कियागया, परंतुएएआईएस (यूके)केसाथ दलाली की साझेदारीकी पुष्टि करतेहुए पुनर्बीमासंविदाओं के संबंधमें कोई समर्थकदस्तावेज उसकेपास नहीं था। चूँकिसंपूर्ण स्थापनएएआईएस (यूके)द्वाराकिये गये थे,अतःपुनर्बीमा लेनदेनोंसे संबंधित डेटाऔर अभिलेख एएआईआरबीआईपीएलकार्यालय में उपलब्धनहीं थे। निरीक्षणकी टिप्पणी सेविदित होता हैकि उक्त दलाल व्यवसायिकभूमिका और दायित्वोंका निर्वाह नहींकर रहा है जिनकीप्रत्याशा भारतमें पंजीकृत एकसम्मिश्र बीमादलाल से की जातीहै, जैसा किआईआरडीए (बीमादलाल) विनियम,2013 के विनियम4 के अंतर्गतपरिकल्पित है।

 

दलालके प्रस्तुतीकरणः-

दलाल नेअपने प्रस्तुतीकरणोंमें स्वीकार कियाकि निरीक्षण केसमय प्रबंधन काप्रभारी, शेयरधारकोंद्वारा प्रत्याशितरूप में तथा आईआरडीएद्वारा निर्धारितविनियमों के अनुसारपुनर्बीमा दलालके कार्यों कानिष्पादन नहींकर रहा था। प्रबंधनमें परिवर्तन इसीका परिणाम है। दलालने इसके अतिरिक्तप्रस्तुतीकरणकिया कि पीटीएआरई केसाथ ऐतिहासिक स्थापनोंऔर लॉयड्स मेंअन्य स्थापनोंको छोड़कर अब यूकेकंपनी पर निर्भरतानहीं है तथा लंदनके लॉयड्स मेंएएआईआरबीआईपीएलके स्थापन के लिएयूके कंपनी कीस्थिति अन्य लॉयड्सदलालों के "समान"(पैरी पैसू)है।

 

दलाल नेयह भी प्रस्तुतीकरणकिया कि अब वह बोलियाँ(कोट्स) प्राप्तकरने और व्यवसायस्थापित करने केलिए पुनर्बीमाकर्ताओंको व्यवसाय काविपणन सीधे करताहै। साथ ही,वहविदेशों में व्यवसायकी अपेक्षा करनेऔर विदेशी पुनर्बीमाकर्ताओंके साथ सीधे स्थापनकरने के लिए सक्रियरूप से संबद्धहै तथा भारत औरविदेशों में भीग्राहकों के लिएप्रोग्राम अभिकल्पनऔर समाधानों कीसंरचना में परामर्शदे रहा है।

 

इसके अलावा,यूकेकंपनी एएआईएस केश्री उदय पटेलने एएआईआरबीआईपीएलके प्रबंध निदेशकके पद को छोड़ दियाहै तथा कार्यभारश्री जय ठक्करको सौंप दिया हैजो अब स्वतंत्ररूप से कंपनी काप्रबंधन करने केलिए उक्त कंपनीका प्रधान अधिकारीऔर प्रबंध निदेशकहै। निर्धारितकार्य-प्रवाहके अनुसार उचितरूप से कार्योंका निर्वाह सुनिश्चितकरने के लिए इलेक्ट्रॉनिकअभिलेख-पालनऔर प्रणालियाँविद्यमान हैं।

 

आरोपसं. 2

दलाल औरएएआईएस (यूके)कीवेबसाइटें एक दूसरेको मूल कंपनी केएक वैश्विक कार्यालयके रूप में दर्शातीहैं। महत्वपूर्णदस्तावेज/ अभिलेख जैसेजोखिम-अंकनसूचना, बीमारक्षा और शर्तें,प्रीमियमरजिस्टर आदि कान तो दलाल के कार्यालयमें रखरखाव कियागया और न ही उन्हेंनिरीक्षण अधिकारियोंको उपलब्ध करायागया। आईआरडीएकी निरीक्षण टीमद्वारा अपेक्षितदस्तावेजों/ डेटा की पूर्व-सूचनादेने के बावजूद&##2342;लाल ने निरीक्षणके दौरान एएआईएस(यूके) लंदनकार्यालय से ब्योराप्राप्त करने कीकोशिश करने केबाद पुनर्बीमास्थापन रजिस्टरसंकलित करने काप्रयास किया। यहसुस्पष्ट है किदलाल पुनर्बीमाव्यवसाय हेतु एएआईएस(यूके) केलिए एक व्यवसायरिफ़रल प्रदाताके रूप में कार्यकर रहा था।

