Document Detail

Title: दूरदर्शन कार्यक्रम
Reference No.: --
Date: 11/02/2005
जनवरी 05-जून 05 की अवधि का कार्यक्रम

बीमाजागरूकता अभियानके अंग के रूप मेंप्राधिकरण पिछलेदिनों की तरह , निम्नलिखितदूरदर्शन केंद्रोंसे (सामान्य रूपसे हर महीने केचतुर्थ सप्ताहमें) जनवरी 2005 से `फोन करेंकार्यक्रम~ आयोजितकर रहा है:

थिरुवनन्तपुरम, चेन्नई, बैंगलोर, पणजी, जलंधर, भुवनेश्वर, गुवाहाटी, कोलकाता, अहमदाबाद, हैदराबादऔर मुंबई।

माह

विषय

जनवरी, 2005

आईआरडीए क्या है?

फरवरी, 2005

बीमा की संकल्पना

मार्च, 2005

जीवन बीमा क्या है?

अप्रैल, 2005

सामान्य बीमा क्या है?

मई, 2005

बीमा में वितरण प्रणाली

जून, 2005

पालिसीधारकों की शिकायतें

कार्यक्रमके सही समय की जानकारीके लिए आप संबंधितकेंद्रों के दूरदर्शनप्रभारी से संपर्ककर सकते हैं।.

के. सुब्रमण्यम

कार्यकारीनिदेशक

 

बीमा कीसंकल्पना

 

एक तरफ मानव जीवनमें प्राकृतिकया आकस्मिक कारणोंसे, विभिन्न खतरेहैं- मृत्यु का खतराया अक्षमता (विकलांगता) का खतरा।मनुष्य बीमारीका शिकार हो सकताहै, जिसके इलाज केलिए भारी खर्चहो सकता है। दूसरीतरफ, मनुष्य की निजीसंपत्ति के लिएभी विभिन्न प्राकृतिकऔर मानव निर्मितखतरे हैं।

जब मनुष्य कीमृत्यु हो जातीहै या कोई व्यक्ति, स्थायीया अस्थायी रूपसे अक्षम हो जाताहै, तो गृहस्थ कीआमदनी की हानिहोती है, परिवारको कठिनाई का सामनाकरना पड़ता है।कभी-कभी आश्रितोंके लिए जीवन गुजारनामुश्किल हो जाताहै।

जहाँ तक संपत्तिकी बात है, संपत्तिकी हानि या क्षतिका परिणाम व्यक्तिया संस्था के लिएया तो संपूर्णया आंशिक हानिके रूप में होताहै।

खतरा अप्रत्याशितहोता है। मृत्यु/अक्षमताया हानि/क्षतिकिसी भी समय होसकते हैं। हानियोंको बीमा के माध्यमसे कम किया जा सकताहै। बीमा एक ऐसीवस्तु है, जो विभिन्नआकस्मिकताओं केखिलाफ सुरक्षाप्रदान करती है।

जीवन और गैर-जीवनके लिए उपलब्धबीमा उत्पाद कईहैं। गैर-जीवन में, व्यक्तिगतसुरक्षा के अलावाजैसे दुर्घटनासे सुरक्षा औरस्वास्थ्य बीमा, किसीक़ानून विशेष यासामान्य क़ानूनके अन्तर्गत ऐसेउत्पाद हैं, जो देयताओंको शामिल करतेहैं। किसी उद्योगकी विभिन्न जरूरतोंको पूरा करने केलिए विभिन्न उत्पादडिज़ाइन किये गयेहैं, जैसे बहुमंजिलीबिल्डिंग के लिएअग्नि-बीमा पालिसीऔर गृहस्थ पालिसीएक बीमा संविधाबीमाकृत से प्रीमियमके रूप में प्राप्तभुगतान के एवजमें एक निश्चितराशि की प्रतिपूर्तिकरने का बीमाकर्ताको वादा है।

मानव जीवन कामूल्य नहीं लगायाजा सकता। इसलिए, जीवनबीमा के मामलेमें, बीमित राशि (या हानिकी स्थिति मेंभुगतान की जानेवाली गारंटीकृतराशि) एक लाभ के रूपमें है। जीवन बीमाउत्पाद बीमाकृतव्यक्ति की यदिउसकी सक्रिय आयअर्जन की अवधिमें मृत्यु होजाती है या किसीदुर्घटना के कारणवह अक्षम हो जाताहै, जिसके कारण उसकीआय में कमी/संपूर्णहानि होती है तोबीमाकृत व्यक्तिके आश्रितों कोएक निश्चित राशिउपलब्ध कराते हैं।कोई व्यक्ति एकवार्षिकी उत्पादखरीद कर अपने बुढ़ापेको भी सुरक्षितकर सकता है, जब वहकमाना बंद कर देताहै और उसकी आमदनीका कोई अन्य जरियानहीं रहता।

व्यक्तिगत दुर्घटनासुरक्षा (कवर) भी सुरक्षाके लिए है। बीमाकृतकी मृत्यु या अक्षमताया स्थायी या अस्थायीअक्षमता की स्थितिमें, क्षतिपूर्तिउपलब्ध कराती है, जो हानिके प्रकार के आधारपर बीमाकृत पूँजीराशि का संपूर्णया कुछ प्रतिशतहोता है।

