आईआरडीएआईपरिपत्र संदर्भःआईआरडीए/आईएनटी/सीआईआर/सीएससी/138/07/2016दिनांक 13 जुलाई 2016 कीओर ध्यान आकर्षितकिया जाता है जिसकेद्वारा सीएससी-एसपीवी के माध्यमसे विक्रय के लिएउत्पाद जोड़े गयेहैं। उक्त परिपत्रपर प्राधिकरण कोबीमित राशि कीकिसी सीमा के बिनासरकार द्वारा प्रायोजितबीमा योजनाओं काविपणन सीएससी-एसपीवी द्वाराकिये जाने के संबंधमें स्पष्टीकरणमाँगते हुए कुछबीमाकर्ताओं सेअभ्यावेदन प्राप्तहुए हैं।
इस संबंधमें यह स्पष्टकिया जाता है किः
1. वाक्यांश"बीमितराशि संबंधी किसीसीमा के बिना"काअर्थ यह है कि सभीसरकार प्रायोजितबीमा योजनाओं में, जो भीबीमित राशि औरप्रीमियम संबंधितयोजना में निर्धारितहै, वह किसीपरिवर्तन के बिनाजारी रहेगा। सीएससी-एसपीवी सरकारद्वारा प्रायोजितबीमा योजनाओं काविक्रय और विपणनकर सकता है, भले ही संबंधितयोजना में बीमितराशि 2 लाख रुपयेसे अधिक हो।
2. फ़सल बीमाके संबंध में, बीमित राशि कीसीमा के बिना उत्पादका विक्रय करनेके लिए सीएससी-एसपीवी को अनुमतिदेने का हमाराआशय यही है कि सीएससी-एसपीवी बीमाकर्ताद्वारा प्रस्तावितसरकार प्रायोजितफ़सल बीमा योजनाओंका विक्रय कर सकताहै, जो पॉलिसीधारककी फ़सल को बीमाकृतखेत के क्षेत्रफलके लिए बीमारक्षाप्रदान करती हैं।तथापि, बीमितराशि / प्रीमियम/ प्रीमियम दरप्रति फसल / यूनिट क्षेत्र/ वृक्ष, जैसी स्थितिहो, उस रूप मेंबिना किसी परिवर्तनके रहता है जैसाकि संबंधित सरकारद्वारा प्रायोजितबीमा योजनाओं मेंअधिसूचित है। वस्तुतःसरकार द्वारा प्रायोजितफ़सल बीमा योजनाओंके लिए बीमित राशिपर कोई उच्चतमसीमा नहीं है,जैसी कि ऐसीउच्चतम सीमा सीएससी-एसपीवी के माध्यमसे बेचे जानेवालेअन्य बीमा उत्पादोंके लिए विद्यमानहै।
3. "प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षाबीमा योजना" को "प्रधानमंत्री सुरक्षाबीमा योजना" (पीएमएसबीवाई)के रूप में पढ़ाजाए। जबकि पीएमएसबीवाईको बैंक खाते केसाथ संबद्ध कियाजाता है तथा वर्तमानमें केवल बैंकही बीमाकृत व्यक्तिके खाते में सीधेनामे डालकर उत्पादका विक्रय करतेहैं, वहीं सरकारद्वारा प्रायोजितअन्य बीमा योजनाएँहो सकती हैं जिनकाविपणन एजेंटोंऔर बीमा मध्यवर्तियोंके माध्यम से करनेकी अनुमति दी गईहै। ऐसे मामलों मेंसीएससी-एसपीवीउक्त योजनाओं कीअपेक्षा और विपणनकर सकते हैं जिनकेलिए वे मानदंडोंके अनुसार कमीशनअथवा पारिश्रमिकके लिए हकदार होंगे।
(पी. जे. जोसेफ)
सदस्य (गैर-जीवन)