 

दलालके प्रस्तुतीकरणः-

दलाल नेप्रस्तुतीकरणकिया कि वह अब भारतमें और अंतरराष्ट्रीयदोनों स्तरपर ग्राहकों केलिए प्रोग्रामअभिकल्पन और समाधानोंकी संरचना के संबंधमें परामर्श देनेमें सक्रिय रूपसे संबद्ध है।

 

आरोपसं. 4()

अपने पुनर्बीमास्थापनों में दलालने मुश्किल सेप्रीमियम का संग्रहणकिया और पुनर्बीमाकर्ताको विप्रेषित कियाअथवा पुनर्बीमाकर्तासे प्राप्य दावोंकी वसूली की जिसेबीमाकृत को आगेप्रेषित किया जानाथा। प्रीमियम कासंग्रहण/ पुनर्बीमाकर्ताको विप्रेषण एएआईएस(यूके) बैंकखाते अर्थात् लॉयड्सटीएसबी बैंक केमाध्यम से कियागया है। अतः दलालके बीमा बैंक खातेमें बहुत कम लेनदेनहैं।

 

दलालके प्रस्तुतीकरणः-

दलाल नेसूचित किया किएचडीएफसी बैंक,चर्चगेटशाखा में 2 अगस्त2011 को आईबीए खाताखोला गया है जिसकीसंख्या आईबीए खातासं. 05012560004148 है।

 

आरोपसं. 7

एएआईएस(यूके) भारतमें व्यवसाय करनेके लिए पंजीकृतनहीं है। परंतुइसने एफडीआई केमाध्यम से दलालका प्रवर्तन कियाहै। अतःवह पुनर्बीमा व्यवसायकी मध्यस्थता केलिए दलाल को प्रभावितकरता रहा है तथाइस प्रक्रिया मेंभारतीय दलाल कीभूमिका केवल एकरिफ़रल प्रदातातक और कमीशन काअंश कमाने तक घटाईगई है, जबकिएक पुनर्बीमा दलालके कार्य-निर्वाहके उत्तरदायित्वोंका त्याग कियागया है।

 

दलालके प्रस्तुतीकरणः-

दलाल नेप्रस्तुतीकरणकिया कि पुनर्बीमाप्रभाग का नेतृत्वकरने के लिए श्रीजय ठक्कर की नियुक्तिके उपरांत कंपनीने मध्य पूर्वऔर श्रीलंका केसाथ व्यवसाय सहितबहुत अधिक मात्रामें अंतरराष्ट्रीयव्यवसाय विकसितकिया है। इस प्रकारसभी उपचारात्मककदम विद्यमान हैंतथा कंपनी एक व्यावसायिकपुनर्बीमा दलालकी तरह कार्य कररही है।

 