स्वास्थ्य बीमाके मामले में पालिसीबीमाकृत व्यक्तिद्वारा चुनी गयीबीमाकृत राशि कीसीमा में बीमारियोंया चोट के इलाजपर होने वाले खर्चको कवर करती है।

संपत्ति से जुड़ेबीमा के संबंधमें कई उत्पादउपलब्ध हैं। संपत्तिको अग्नि और बाढ़, भूकंपइत्यादि सहित प्राकृतिकआपदाओं के विरुद्धसुरक्षित कियाजा सकता है। मशीनोंकी टूट-फूट के लिए बीमाकराया जा सकताहै। मार्गस्थ माल, समुद्रीनौ भार बीमा सुरक्षाके अंतर्गत बीमाकृतकिया जा सकता है।बीमा कवर जहाजोंऔर अन्य माल वाहकजहाज़ों के लिएभी उपलब्ध है।मोटर बीमा पालिसीतृतीय पक्ष क्षतिसहित वाहन को होनेवाली क्षति कोभी कवर (शामिल) करती है।

संपत्ति का बीमाक्षतिपूर्ति केसिद्धांत पर आधारितहै। बीमा की अवधारणायह है कि बीमाकृतको उसी वित्तीयस्थिति तक लानाहै, जो कि हानि होनेसे पूर्व थी। यहसंपत्ति में निवेशको सुरक्षित करताहै, जहाँ कोई बीमानहीं है, नुकसानपरियोजना या किसीउद्योग को आघातपहुँचा सकते हैं।सामान्य बीमा अर्थव्यवस्थाऔर समाज को स्थिरताप्रदान करता है।

बीमा व्यक्तिको सुरक्षा देताहै इस तरह मन कीशांति भी प्रदानकरता है। बीमाकी संकल्पना हैकि कुछ लोगों कीहानि की कई लोगोंके योगदान से प्रतिपूर्तिहोती है। यह बड़ीसंख्या के सिद्धांतपर आधारित होतीहै। यह नुकसानके न्यूनीकरण काहल ढूँढने की मनुष्यकी ज़रूरत से उपजीहै। यह सामूहिकरूप से हल ढूँढनेके मनुष्य के स्वभावको भी दर्शातीहै। यह तय करनेसे पहले कि कौन-सा उत्पादखरीदना चाहते हैंसभी के लिए जीवनव सामान्य बीमाकंपनियों द्वारापेश किये जानेवाले विभिन्न उत्पादोंको समझना जरूरीहै।

विनियमों केअनुसार बीमाकर्ताको बिक्री के समयउत्पादों की विभिन्नविशेषताओं की जानकारीदेना चाहिए। बीमाकृतको भी उत्पादोंके विभिन्न नियमव शर्तों का अध्ययनकरना चाहिए औरसमझना चाहिए किजो उन्होंने खरीदाहै वह उनकी बीमाज़रूरतों को पूराकरता है। उन्हेंदावा करने की क्रियाविधिभी समझना चाहिएताकि उनको मालूमहो कि नुकसान कीस्थिति में उन्हेंक्या करना है।

 

जीवनबीमा क्या है?

मानवजीवन को प्राकृतिकऔर दुर्घटना केकारणों से मृत्युका खतरा रहता है।जब मानव जीवन कीहानि होती है याकोई व्यक्ति स्थायीया अस्थायी रूपसे अक्षम हो जाताहै,तोगृहस्थ को आमदनीकी हानि होती है।परिवार को कठिनाईका सामना करनापड़ता है। कभी-कभी तो आश्रितोंके लिए जीवन गुजारनाभी मुश्किल होजाता है। जोखिमअप्रत्याशित होतेहैं। मृत्यु/अक्षमताआकस्मिक होती है।कोई व्यक्ति ऐसीआकस्मिकताओं सेअपनी रक्षा जीवनबीमा के माध्यमसे कर सकता है।

जीवनबीमा मनुष्य काबीमा है। यद्यपिमनुष्य के जीवनका मूल्यांकन नहींकिया जा सकता, एक मौद्रिकराशि निर्धारितकी जा सकती है, जिसका आधारवर्षों में आमदनीकी हानि होता है।इसलिए, जीवन बीमामें,बीमाकृतराशि (यावह राशि जिसकीहानि की स्थितिमें भुगतान कीगारंटी दी जातीहै)एकलाभ के रूप मेंहोती है। जीवनबीमा उत्पाद, बीमाकृत, जीवन कीउसकी सक्रिय आयअर्जन की अवधिमें मृत्यु कीस्थिति में याकिसी दुर्घटनाके कारण अक्षमहो जाता है, जिसके कारणउसके आय अर्जनमें कभी/संपूर्णहानि होती है तोबीमाकृत के आश्रितोंको एक निश्चितराशि उपलब्ध करातेहैं।

कोईव्यक्ति एक वार्षिकीउत्पाद खरीद करअपनी वृद्धावस्थाको भी, जबउसकी कमाई बंदहो जाती है और उसकेपास आय का कोई साधननहीं रह जाता, सुरक्षितकर सकता है।

कईजीवन बीमा उत्पादहैं जो सुरक्षाप्रदान करते हैंऔर बचत से भी जुड़ेहुए हैं।

सावधीबीमा उत्पाद, संविधाकी अवधि के दौरानबीमाकृत की मृत्युहोने पर एक निश्चितराशि उपलब्ध करातेहैं।

सम्पूर्णजीवनबीमा उत्पादमृत्यु होनेपर निश्चितराशि उपलब्धकराते हैं !

