बीमा अधिनियम, 1938 की धारा 3ए के साथ पठित धारा 3 के अधीन जारी किया गया पंजी
भारतसरकार ने 23 मार्च2015 को बीमा विधि(संशोधन)अधिनियम,2015 अधिसूचित कियाहै।उक्तबीमा विधि(संशोधन)अधिनियम2015, जो 26 दिसंबर2014 से प्रभावीहै, ने बीमाअधिनियम, 1938, साधारणबीमा व्यवसाय(राष्ट्रीयकरण)अधिनियम,1972 तथा बीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरणअधिनियम, 1999 केउपबंधों में संशोधनकिया है।
धारा3ए का संशोधनबीमा विधि(संशोधन)अधिनियम,2015 द्वारा बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 3 केअधीन बीमाकर्ताओंको जारी किये गयेपंजीकरण प्रमाणपत्रके वार्षिक नवीकरणकी प्रक्रिया कोहटाने के लिए कियागया है।तथापि,बीमाकर्ताविनियमों द्वारानिर्धारित रूपमें ऐसे वार्षिकशुल्क का भुगतानकरना जारी रखेंगे।इस प्रकार,26.12.2014 से बीमाकर्ताओंको नवीकृत पंजीकरणप्रमाणपत्र(आईआरडीए/आर6)वार्षिकआधार पर जारी नहींकिया जाएगा।
तदनुसार,2014 में नवीकृतएवं 31 मार्च2015 को अवधि-समाप्तबीमाकर्ताओं केपंजीकरण प्रमाणपत्रका 1 अप्रैल2015 से प्रचलितहोना बीमा अधिनियम,1938 की धारा3 के साथ पठितधारा 3ए केउपबंधों के अधीनजारी रहेगा।
(टी.एस. विजयन)
अध्यक्ष
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