निर्णय(आरोप1, 2, 4क और7 के लिए):-

ऊपर बतायेगये सभी उदाहरणस्पष्ट रूप सेदर्शाते हैं किदलाल ने अपने सभीकार्य एएआईएस(यूके)को प्रत्यायोजितकिये हैं तथा आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम4 के अंतर्गतपरिकल्पित रूपमें एक पुनर्बीमादलाल के कार्यनिष्पादित नहींकिये हैं। दलालने अपने प्रस्तुतीकरणमें यह पुष्टिकी है कि कंपनीअपने वर्तमान रूपमें एक पुनर्बीमादलाल के सभी कार्यविनियमों के अंतर्गतनिर्धारित रूपमें अत्यंत सावधानीपूर्वकतरीके से निष्पादितकर रही है तथा एएआईएस(यूके)पर निर्भरनहीं हैयह दलाल कीओर से एक अप्रकटप्रस्तुतीकरणहै कि उन्होंनेअब तक पुनर्बीमादलाल के कार्यउचित रूप से निष्पादितनहीं किये हैं।दलाल ने टिप्पणियोंके किसी भी आधारका खंडन नहीं कियाहै, औरन ही उस तरीके केलिए कोई तर्कपूर्णस्पष्टीकरण/औचित्य दियाहै जिसमें उन्होंनेकार्य किया है,केवल यहीकहने तक अपने कोसीमित रखा है किनई टीम के रहतेहुए वे अब विनियमोंका पालन कर रहेहैं।

 

एक बारकिसी दलाल को प्राधिकरणके पास पंजीकृतकरने के बाद उनकेलिए यह बाध्यकारीहै कि वे अपने लिएलागू सभी विनियामकशर्तों का पालनकरें। वर्तमानमामले में दलालने ऐसी प्रथा काअनुसरण किया,जो विनियमके अनुपालन मेंनहीं है,क्योंकिवे प्राधिकरण केपास पंजीकृत हैं।इस तथ्य पर विचारकरते हुए कि दलालने एक लंबी अवधिके लिए (वर्ष2004 से वर्तमानप्रधान अधिकारीद्वारा कार्यभारग्रहण करने तक)उपर्युक्तविनियमों का उल्लंघनकिया है। बीमाअधिनियम,1938 की धारा102(बी)के अंतर्गतअपने में निहितशक्तियों का प्रयोगकरते हुए प्राधिकरणउन उल्लंघनों केलिए रु.5,00,000/- (केवल पाँचलाख रुपये)का अर्थ-दंडलगाता है। इसकेअतिरिक्त दलालको यह निर्देशदिया जाता है किवह आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम4 का अक्षरशःअनुपालन सुनिश्चितकरे।

 

2.  आरोपसं. 3 :-

क.   ग्राहकसंबंध से संबंधितमामलों में आचरणःयह पाया गया किदलाल बीमाकर्ताके पास ग्राहकका प्रतिनिधित्वकरने के लिए प्रत्यक्षदलाली के संबंधमें सभी फुटकरग्राहकों और कईकॉरपोरेट ग्राहकोंसे लिखित अधिदेश(मेंडेट)प्राप्तनहीं कर रहा थातथा ग्राहक द्वाराउपलब्ध कराई गईसूचना के आधारपर शर्तों को विकसितकर रहा था।

ख.   बीमासंविदा के स्पष्टीकरणऔर प्रलेखीकरणसे संबंधित आचरणः दलालउक्त दलाल विनियमोंकी आचरण संहितासंबंधी अपेक्षाओंका पालन नहीं कररहा था क्योंकिपुनर्बीमा संविदाओंके अभिलेख नहींरखे जा रहे थे तथाअध्यर्पक(सीडिंग)कंपनियोंको उपर्युक्त विषयोंमें व्यावसायिकपरामर्श से वंचितकिया जा रहा था।

 

दलालके प्रस्तुतीकरणः-

उक्तदलाल ने पिछलेव्यवहार के लिएदोनों बिन्दुओंपर आरोपों के संबंधमें अपनी कमी कोस्वीकार किया।उसने आगे यह भीप्रस्तुत कियाकि वर्तमान मेंसभी ग्राहकों सेअधिदेश (मैंडेट)प्राप्तकिये जा रहे हैं।दलाल ने यह भी प्रस्तुतीकरणकिया कि पुनर्बीमामें अब प्रणालीऔर नये सॉफ्टवेयरको अपनाया गयाहै, अबसभी अभिलेख रखेजा रहे हैं।

 