 

एण्डोवमेंटएशुरेन्स उत्पाद, संविदाकी अवधि के दौरानबीमाकृत की मृत्युहो जाने पर या संविदाकी समाप्ति परयदि बीमाकृत जीवितहै तो निश्चितराशि उपलब्ध करातेहैं।

`मनी बैकबीमा~ उत्पादन केवल संविदाकी अवधि के दौराननिर्दिष्ट तिथियोंपर निश्चित देयराशि उपलब्ध करातेहैं बल्कि संविदाकी अवधि के दौरानमृत्यु होने परसंपूर्ण राशि भीउपलब्ध कराते हैं।

वार्षिकीउत्पाद निर्धारिततिथियों पर मासिककिश्तों की श्रृंखलाउपलब्ध कराते हैं, बशर्तेबीमाकृत व्यक्तिनिर्धारित तिथियोंपर जीवित है।

लिंक्डउत्पाद मृत्युपर न केवल एक निश्चितराशि उपलब्ध करातेहैं बल्कि, वांछिततिथियों पर परिसंपत्तियोंकी निर्धारित मूल्यसे जुड़ी राशियाँभी उपलब्ध करातेहैं। विभिन्न श्रेणियोंके लोगों - बच्चों, युवाओं, महिलाओं, प्रौढ़ों, वृद्धोंऔर ग्रामीणों, फिल्म अभिनेताओं/अभिनेत्रियोंऔर असंगठित क्षेत्रके श्रमिकों केलिए विभिन्न बीमाउत्पाद उपलब्धहैं।

जीवन बीमाउत्पाद आईआरडीएद्वारा अधिसूचितपंजीकृत जीवन बीमाकर्ताओंसे खरीदे जा कतेहैं। बीमाकर्ताअपने उत्पादोंको बेचने के लिएबीमा एजेंट नियुक्तकरते हैं। आमजनजो जीवन बीमा उत्पादखरीदने में रुचिरखते हैं उन्हेंबीमा एजेंटों/बीमाकर्ताओंसे उचित परामर्शप्राप्त होना चाहिए, ताकि वेअपनी वित्तीय ज़रूरतोंके अनुरूप सहीउत्पाद का चुनावकर सकें।

इस प्रकारबीमा पालिसियाँपरिवारों का सुरक्षाऔर निश्चिंतताप्रदान करतीहैं और समाजको ख़ुशीप्रदान करतीहैं ।

 

सामान्यबीमा क्या है?

`जीवन बीमा~ से अलग बीमा `सामान्यबीमा की श्रेणीमें आता है। सामान्यबीमा में आग यासेंधमारी इत्यादिके खिलाफ संपत्तिका बीमा, व्यक्तिगतबीमा जैसे दुर्घटनाऔर स्वास्थ्य बीमाऔर देयता बीमा, जिसमेंक़ानूनी देयताएँशामिल हैं आतेहैं । पेशेवरोंके लिए अन्य सुरक्षाएँ (कवर्स) भी हैं, जैसे त्रुटिऔर चूक, ऋणबीमा इत्यादि।

गैर-जीवन बीमाकंपनियों के पासऐसे उत्पाद हैंजो अग्निकांड औरअन्य विपदाओं जैसेबाढ़,तूफानऔर सैलाब, भूकंप इत्यादिसे संपत्ति कोहोने वाले नुकसानको कवर करते हैं।ऐसे उत्पाद हैंजो सेंधभारी औरचोरी को कवर करतेहैं। गैर-जीवन कंपनियाँमरीजों की टूट-फूट के विरुद्धकवर प्रस्तावितकरती हैं, ऐसी पालिसियाँहैं,जो जहाजोंइत्यादि को कवरकरती हैं। मरीनकार्गों पालिसी, समुद्र, वायु औरसड़क द्वारा मालके पारवहन मेंकवर उपलब्ध करातीहै। इसके अलावा, मोटर वाहनोंका नुकसान और चोरीके विरुद्ध बीमा, गैर-जीवन बीमाव्यापार का मुख्यहिस्सा है।~

