जैसाकि आप जानतेहैं, बीमाक़ानून(संशोधन)अधिनियम, 2015 मेंप्रावधान हैकि भारतीयबीमा कंपनी काभारतीयस्वामित्वएवं नियंत्रणमें होना अनिवार्यहै। संशोधितअधिनियम मेंयह भी प्रावधानहै कि भारतीयबीमाकंपनियों मेंविदेशी निवेशकी सीमा 26% सेबढ़ा कर 49% कर दीजाय।
इसकेपरिणामस्वरूप, भारतसरकार ने 19फरवरी, 2015 कोभारतीय बीमाकंपनी (विदेशीनिवेश) नियम, 2015अधिसूचितकिया है जोबीमा दलालों, तृतीयपक्षप्रशासकों, सर्वेक्षणकर्ताओंऔर हानिमूल्यांकनकर्ताओंऔर बीमाविनियामक औरविकासप्राधिकरणअधिनियम, 1999 केप्रावधानोंके अंतर्गतनियुक्त अन्यबीमामध्यवर्तियोंपर लागू हैं।
भारतीयस्वामित्व औरनियंत्रणवालीकंपनियों परबीमा क़ानून(संशोधन) अधिनियम, 2015 केप्रावधानोंको प्रभावीबनाने के लिएप्राधिकरण नेदिशानिर्देशजारी किये हैं,संदर्भ सं.आईआरडीए/एफएवंए/जीडीएल/जीएलडी/180/10/2015दिनांकित 19अक्तूबर, 2015जिनको हमारेवेबसाइट www.irda.gov.in सेडाउनलोड कियाजा सकता है।
येदिशानिर्देशआईआरडीएअधिनियम, 1999 मेंपरिभाषितबीमामध्यवर्तियोंजैसे दलालों, तृतीयपक्षप्रशासकों, सर्वेकर्ताओंऔर हानिमूल्यांकनकर्ताओंइत्यादि पर भीलागू किये गयेहैं। तथापिगैर-बीमागतिविधियोंसे अपना 50प्रतिशत सेअधिक राजस्वपाने वालेबीमामध्यवर्तियोंके मामले में, येदिशानिर्देशलागू नहींहोंगे।
इससंबंध मेंआपका ध्यानदिशानिर्देशोंकी धाराओं 2 और 4 कीओर खींचा जाताहै, जहाँ कुछविदेशी निवेशसीमाओं कीमात्रा और भारतीयनियंत्रण भीविनिर्दिष्टकिया गया है।इसके अलावादिशा-निर्देशकी धारा 5 में ``भारतीयस्वामित्ववाली औरनियंत्रित” काअनुपालनसुनिश्चितकरने के तरीकेपर विचार कियागया !
दिशा-निर्देशोंकी धारा 5 केअंतर्गत उनबीमामध्यवर्तियोंको जहाँ यथापेक्षितविनिर्दिष्टसीमा के भीतर, विदेशीनिवेशविद्यमान हैया वर्तमानसीमा में वृद्धिकरने का इरादाहै या विदेशीनिवेश लाने काप्रस्ताव है, उन्हेंनिम्नलिखितप्रस्तुतकरना होगा।
`भारतीयस्वामित्ववालीऔर नियंत्रित~ औरविशेष रूप सेदिशानिर्देशोंकी धारा 2 व 4 केअनुपालन कीपुष्टि करते; यथाप्रयोज्य, प्रमुखअधिकारी औरअनुपालनअधिकारीद्वाराविधिवतहस्ताक्षरितएक वचन पत्रहोंगे;
निदेशकमंडल द्वारापारित ``भारतीयस्वामित्ववाली औरनियंत्रित~~ केअनुपालन कीपुष्टि करनेवालेप्रस्ताव की प्रमाणितप्रति;
समझौते/संयुक्तउपक्रमसमझौते की एकप्रमाणितप्रति जहाँ इनप्रावधानोंको प्रभावीबनाने के लिएइन समझौतों/संयुक्तउपक्रमसमझौतों मेंसंशोधन कियागया है।
बीमामध्यवर्तियोंको सलाह दीजाती है किजिन मामलोंमें लागू हो, उपरोक्तवचन पत्र, इसपरिपत्र केजारी होने कीतिथि से तीनमहीनों केभीतरप्राधिकरण कोप्रस्तुतकरें।
नीलेश साठे
(सदस्यजीवन)