निर्णयः-

दलालने बीमाकर्ता केपास ग्राहक काप्रतिनिधित्वकरने के लिए प्रत्यक्षदलाली के संबंधमें फुटकर और कॉरपोरेटग्राहकों से लिखितअधिदेश (मैंडेट)प्राप्तन करने तथा ग्राहकद्वारा उपलब्धकराई गई सूचनाके आधार पर शर्तेंविकसित करने केलिए अपनी ओर सेकमियों को स्वीकारकिया। यहआईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम28 के अंतर्गतअनुसूचीVIए के खंड2(एच) काउल्लंघन है। दलाल को उक्तउल्लंघन के लिएचेतावनी दी जातीहै। इसके अतिरिक्त,इस प्रस्तुतीकरणको ध्यान में रखतेहुए कि वर्तमानमें सभी ग्राहकोंसे अधिदेश प्राप्तकिये जा रहे हैं,दलाल को उपर्युक्तविनियम का अनुपालनकरने का निर्देशदिया जाता है।

 

दलालने पुनर्बीमा संविदाओंका अनुरक्षण नकरने के कारण अध्यर्पक(सीडिंग)कंपनियोंको व्यावसायिकपरामर्श प्रदानन कर पाने के लिएअपनी ओर से कमियोंको भी स्वीकारकिया है। यह आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम4 के अंतर्गतअनुसूचीI के खंड2() काउल्लंघन है। इस प्रकारके उल्लंघन केलिए दलाल को चेतावनीदी जाती है। इसकेअलावा, इसप्रस्तुतीकरणको ध्यान में रखतेहुए कि वर्तमानमें सभी अभिलेखोंका रखरखाव कियाजा रहा है,दलाल को निर्देशदिया जाता है किवह उपर्युक्त विनियमका अक्षरशः अनुपालनसुनिश्चित करे।

 

3.  आरोपसं. 4()और4():-

यहपाया गया कि दलालके कार्यालय मेंशेष राशियों औरनिपटानों की कालावधिसे संबंधित आवधिकरिपोर्टें उपलब्धनहीं थे। इन्हेंएएआईएस (यूके)सेप्राप्त करना चाहिएथा तथा दलाल शेषराशियों के समयपर निपटान की निगरानीकरने के लिए प्रणालीका अनुरक्षण नहींकर रहा है क्योंकिबीमा बैंक खातेमें बीमा धनराशिका वियोजन(सेग्रिगेशन)एएआईआरबीआईपीएलकार्यालय में नहींहो रहा था। यहभी पाया गया किजाँच किये गयेमामलों में प्रीमियमका संग्रहण करनेऔर पुनर्बीमाकर्ताको विप्रेषित करनेऔर/या बीमाकृतको आगे भेजने केलिए पुनर्बीमाकर्तासे प्राप्त दावोंकी वसूली करनेमें एक वर्ष सेभी अधिक समय काअंतराल है,जोपुनर्बीमा दलालके कार्यों केसमय पर निष्पादनकी निगरानी करनेके लिए अपर्याप्तप्रणाली को प्रतिबिंबितकरता है।

 

दलालने निम्नलिखितकी प्रतिलिपि प्रस्तुतनहीं कीः

·        दलाल विनियम,2013 के विनियम27 के साथ पठितअनुसूची V केप्रत्येक उपबंधके अनुपालन केसंबंध में सनदीलेखाकार द्वाराविधिवत् प्रमाणितप्रमाणपत्र कीएक प्रतिलिपि;

·        उक्त अवधिमें अर्जित प्रभारों,शुल्कअथवा दलाली/कमीशनकी राशि एवं किसीअन्य खाते मेंकिये गये किन्हींभी अंतरणों केसंबंध में सनदीलेखाकार द्वाराविधिवत् प्रमाणितप्रमाणपत्र कीप्रतिलिपि।

 

दलालके प्रस्तुतीकरणः-

टिप्पणीके पहले भाग केलिए दलाल ने प्रस्तुतीकरणकिया कि नई टीमद्वारा कार्यग्रहणकरने के बाद,नवंबर2013 से पुनर्बीमादलाल के कार्यविनियमों के अनुसारव्यवहार में हैं।

 