संपत्तिके बीमा के संबंधमें यह महत्वपूर्णहै कि दावे की स्थितिमें किसी दंड सेबचने के लिए, संपत्तिकी वास्तविक कीमतका कवर (सुरक्षा) लिया जाताहै। जहाँ बीमाके लिए संपत्तिका मूल्य कम आँकागया है तो बीमाकर्ताको हानि के आकलनीयअनुपात में हानिका वहन करना होगा।उदाहरणार्थ यदिसंपत्ति का मूल्य 100 रु. है और वह 50रु. के लिए बीमाकृतहै तो हानि की स्थितिमें वह 50रु. तक होगा, अधिकतमदेय दावा राशि 2.5 रु. होगी (संपत्ति का 50% कम बीमाकराने के लिए बीमाकर्ताको 50% की हानिका वहन करना होगा।) अधिकतरबीमाकृत अक्सरइस अवधारणा कोनहीं समझते हैं।

व्यक्तिगतबीमा में दुर्घटना, स्वास्थ्यइत्यादि के लिएपालिसियाँ शामिलहैं। व्यक्तिगतदुर्घटना के कवरवाली पालिसियाँलाभप्रद पालिसियाँहैं। गैर-जीवन बीमाकर्ताओंद्वारा प्रस्तावितस्वास्थ्य बीमाकवर मुख्य रूपसे प्रतिपूर्तिया कैशलेस आधारपर प्रस्तावितअस्पतालीकरण कवरहैं। कैशलेस सेवातृतीय पक्ष प्रशासकोंके माध्यम से दीजाती है, जिनका विभिन्नसेवा प्रदाताओंअर्थात् अस्पतालोंके साथ व्यवस्थाहोती है। तृतीयपक्ष प्रशासक दावोंकी प्रतिपूर्तिके लिए सेवाएँउपलब्ध कराता है।कभी-कभी बीमाकर्ताप्रतिपूर्ति दावोंको स्वयं संसाधितकरते हैं।

दुर्घटनाबीमा और स्वास्थ्यबीमा पालिसियाँव्यक्तियोँ औरसाथ ही साथ समूहोंके लिए भी उपलब्धहैं। एक समूह किसीसंस्था के कर्मचारियोंका समूह हो सकताहै या किसी एक बैंकके जमाकर्ताओंया क्रेडिट कार्डधारकों का समूहहो सकता है। जबकिसी समूह का बीमाकराया जाता हैतो सामान्यतयाउन्हें सामूहिकछूट दी जाती है।देयता बीमा मेंमोटर तृतीय पक्षदेयता बीमा, वर्कमैनकंपन्सेशन पालिसी (कर्मचारीक्षतिपूर्ति पालिसी) इत्यादिशामिल होते हैं, जिनमेंसंबंधित अधिनियमों -मोटर वाहनअधिनियम, वर्कमैन कंपन्सेशनएक्ट इत्यादि केअन्तर्गत वैधानिकदेयताओं के खिलाफकवर दिया जाताहै। कुछ सुरक्षाएँ (कवर्स) जैसे पूर्ववर्ती (मोटर तृतीयपक्ष और कर्मचारियोंकी क्षतिपूर्तिनीति)वैधानिकरूप से अनिवार्यहै। देयता बीमाजो क़ानूनी रूपसे अनिवार्य नहींहै, आजकल लोकप्रियहोता जा रहा है।कई उद्योग सार्वजनिकदेयता के लिए बीमाकराते हैं। उत्पादोंके लिए भी देयतासुरक्षा उपलब्धहै।

ऐसेसामान्य बीमा उत्पादभी हैं, जोपैकेज पालिसियोंकी प्रकृति केहैं,उपरोक्तकवरों को संयुक्तरूप से पेश करतेहैं। उदाहरण केलिए,गृहस्थों, दुकानदारोंऔर पेशेवरों जैसेडॉक्टरों, चार्टर्डअकाउंटेंटो इत्यादिके लिए पैकेज पालिसियाँउपलब्ध हैं। मानकसुरक्षाओं की प्रस्तुतिके अलावा बीमाकर्ताग्राहकों की आवश्यकताया व्यक्तिगत ज़रूरतोंके अनुसार तैयारपालिसियाँ भी पेशकरते हैं।

प्रत्येकपरिवार के लिएउपयुक्त सामान्यबीमा सुरक्षा आवश्यकहै। व्यक्तियोंके लिए अपनी संपत्तिकी सुरक्षा करनामहत्वपूर्ण है, जो उसनेअपनी मेहनत कीकमाई से प्राप्तकी होती है। अपनीसंपत्ति खोने याउसका नुकसान होनेसे व्यक्ति हताशहो जाता है। आपदाओंकी वजह से होनेवाले नुकसान, जैसे सूनामी, भूकंप, तूफान इत्यादिकी वजह से कई लोगबेघर और निर्धनहो जाते हैं। ऐसेनुकसान विनाशकारीहोते हैं, लेकिन बीमाउनके दुष्प्रभावको कम कर सकता है।संपत्ति का बीमाकिया जा सकता हैऔर इसी प्रकारव्यक्तिगत दुर्घटनाके खिलाफ लोगोंका भी बीमा कियाजा सकता है। स्वास्थ्यबीमा पालिसी, किसी बीमारीया चोट की वजह सेचिकित्सा करानेवाले व्यक्ति कोवित्तीय सहित दिलासकती है।

