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Title: सभी बीमाकर्ता,
Reference No.: आईआरडीए/एफएण्डए/सीआईआर/आईएफआरएस/038/03/2016
Date: 01/03/2016
बीमा क्षेत्र में भारतीय लेखांकन मानक (इंड एएस) का कार्यान्वयन

कंपनीकार्य मंत्रालय(एमसीए), भारतसरकार ने 16 फरवरी2015 को कंपनी(भारतीय लेखांकनमानक) नियम,2015 अधिसूचित कियेहैं। एमसीए द्वाराजारी की गई प्रेसप्रकाशनी दिनांक18 जनवरी 2016 कीओर भी ध्यान आकर्षितकिया जाता है जिसकेद्वारा बैंकों,गैर-बैंकिंगवित्तीय कंपनियों,चयनितअखिल भारतीय मीयादीउधार और पुनर्वित्तसंस्थाओं और बीमाकर्ताओंके लिए अंतरराष्ट्रीयवित्तीय सूचनामानक (आईएफआरएस)अभिमुखभारतीय लेखांकनमानकों (इंडएएस) हेतुरूपरेखा दी गईहै।

 

2. इससंबंध में यह सूचितकिया जाता है किबीमाकर्ता इस संबंधमें प्राधिकरणद्वारा जारी कियेगये किसी भी दिशानिर्देशअथवा निर्देश केअधीन कंपनी(भारतीय लेखांकनमानक) नियम,2015 के अंतर्गतअधिसूचित रूप मेंभारतीय लेखांकनमानकों का अनुसरणनिम्नलिखित तरीकेसे करेंगेः

i. बीमाकर्ता31 मार्च 2018 कोसमाप्त अवधियोंके लिए तुलनात्मकस्थितियों के साथ1 अप्रैल2018 से प्रारंभहोनेवाली लेखांकनअवधियों के लिएवित्तीय विवरणोंहेतु भारतीय लेखांकनमानक (इंडएएस) काअनुपालन करेंगे।इंड एएस दोनोंस्टैंडअलोन वित्तीयविवरणों और समेकितवित्तीय विवरणोंके लिए लागू होंगे।"तुलनात्मकआंकड़ों" सेपूर्ववर्ती लेखांकनअवधि के लिए तुलनात्मकआंकड़े अभिप्रेतहैं।

ii. बीमाकर्ताइंड एएस को केवलउपर्युक्त समय-सीमाओंके अनुसार प्रयोगमें लाएँगे तथाउसके पहले इंडएएस को अपनानेकी अनुमति नहींहै।

 

3. इंडएएस कार्यान्वयनवित्तीय सूचनाप्रणालियों औरप्रक्रियाओं कोउल्लेखनीय रूपमें प्रभावित करनेकी संभावना हैतथा इस स्थितिके होते हुए,इनपरिवर्तनों केसंबंध में कार्यान्वयनकी तारीख से पहलेही, आयोजना,प्रबंध,परीक्षणऔर निष्पादन करनेकी आवश्यकता है।बीमकर्ताओं कोसूचित किया जाताहै कि वे एक कार्यकारीनिदेशक (अथवासमकक्ष) केस्तर के अधिकारीकी अध्यक्षता मेंएक संचालन समितिका गठन करें जिसमेंबीमाकर्ता के विभिन्नकार्यात्मक क्षेत्रोंके सदस्य हों ताकिकार्यान्वयन प्रक्रियातत्काल प्रारंभकी जा सके। पदनामितअधिकारी और टीमका नाम और विवरणयदि पहले नहींभेजा गया हो तो-मेलसे भेजा जाएगा।बोर्ड की लेखा-परीक्षासमिति इंड एएसके कार्यान्वयनकी प्रक्रिया कीप्रगति का पर्यवेक्षणकरेगी तथा तिमाहीअंतरालों पर बोर्डको सूचित करेगी।महत्वपूर्ण विषयोंमें, जिनकेसंबंध में इंडएएस कार्यान्वयनयोजना में फैक्टरकरने की आवश्यकताहै, निम्नलिखितशामिल होंगेः

(i) इंडएएस तकनीकी अपेक्षाएँ: वर्तमान लेखांकनढाँचे और इंड एएसके बीच विभिन्नताओंका नैदानिक विश्लेषण,वित्तीयआंकड़ों को प्रभावितकरनेवाले महत्वपूर्णलेखांकन नीतिगतनिर्णय, लेखांकननीतियों का प्रारूपण,प्रकटीकरणोंकी तैयारी,प्रलेखीकरण,प्रोफार्माइंड एएस वित्तीयविवरणों की तैयारी,इंडएएस में परिवर्तनके लिए समय-निर्धारण,एवंलेखांकन प्रणालियोंको प्रायोगिक तौरपर चलाना और वास्तविकपरिवर्तन से पहलेसूचना प्रक्रियाको एक समान पंक्तिमें संयोजित करना।