टिप्पणीके दूसरे भाग केलिए दलाल ने अपनीओर से कमियों कोस्वीकार किया तथायह प्रस्तुतीकरणकिया कि पिछलेप्रधान अधिकारीने प्रत्याशितरूप में अपने कर्तव्योंका निर्वहण नहींकिया तथा इसी कारणसे प्रधान अधिकारीसहित उक्त टीमको परिवर्तित कियागया।

 

 

निर्णयः-

टिप्पणीके पहले भाग में,विभिन्नउदाहरणों का उल्लेखकिया गया है जैसेशेष राशियों औरनिपटानों की कालावधिसंबंधी आवधिक रिपोर्टोंकी अनुपलब्धता,शेष राशियोंका समय पर निपटानकी निगरानी करनेके लिए प्रणालीका अनुरक्षण नहोना अथवा प्रीमियमका संग्रहण करनेऔर पुनर्बीमाकर्ताको विप्रेषित करनेऔर/या बीमाकर्ताको आगे भेजने केलिए पुनर्बीमाकर्तासे प्राप्य दावोंका संग्रहण करनेमें एक वर्ष सेअधिक समय का अंतराल,जो दलाल केपास उपयुक्त आंतरिकनियंत्रणों औरप्रणालियों केअभाव एवं घटियालेखांकन प्रथाओंको दर्शाते हैं।यह आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम31(1) का उल्लंघनहै। इस प्रकारके उल्लंघन केलिए दलाल को चेतावनीदी जाती है। इसकेअतिरिक्त दलालको यह निर्देशभी दिया जाता हैकि वह सुनिश्चितकरे कि इस प्रकारके उल्लंधन कीपुनरावृत्ति नहो।

 

निरीक्षणटीम को सनदी लेखाकारके प्रमाणपत्रकी प्रतिलिपि प्रस्तुतन करने से संबंधितटिप्पणी के दूसरेभाग में, दलालने अपनी ओर से विद्यमानकमी को स्वीकारकिया है तथा उनकाप्रस्तुतीकरणकि निरीक्षण केबाद प्राधिकरणको अपेक्षित दस्तावेजप्रस्तुत कियेहैं, अभिलिखितकिया गया है तथाआरोप पर बल नहींदिया गया है। तथापि,दलाल को सूचितकिया जाता है किवह आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम27 की अनुसूचीV के उपबंधोंएवं समय-समयपर यथासंशोधितअन्य संबंधित विनियामकआदेशों काअनुपालन सुनिश्चितकरे।

 

4.  आरोपसं. 5 :-

यह पायागया कि दलाल नेवर्ष 2009-10, 2010-11, 2011-12,20012-13 और 2013-14केलिए ऑनलाइन विवरणियाँदाखिल नहीं कीथीं। https://www.irda.gov.in/Broker/BRO_OIC/broker_OICMain ने पुष्टिकी कि एएआईआरबीआईपीएलने ऑनलाइन विवरणियाँफाइल नहीं की थीं। तथापि,इसबात की पुष्टिकरते हुए निरीक्षणटीम को पत्र प्रस्तुतकिया कि ऑनलाइनविवरणियाँ दाखिलकी गई थीं। परंतुइस पुष्टि को प्रमाणितकरने के लिए हार्डप्रतियाँ उपलब्धनहीं कराई गईं। अतःएएआईआरबीआईपीएलका पुष्टीकरण पत्रअनिश्चित है तथाइसने प्राधिकरणके परिपत्र009/आईआरडीए/बीआरओ/मई06दिनांक26/05/2006 का अनुपालन2009-10 से नहीं किया।

 

दलालके प्रस्तुतीकरणः-

दलाल नेपिछली विवरणियाँऑनलाइन फाइल नहींकरने की बात स्वीकारकी तथा इसके अतिरिक्तप्रस्तुतीकरणकिया कि निरीक्षणके बाद नियमितऑनलाइन विवरणियाँफाइल की गई हैं,जिनमें सेअंतिम विवरणी2017 की पहली तिमाहीके लिए फाइल कीगई है।

 