उद्योगोंको भी अपने भवन, मशीनों, स्टॉक इत्यादिकी सुरक्षा केलिए उनका बीमाकरा कर अपने आपकोसुरक्षित कर लेनेकी आवश्यकता है।उन्हें अपनी देयताओंका भी बीमा करानाचाहिए। वित्त पोषक, बीमा करानेपर जोर देते हैं।इसलिए, अधिकतरउद्योग या व्यापारप्रतिष्ठान, जिन्हेंबैंकों द्वारावित्त पोषित कियाजाता है और अन्यसंस्थान बीमा कवरप्राप्त करते हैं।लेकिन क्या वेसही बीमा कवर लेरहे हैं? या क्या वे पर्याप्तबीमा सुरक्षा लेरहे हैं? इन सवालों परकुछ विचार कियेजाने की जरूरतहै। संगठन या उद्योग, जो स्व वित्तपोषित हैं, उन्हेंयह सुनिश्चित करनाचाहिए कि वे बीमाद्वारा संरक्षितहैं।

अधिकतरसामान्य बीमा(कवर)सुरक्षाएँ वार्षिकसंविदाएँ हैं तथापि, कुछ ऐसेउत्पाद भी हैंजो दीर्घकालिकहैं।

प्रस्तावकोंके लिए यह महत्वपूर्णहैं कि वे कोई बीमासंविदा करने सेपहले पालिसी केनियमों और शर्तोंको पढ़ें और समझें।प्रस्ताव पत्र, प्रस्तावद्वारा पूरी तरहऔर सही-सहीभरे जाने चाहिए, ताकि यहसुनिश्चित कियाजा सके कि बीमाकवर पर्याप्त औरसही है।

 

सामान्यबीमा : प्रश्नएवं उत्तर 

 

बीमा क्याहै?

हम अपने दैनिकजीवन में बहुतसारे खतरों कासामना करते हैं।इनमें से कुछ कीवजह से वित्तीयहानि होती है।बीमा इन वित्तीयहानियों से सुरक्षाका एक रास्ता है।भुगतान (प्रीमियम) के बदलेबीमा कंपनी आपकोवित्तीय हानियोंकी प्रतिपूर्तिकरने की जिम्मेदारीलेगी।

सामान्यबीमा क्या है?

जीवन के अलावाकिसी भी चीज़ काबीमा कराना सामान्यबीमा कहलाता है।उदाहरण के रूपमें अग्निकांडऔर चोरी से संपत्तिजैसे मकान और उसकेसामान का दुर्घटनाके कारण नुकसानया चोरी के खिलाफवाहनों का बीमाकरना। दुर्घटनाके कारण चोट याबीमारी या सर्जरीके लिए अस्पतालमें भर्ती होने केलिए बीमा करायाजा सकता है। क़ानूनकी वजह से अन्योंके प्रति आपकीदेयताओं का बीमाकराया जा सकताहै और कुछ मामलोंमें जैसे मोटरतृतीय पक्ष बीमा,में यह अनिवार्यहै।

किसी कोबीमा क्यों करानाचाहिए?

किसी को बीमाकराने की वजहोंमें से प्रमुखवजह अपनी वस्तुओंऔर संपत्ति कीवित्तीय हानि सेसुरक्षा के लिएबीमा कराना चाहिए।जब कोई अपनी कमाईसे संपत्ति जमाकरता है तो उसकीसुरक्षा करने मेंसमझदारी है। क़ानूनके अनुसार भी हमेंकुछ देयताओं केलिए बीमा करानेकी जरूरत है। अर्थात्, यदि हमारीवजह से किसी कोकुछ नुकसान पहुँचताहै तो उस व्यक्तिको उसकी क्षतिपूर्तिका अधिकार है।यह सुनिश्चित करनेके लिए कि उसकीक्षतिपूर्ति करनेमें हम सक्षम हैं, क़ानूनहम से यह अपेक्षाकरता है कि हम देयताबीमा खरीदें ताकिक्षतिपूर्ति कीजिम्मेदारी किसीबीमा कंपनी कोस्थानान्तरितहो जाए।

सामान्यबीमा किसको खरीदनाचाहिए?

कोई भी व्यक्तिजिसके पास संपत्तिहै वह अग्निकांडया चोरी इत्यादिके कारण होने वालेनुकसान से सुरक्षाके लिए बीमा खरीदसकता है। हम मेंसे प्रत्येक व्यक्तिअस्पताल में भरतीहोने की और व्यक्तिगतदुर्घटना पालिसीके माध्यम से अपनाऔर अपने आश्रितोंके स्वास्थ्य औरकल्याण के लिएबीमा करा सकताहै। वही व्यक्तिपालिसी खरीद सकताहै जिसको इन हालातमें होने वालीवित्तीय हानि काभार वहन करना पड़ताहै। इसको बीमायोग्यहित (रुचि) कहा जाताहै।

कितने प्रकारकी पालिसियाँ हैं?

