सेवा में : सभीगैर जीवन बीमाकंपनियों (स्वास्थ्यबीमा कंपनियोंसहित) और पुनर्बीमा कंपनियोंके मुख्य कार्यकारीअधिकारी/अध्यक्ष/प्रबंधनिदेशक
विषय : वार्षिकबीमांकिक मूल्यांकनऔर संबंधित रिपोर्टप्रस्तुति के एकभाग के रूप मेंप्रस्तुत की जानेवाली जानकारी
1. यह परिपत्रआईआरडीए अधिनियम, 1999 की धारा 14 (2) और 14 (एच) के अन्तर्गतनिहित अधिकारोंके अनुसार जारीकिया गया है।
2.यह परिपत्रसभी गैर-जीवनबीमा कंपनियों (स्वास्थ्यबीमा कंपनियोंसहित) और भारत मेंपंजीकृत बीमाकंपनियोंपर लागू होता है।
3.यह परिपत्र 31 मार्च, 2017 तक आयोजितमूल्यांकन के साथशुरू होने वालेबीमांकिक वैधानिकमूल्यांकन से प्रभावीहोगा।
4.यह परिपत्रवार्षिक वैधानिकमूल्यांकन के संबंधमें प्रस्तुत कीजाने के लिए, आवश्यकन्यूनतम जानकारीनिर्धारित करताहै।
5.अनुलग्नकमें प्रस्तुत कीजाने वाली सभीरिपोर्टों/अन्यजानकारी की सूचीसहित उनकी प्रस्तुतिकी नियत तिथियाँदी गई हैं।
6.अनुलग्नकII में एक्सेलप्रारूप में अतिरिक्तआईबीएनआर तालिकाएँशामिल हैं।
7.अनुलग्नकIII वित्तीय स्थितियोंकी रिपोर्ट केसंशोधित प्रारूपनिर्धारित करताहै, अनुलग्नक 111 (क) में एक्सेलप्रारूप में संशोधितएफसीआर तालिकाएँहोती हैं।
7.1 वर्तमान प्रारूपकी तुलना में प्रमुखबदलाव यह है किअपेक्षित न्यूनतमजानकारी को सरलीकृतकिया गया है औरनियुक्त बीमांकिकको, बीमा कंपनियोंके व्यापार कीप्रकृति और जटिलताके अनुरूप जानकारीकी प्रस्तुति मेंअधिक लचीलापन प्रदानकिया गया है।
7.2 तथापि 31 मार्च, 2017 तक केमूल्यांकन के लिए, नियुक्तबीमांकिक को यहहै कि वह यदि चाहेतो पूर्व परिपत्रसं. आईआरडीए/एसीसीएल/सीआईआर/एमआईएससी/153/07/2014 दिनांकित 8 जुलाई, 2014 के अनुसारजानकारी प्रस्तुतकर सकते हैं।
8.वार्षिकवैधानिक मूल्यांकनबीमा कंपनियोंके लिए एक सर्वाधिकमहत्वपूर्ण पक्षहै। सभी गैर-जीवनबीमाकर्ताओं (स्वास्थ्यबीमा कंपनियोंसहित) और पुनर्बीमाकर्ताओंको सलाह दी जातीहै कि वे इस परिपत्रका अनुपालन करें, जो जानकारीप्रस्तुत करनेके लिए मार्गदर्शनसहित प्राधिकरणको प्रस्तुत कीजाने वाली न्यूनतमजानकारी भी निर्धारितकरता है। इस परिपत्रके प्रावधानोंका अनुपालन करनेमें कोई भी व्यतिक्रमणहोने पर, सुनवाईका अवसर दिये जानेके बाद, वर्तमान मानदण्डोंऔर विनियमों केअनुसार एए/सीआईओ/सीएमडी/बीमाकंपनी के खिलाफकार्रवाई की जासकती है।
पौर्णिमा गुप्ते
सदस्य (बीमांकिक)