निर्णयः-

दलाल नेस्वयं यह कमी स्वीकारकी कि उसने पिछलीविवरणियाँ ऑनलाइनदाखिल नहीं कीं।उसने यह आश्वासनभी दिया कि वे निरीक्षणके बाद नियमितऑनलाइन विवरणियाँफाइल कर रहे हैं।दलाल को यह सुनिश्चितकरने का निर्देशदिया जाता है किआईआरडीए पोर्टलपर ऑनलाइन विवरणियाँकिसी चूक के बिनानियमित रूप सेफाइल की जाएँ ताकिप्राधिकरण के परिपत्र009/आईआरडीए/बीआरओ/मई06 दिनांक26/05/2006 के उपबंधोंतथा समय-समयपर यथासंशोधितसंबंधित विनियामकआदेशों का अनुपालनकिया जा सके।

 

5.  आरोपसं. 6 :-

दलाल नेयह सुनिश्चित नहींकिया कि उसके व्यवसायमें आंतरिक लेखा-परीक्षाकी एक उचित प्रणालीका व्यवहार विद्यमानहो। दलाल ने बतायाकि व्यवसाय केछोटे परिमाण कोदेखते हुए कंपनीके पास कोई अलगआंतरिक लेखा-परीक्षाप्रणाली विद्यमाननहीं है। तथापि,सनदीलेखाकार (सीए)मेसर्सअरविंद शाह एण्डकंपनी ने लेखा-परीक्षकरिपोर्ट के अनुबंधमें बताया कि कंपनीके पास उसके आकारऔर व्यवसाय केस्वरूप के अनुरूपएक आंतरिक लेखा-परीक्षाप्रणाली विद्यमानहै। दलालऔर लेखा-परीक्षकोंके द्वारा बतायेगये तथ्य परस्परविरुद्ध हैं औरइस कारण से वे असंगतहैं। साथही, दलाल नेएक आंतरिक लेखा-परीक्षाप्रणाली स्थापितनहीं की है और एकअनुपालन अधिकारीको पदनामित नहींकिया है।

 

एएआईएस(यूके) केसाथ किये गये लेनदेनोंको स्पष्ट करनेके लिए आवश्यकतथा एएआईएस(यूके) सेदलाली की प्राप्तिका विवरण देनेवालेसमर्थक दस्तावेजदलाल के कार्यालयमें उपलब्ध नहींथे। प्रधान अधिकारीऔर वरिष्ठ अधिकारीलेनदेनों का विवरणदेने में असमर्थथे। खाता-बहियाँएएआईएस (यूके)सेप्राप्तियों कोस्पष्ट करने केलिए दस्तावेजोंके साथ समर्थितनहीं थीं।

इसके अतिरिक्त,एएआईएस(यूके) सेप्राप्त, परंतुलेज़र खाते मेंसमायोजित नहींकी गई राशियाँलेखा-परीक्षिततुलन-पत्रमें अन्य चालूदेयताओं के रूपमें दर्शाई गईहैं। परीक्षणशेष (ट्रायलबैंलेंस) मेंसमायोजित नहींकी गई राशियाँचालू देयताओं(ग्राहकों सेअग्रिम) केरूप में दर्शाईगई थीं। तथापि,दलालके व्यावसायिकपरिचालनों से आयमें तदनुरूपी कोईवृद्धि नहीं है।

 

दलालके प्रस्तुतीकरणः-

दलाल नेप्रस्तुतीकरणकिया कि उसके पासएक आंतरिक लेखा-परीक्षासमिति और अनुपालनसमिति स्थापितकी गई हैं।

 

निर्णयः-

टिप्पणीमें उल्लिखित विभिन्नउदाहरण दलाल केआंतरिक नियंत्रणऔर प्रणालियोंके अभाव की ओर संकेतकरते हैं। कंपनीकी आंतरिक लेखा-परीक्षाप्रणाली के संबंधमें दलाल और लेखा-परीक्षकोंके परस्पर विरुद्धवक्तव्य यह सूचितकरते हैं कि आंतरिकलेखा-परीक्षाप्रणाली उचित रूपसे कार्य नहींकर रही है। इसके अलावा,उक्त संस्थाके पास एक पदनामितअनुपालन अधिकारीनहीं है जो कि पुनर्बीमाऔर सम्मिश्र दलालोंके मामले में अधिदेशात्मक(मैंडेटरी)है।