अधिकतर सामान्यबीमा पालिसियाँवार्षिक हैं - अर्थात्वे एक वर्ष तक चलतीहैं। कुछ पालिसियोंको दीर्घकाल केलिए दिया जाताहै - जैसे आवासोंके लिए अग्नि, बीमाऔर कुछ लघु अवधियोंके लिए होती है।जैसे माल परिवहनके लिए बीमा याविदेश यात्रा केदौरान आपातकालीनमेडिकल चिकित्साके लिए बीमा।

मुझे कितनेका बीमा लेना चाहिए?

जितनी राशि काबीमा कराया जाताहै वह बीमाकृतराशि कहलाती है।सामान्यतया, किसीपालिसी को परि#2360;ंपत्तिके मूल्य को कवरकरना चाहिए, जो बीमाकराते समय बाज़ार-मूल्यहो सकता है या खोजाने या नष्ट होजाने की स्थितिमें परिसंपत्तिको पुनः स्थापितकरने पर होने वालीलागत हो सकती है।प्रीमियम राशिबीमाकृत राशि परनिर्भर करती है।

क्या मैं दो पालिसियाँले सकता हूँ औरदोनों के अन्तर्गतदावा कर सकता हूँ?

किसी क्षतिपूर्णकवर के मामले में (जो वास्तविकहानि की क्षतिपूर्तिकी माँग करती है) - उदाहरणके लिए, वह पालिसीजो संपत्ति कोकवर देती है, यदि दोपालिसियाँ प्रचलनमें हैं, तो हानिदोनों पालिसियोंद्वारा साझा कीजाएँगी। किसी भीस्थिति में बीमाकृतको उसके द्वाराउपचित वास्तविकआर्थिक हानि सेअधिक प्राप्त नहींहोगा। दूसरी तरफ, लाभ पालिसियोंके संबंध में जैसेव्यक्तिगत दुर्घटनापालिसी, जहाँ निश्चितक्षतिपूर्ति कीजाती है; भले हानिकितनी भी हो, किसीको एक पालिसी सेअधिक प्राप्तनहीं हो सकता है।

दावे काभुगतान किस आधारपर किया जाता है?

क्षतिपूर्तिपालिसी में दावेकी ऊपरी सीमा बीमाकृतराशि है और यह आमतौरपर पालिसी की अवधिके लिए लागू होतीहै। कुछ पालिसियोंमें तथापि पालिसीकी शेष अवधि केलिए आनुपातिक प्रीमियमका भुगतान करकेबीमाकृत राशि केपुनर्नियोजन कीअनुमति होती है।वास्तविक दावे, बिलोंजैसे दस्तावेजोंद्वारा वैधीकृतवित्तीय हानि कीवास्तविक सीमातक होंगे। यदिसंपत्ति का बीमाकम है तो बीमाकृतको हानि के आकलनीयअनुपात तक की हानिका वहन करना होगा।पालिसी की अवधिके दौरान एक सेअधिक दावे हो सकतेहैं लेकिन बीमाकृतराशि ही आमतौरपर पालिसी की अवधिके लिए सीमा होगी, यदि वहपुनर्नियोजितनहीं की गई हो।

आजकल स्वास्थ्यबीमा पालिसियोंमें, जो अस्पताल मेंइलाज की लागत कवरकरती हैं - दावोंके कैशलेस निपटानकी व्यवस्था होतीहै। अर्थात् आपकोअस्पताल में इलाजके लिए भुगतानखर्चों की प्रतिपूर्ति के लिएदावा नहीं करनाहोता है। बीमाकंपनी का एक सेवाप्रदाता होता है, जिसेतृतीय पक्ष प्रशासक (टीपीए) स्वास्थ्यसेवाएँ कहा जाताहै, जो अस्पताल सेसंपर्क करता हैऔर आपकी पालिसीऔर बीमा कवर कीशर्तों के अनुसारआपके इलाज का सीधेभुगतान करता है।

प्रीमियमोंके भुगतान की आवधिकताक्या है?

अधिकतर सामान्यबीमा पालिसियाँवार्षिक होती हैंऔर प्रीमियम काभुगतान अग्रिमरूप से करना होताहै। यदि आपने प्रीमियमका भुगतान नहींकिया है तो जोखिमकवर नहीं होगा।कुछ दीर्घकालिकपालिसियों मेंकंपनी के पास सावधिकरूप से प्रीमियम एकत्रकरने की सुविधादेती है।

अलग-अलग व्यक्तियोंके लिए प्रीमियमअलग-अलग क्यों होतेहैं?

प्रीमियम कीगणना आपके द्वारालिये जाने वालेकवर की सीमा औरप्रकृति के अनुसारकी जाती है। बीमाकी उच्चतर राशिका मतलब उच्चतरप्रीमियम दर है। उसीतरह उच्चतर जोखिमके लिए उच्चतरप्रीमियम चार्जकिया जाएगा। इसकाएक उदाहरण यह किएक अधिक उम्र केव्यक्ति को, कम उम्रके व्यक्ति कीतुलना में स्वास्थ्यबीमा के लिए उसीबीमाकृत राशि केलिए अधिक प्रीमियमका भुगतान करनाहोगा। कभी-कभी जोखिमजोखिमों की स्थानके आधार पर उच्चतरहोता है- उदाहरणार्थजिन क्षेत्रोंमें दुर्घटनाएँअधिक होती हैंउन क्षेत्रों केलिए मोटर बीमाअधिक होगा। इसप्रकार जोखिम कीप्रकृति और गंभीरताकी दृष्टि से प्रीमियममें अन्तर होगा।

यदि मैं कोई पालिसीखरीदता हूँ औरकोई दावा नहींकरता तो यह एक नुकसानहै। इसलिए क्यामुझे बीमा खरीदनाचाहिए?