(ii) प्रणालियाँऔर प्रक्रियाएँ: प्रणालीगतपरिवर्तनों कामूल्यांकनपरिवर्तन अपेक्षितप्रक्रियाओं काआकलन, सूचनाप्रणालियों(आईटी प्रणालियोंसहित) परउल्लेखनीय प्रभावरखनेवाले विषय,एवंजहाँ भी आवश्यकहो वहाँ डेटा ग्रहणकरने की प्रणालीको विकसित/ मजबूत करना।

(iii) व्यावसायिकप्रभावः लाभआयोजना और बजटबनाना, पूँजीगतआयोजना, औरशोधक्षमता पर प्रभाव।

(iv) लोगसंसाधनों कामूल्यांकनः कार्यान्वयनके लिए पर्याप्तऔर पूर्णतः समर्पितआंतरिक स्टाफ,व्यापकप्रशिक्षण कार्यनीतिऔर कार्यक्रम।

(v) परियोजनाप्रबंधः यहसुनिश्चित करनेके द्वारा कि हितधारकोंके लिए प्रभावीसंचार कार्यनीतियोंके साथ ही, लेखांकन,प्रणालियों,लोगोंऔर व्यवसाय केबीच सभी संबद्धताएँस्थापित की गईहैं, आयोजनाऔर कार्यान्वयनके प्रति समूचीप्रक्रिया संबंधीसमग्र दृष्टिकोणका प्रबंध करना।

 

4. बीमाकर्ताअपनी वित्तीय स्थितिपर इंड एएस कार्यान्वयनके प्रभाव का आकलनकरेंगे, जिसमेंपूँजीगत पर्याप्तता,शोधक्षमताविनियम की अपेक्षाओंको हिसाब में लेनातथा अपने बोर्डोंके समक्ष तिमाहीप्रगति रिपोर्टेंप्रस्तुत करनाशामिल है। बीमाकर्ताओंके लिए यह भी आवश्यकहै कि वे 31 दिसंबर2016 को समाप्त तिमाहीसे लेकर आगे प्राधिकरणको प्रोफार्माइंड एएस वित्तीयविवरण प्रस्तुतकरने के लिए तैयाररहें। उक्तप्रोफार्मा इंडएएस वित्तीय विवरणप्राधिकरण के परिपत्रसं. आईआऱडीए/एफएण्डआई/सीआईआर/एफएण्डए/012/01/2010 दिनांक28 जनवरी 2010 मेंविनिर्दिष्ट समय-सीमाओंके अंदर फाइल कियेजाएँगे।

 

5. कार्यान्वयनकी प्रक्रिया कोसुसाध्य बनानेके लिए प्राधिकरणभी कदम उठायेगा।प्रारंभ के तौरपर जुलाई 2016 सेप्राधिकरण इस संबंधमें बीमाकर्ताओंके साथ आवधिक बैठकेंआयोजित करेगा।जब भी आवश्यक होतब प्राधिकरण संबंधितपहलुओँ पर आवश्यकअनुदेश / मार्गदर्शन/ स्पष्टीकरणजारी करेगा।

 

6. बीमाकर्तावार्षिक रिपोर्टमें इस संबंध मेंकी गई प्रगति सहित,इंडएएस कार्यान्वयनके लिए कार्यनीतिप्रकट करेंगे।ये प्रकटीकरण वित्तीयवर्ष 2015-16 सेलेकर कार्यान्वयनहोने तक किये जाएँगे।

 

7. इंडएएस की दिशा औरकार्यनीति का निर्धारणकरने में तथा इंडएएस कार्यान्वयनयोजना के विकासऔर निष्पादन कापर्यवेक्षण करनेमें अंततः दायित्वबीमाकर्ताओं केबोर्डों का होगा।

 

8. इसपरिपत्र में निहितनिर्देश बीमा अधिनियम,1938 की धारा34 के अधीन जारीकिये जाते हैंतथा बीमाकर्ताइनका कड़ाई सेअनुपालन सुनिश्चितकरेंगे।

 

9. सभीबीमाकर्ताओं कोसूचित किया जाताहै कि वे इस परिपत्रको अपने निदेशकबोर्ड की अगलीबैठक में रखेंतथा अनुपालन कीपुष्टि करें।

 

 

(टी.एस. विजयन)

अध्यक्ष

 

भारतीय बीमाविनियामक और विकासप्राधिकरण

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    Implementation of Indian Accounting Standards (Ind AS) in insurance sector.pdf

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