 

कंपनीके पुनर्बीमा व्यवसायके संबंध में विशिष्टउदाहरण दलाल कीओर से सावधानीका पूर्णतः अभावदर्शाते हैं तथाअनुचित लेनदेनों,घटिया लेखांकनप्रथाओं और उनसमर्थक दस्तावोंके उचित रखरखावकी कमी की ओर संकेतकरते हैं जो पुनर्बीमाव्यवसाय से संबंधितलेनदेनों को स्पष्टकरने के लिए आवश्यकहैं। आंतरिकलेखा-परीक्षाऔर अनुपालन समितिकी नियुक्ति केसंबंध में दलालद्वारा मात्र प्रस्तुतीकरणकरने का यह अर्थनहीं होता कि दलालने उपर्युक्त विनियमके अनुपालन मेंअपनी आंतरिक प्रथाओंमें अपेक्षित परिवर्तनकर दिये हैं। साथ ही,दलाल की ओरसे यह अप्रत्यक्षस्वीकृति है किअतीत में कंपनीमें आंतरिक नियंत्रणोंऔर प्रणालियोंका अभाव था। दलाल ने भीउक्त टिप्पणी काखंडन नहीं कियाहै अथवा अपने पूर्वके कार्य के लिएकोई तार्किक स्पष्टीकरणनहीं दिया है।उक्त टिप्पणी मेंपूर्वोक्त सभीउदाहरण आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम31 का उल्लंघनहैं। इस उल्लंघनके लिए दलाल कोचेतावनी दी जातीहै। इसके अलावा,दलाल को निर्देशदिया जाता है किवह उपर्युक्त विनियमका अनुपालन करेतथा एक पदनामितअनुपालन अधिकारीको भी विद्यमानरखे।

 

6.  आरोपसं. 8 :-

दलाल काप्रधान अधिकारीएक निदेशक है।दलाल का संगठनचार्ट यह दर्शाताहै कि उक्त`प्रधान अधिकारी~सम्मिश्रदलाल कंपनी केकार्यकलापों केलिए एकमात्र उत्तरदायीनहीं है क्योंकिउसे कार्यकारीनिदेशक (पुनर्बीमा)औरनिदेशक (वित्त)केसाथ ही उसी पद्धति(लाइन) मेंनियोजित किया गयाथा। प्रधान अधिकारी,कार्यकारीनिदेशक (पुनर्बीमा)औरनिदेशक (वित्त)प्रबंधनिदेशक को रिपोर्टकरते हैं। साथही, यह पायागया कि प्रधानअधिकारी दलाल कंपनीके कार्यकलापोंसे भली भाँति परिचितनहीं है क्योंकिउन्होंने पुनर्बीमाऔर वित्त कार्योंके संबंध में कंपनीके मामलों को स्पष्टनहीं किया तथाउन्होंने प्राधिकरणको अंतिम लेखोंकी प्रस्तुति,छमाहीविवरणियों और ऑनलाइनविवरणियों की फाइलिंगका विवरण प्रस्तुतकिया।

 

दलालके प्रस्तुतीकरणः-

दलाल नेप्रस्तुतीकरणकिया कि विनियमोंके उचित प्रेक्षणोंके साथ कर्तव्योंका निर्वाह करनेके साथ ही,हितधारकोंकी प्रत्याशाओंको पूरा करने केलिए नई प्रबंधनटीम अत्यंत सतर्कताके साथ कार्य कररही है। वर्तमानप्रधान अधिकारीके पास कोई अन्यप्रभार नहीं है।उन्हें प्रधानअधिकारी और प्रबंधनिदेशक के रूपमें पदनामित कियागया है।

 