सामान्य बीमा, बचत यानिवेश लाभ के लिएनहीं कराया जाताहै। यह सुरक्षाके लिए होता है।आप जो भुगतान करतेहैं वह जोखिम केविरुद्ध एक सुरक्षाहै। उसको इस तरहसे देखना कि यहलाभ के लिए है, सही नहींहै क्योंकि लाखोंकी संपत्ति कीसुरक्षा के लिएहमें कुछ सौ रुपयोंका भुगतान करनापड़ता है।

यदि दावों केसंबंध में समस्याएँहो तो मैं क्याकर सकता हूँ?

सबसे पहले आपकोकंपनी को लिखनाचाहिए और उचितजवाब देने के लिएउन्हें पर्याप्तसमय देना चाहिए।यदि वे कोई उत्तरनहीं देते या उनकाउत्तर संतोषजनकनहीं है तो आप उपयुक्तन्यायिक माध्यमसे संपर्क कर सकतेहैं। 20 लाख तक केमूल्य वाली व्यक्तिगतबीमा सुरक्षाओंसे संबंधित शिकायतोंके लिए आप अपनेक्षेत्र के बीमालोकपाल से संपर्ककर सकते हैं।

(यहाँ लोकपालसे संपर्क करसकनेसम्बन्धी जानकारीकी घोषणा करें)

लोकपाल के पासएक तकनीकी दल होताहै, जो आपके मामलेके गुण-दोष कीजाँच करेगा औरएक निर्णय देगा।यदि आप लोकपालके फैसले से खुशनहीं हैं तो आपउपभोक्ता न्यायालयोंकी शरण में जा सकतेहैं।

आईआरडीए के पासभी एक शिकायत कक्षहै। आप------------------------------------ परसंपर्क कर सकतेहैं।

(यहाँ आईआरडीएसे संपर्क करनेके नंबर की घोषणाकरें।)

 

बीमा मेंवितरण चैनल

बीमा सुरक्षाएक अमूर्त उत्पादहै, जो `पालिसी~ नाम सेएक लिखित संविदाकहलाता है। बीमाकर्तापरोक्ष या अपरोक्षरूप से विभिन्नवितरण चैनलों - व्यक्तिगतएजेंटों, कार्पोरेटएजेंटों (बैंक इन्शुरेन्ससहित) और ब्रोकर केमाध्यम से विभिन्नबीमा सुरक्षाएँबाज़ार में बेचतेहैं। वितरण नेटवर्कमें विक्रेता भावीग्राहकों या ग्राहकोंसे सीधे संपर्कमें रहता है। जीवनबीमा उत्पाद व्यक्तिगतएजेंटों के माध्यमसे बेचे जाते हैंऔर उनमें से कईयोंके लिए यह एकमात्ररोज़गार होता है।सामान्य बीमा उत्पादव्यक्तिगत एजेंटों, कारपोरेटएजेंटों और बैंकरोंद्वारा बेचे जातेहैं।

वितरणचैनल जैसे एजेंटोंको आईआरडीए द्वारालाइसेंस दिया जाताहै। एजेंसी लाइसेंसपाने के लिए उसव्यक्ति के पासन्यूनतम अर्हता, बीमाविषयों का व्यावहारिकज्ञान और इन्शुरेन्सइन्स्टीटयूट ऑफ़इण्डिया द्वारासंचालित एक परीक्षाउत्तीर्ण करनाहोता है।

एजेंटों/ब्रोकरोंको लाइसेंस देनेके संबंध में आईआरडीएके विनियमों मेंव्यक्तिगत एजेंटों, कारपोरेटएजेंटों और ब्रोकरोंके लिए आचारसंहितानिर्धारित है।आचार संहिता केसंबंध में एक पृथकनोट इस नोट के साथसंलग्न है।

इस प्रकारयह देखा गया हैकि, इन मध्यवर्तियोंके लिए विक्रयके बिन्दु पर औरदावे की स्थितिमें क्या करनाचाहिए और क्यानहीं करना चाहिए,स्पष्ट रूप सेदिया गया है। ग्राहकके पास दस्तावेजके पहुँचने केसाथ सेवा समाप्तनहीं हो जाती, वास्तवमें यह तो शुरुआतहै। बिक्री केबाद भी सेवा महत्वपूर्णहै, दरअसल अधिक महत्वपूर्णहै। जैसे - जब धन वापसीकी जानी होती हैया जब कोई दावाकिया जाना है।