निर्णयः-

दलाल केइस प्रस्तुतीकरणको ध्यान में रखतेहुए कि वर्तमानपदधारी प्रधानअधिकारी के पासकोई अन्य प्रभारनहीं है तथा इसप्रस्तुतीकरणको देखते हुए किविनियमों के उचितप्रेक्षण के साथकर्तव्यों का निर्वाहकरने के साथ हीहितधारकों की प्रत्याशाओंको पूरा करने केलिए नई प्रबंधनटीम अत्यंत सतर्कतापूर्वककार्य कर रही है,आरोप पर बलनहीं दिया गयाहै। तथापि,दलाल को निर्देशदिया जाता है किवह परिपत्र आईआरडीए/बीआरओ/36/अगस्त-04दिनांक18-08-2004, आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम2(एम) एवंसमय-समयपर यथासंशोधितसंबंधित विनियामकअपेक्षाओं का अनुपालनसुनिश्चित करे।

 

7.  निर्णयोंका सारांशः-

इसआदेश में निहितनिर्णयों का सारांशनिम्नानुसार हैः

आरोप सं.

आरोप का संक्षिप्त शीर्षक और उल्लंघन किये गये उपबंध

निर्णय

1, 2, 4क और 7

आरोपः पुनर्बीमा दलाल के कार्य

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 4

रु. 5 लाख का अर्थ-दंड और निर्देश।

3

आरोपः आचरण संहिता

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 के विनियम 28 के अंतर्गत अनुसूची VIए का खंड 2(एच), विनियम 4 के अंतर्गत अनुसूची I का खंड 2()

चेतावनी और निर्देश

4() और 4()

आरोपः आंतरिक नियंत्रण और प्रणालियाँ तथा प्रमाणपत्र प्रस्तुत न करना।

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 31(1) और विनियम 27 की अनुसूची V.

निर्देश और परामर्श

5

आरोपः ऑनलाइन विवरणियाँ प्रस्तुत न करना

उपबंधः प्राधिकरण के परिपत्र 009/आईआरडीए/बीआरओ/मई 06 दिनांक 26/05/2006 के उपबंध

निर्देश

6

आरोपः आंतरिक नियंत्रण और प्रणालियाँ

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 31

चेतावनी और निर्देश

8

आरोपः प्रधान अधिकारी की स्थिति

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 2(एम) और परिपत्र आईआरडीए/बीआरओ/36/अगस्त -04 दिनांक 18-08-2004

निर्देश

 

8.  निष्कर्ष

दलाल फर्मइस आदेश की प्राप्तिकी तारीख से21 दिन के अंदर,इस आदेश केपैरा 1 से6 तक में उल्लिखितसभी निर्देशोंके संबंध में अनुपालनकी पुष्टि करेगा।

 

जैसा किसंबंधित आरोपोंके अंतर्गत निर्देशदिया गया है,रु.5,00.000/- (केवल पाँचलाख रुपये)का अर्थ-दंडउक्त बीमा दलालके द्वारा एनईएफटी/आरटीजीएसके माध्यम से इसआदेश की प्राप्तिकी तारीख से15 दिन की अवधिके अंदर विप्रेषितकिया जाएगा(जिसके लिएविवरण अलग से सूचितकिया जाएगा)।विप्रेषण की सूचनाभारतीय बीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण,तृतीय तल,परिश्रमभवनम्, बशीरबाग, हैदराबाद-500004 के पते परश्री प्रभात कुमारमैती, महाप्रबंधक(प्रवर्तन)को भेजी जाए।

 

यह आदेशदलाल फर्म की लेखा-परीक्षासमिति के समक्षप्रस्तुत कियाजाएगा तथा बोर्डकी तत्काल अगलीबैठक में भी रखाजाएगा एवं लाइसेंसप्राप्तसंस्था विचार-विमर्शके कार्यवृत्तकी एक प्रतिलिपिउपलब्ध कराएगी।

 

9.  यदिदलाल इस आदेश मेंनिहित किसी भीनिर्णय से असंतुष्टमहसूस करता है,तो बीमा अधिनियम,1938 की धारा110 के अनुसारप्रतिभूति अपीलीयन्यायाधिकरण(एसएटी)को अपील प्रस्तुतकी जा सकती है।

 

 

(पी.जे.जोसेफ)

सदस्य(गैर-जीवन)

स्थानःहैदराबाद

दिनांकः19-09-2017

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