एक गहनचिन्ताजनक समस्याकुछ मध्यवर्तियोंद्वारा रिबेट देनेसे संबंधित हैजो बीमा व्यवसायकी गतिविधियोंको प्रभावित करतीहैं। बीमा अधिनियम 1938 की धारा 41 के अनुसाररिबेट देने परप्रतिबंध लगायागया है और जनताको सलाह दी जातीहै कि वे किसी भीरिबेट देने वालेमध्यवर्तियोंसे व्यवहार न करें।रिबेट देने कामतलब है एजेंट/ब्रोकरको मिलने रालाकमीशन, संभावित ग्राहक/ग्राहकको दे देना है।यह ग्राहक को नकदीदेकर बीमा संविदाखरीदने के लिएआकर्षित करने केलिए किया जाताहै। एजेंटों/ब्रोकरोंमें गला काट प्रतिस्पर्धाइतनी ज्यादा हैकि कुछ एजेंटोंद्वारा ऐसे अनैतिकव्यवहार किये जातेहैं। जनता को सलाहदी जाती है वे किसीएजेंट से प्रीमियममें प्रतिबंधितरिबेट की माँगन करें, क्योंकि एजेंटके लिए कमीशन काभुगतान आय काएकमात्र साधन है, जिसकाइस्तेमाल वे परिवारके पालन-पोषण केलिए करते हैं।इसी प्रकार एजेंटोंको भी सलाह है किवे ऐसे व्यवहारमें शामिल नहींहों जिससे उन्हेंएजेन्सी आमदनीका नुकसान पहुँचे।

************

मध्यवर्तियोंके लिए आचारसंहिता

1. बीमाएजेंट

प्रत्येकबीमा एजेंट ...

- अपनीऔर अपनी बीमा कंपनी, जिसकावह एजेंट है, की पहचानबताएगा;

- माँगनेपर भावी ग्राहकको अपना लाइसेंसदिखाएगा;

- अपनेबीमाकर्ता द्वाराबिक्री के लिएप्रस्तावित बीमाउत्पादों के संबंधमें अपेक्षित जानकारीका खुलासा करेगाऔर विशिष्ट बीमायोजना की सिफारिशकरते समय संभावितग्राहक की ज़रूरतोंको ध्यान में रखेगा;

- यदि संभावितग्राहक पूछे तोबिक्री के लिएप्रस्तावित बीमाउत्पाद के संबंधमें कमीशन का पैमाना (स्केल) बतायेगा;

- बिक्रीके लिए प्रस्तावितबीमा उत्पाद केलिए बीमाकर्ताद्वारा ली जानेवाली प्रीमियमबताएगा;

- संभावितग्राहक को, बीमाकर्ताद्वारा प्रस्तावप्रपत्र में अपेक्षितजानकारी और किसीबीमा संविदा कीखरीद के समय महत्वपूर्णजानकारी देने कामहत्व भी समझाएगा;

- संभावितग्राहक के बारेमें उपयुक्त पूछताछकरके महत्वपूर्णजानकारी सहित उसकीप्रतिकूल आदतोंया उसकी आय की विसंगतिकी जानकारी, बीमाकर्ताको प्रस्तुत कियेजाने वाले प्रत्येकप्रस्ताव में एकरिपोर्ट के रूपमें (बीमा एजेंट कीगोपनीय रिपोर्ट) जो प्रस्तावकी स्वीकृति केसंबंध में बीमाकर्ताके बीमा संबंधीनिर्णय को प्रतिकूलरूप से प्रभावितकर सकती है, बीमाकर्ताकी जानकारी मेंलाएगा;

- संभावितग्राहक को, बीमाकर्ताद्वारा प्रस्तावके स्वीकार याखारिज किये जानेके निर्णय के बारेमें तुरंत सूचितकरे, बीमाकर्ता कोप्रस्ताव पत्रजमा कराते समयअपेक्षित दस्तावेजप्राप्त करेगाऔर अन्य दस्तावेजजो बीमाकर्ता नेप्रस्ताव को पूराकरने के लिए बादमें माँगे थे, जमा करेगा।बीमाकर्ता द्वारादावे का निपटानकरने के लिए आवश्यकताओंका अनुपालन करनेमें पालिसीधारककी या दावेदारया हिताधिकारीकी, आवश्यक सहायताकरेगा। प्रत्येकपालिसीधारक कोसूचित करेगा किवह नामांकन याअधिन्यास या पतेमें बदलाव या जैसीभी स्थिति हो, विकल्पका चुनाव करेंऔर इस संबंध मेंजहाँ भी जरूरीहो आवश्यक सहायताउपलब्ध कराएँ।

कोई भीएजेंट ऐसा नहींकरेगा:-

- बिनावैध लाइसेंस धारणकिये बीमा व्यापारमाँगना या प्राप्तकरना।

- संभावितग्राहक को प्रस्तावप्रपत्र में कोईमहत्वपूर्ण जानकारीन देने को प्रेरितकरना।

- संभावितग्राहक को प्रस्तावप्रपत्र या बीमाकर्ताको प्रस्ताव कीस्वीकृति के लिएप्रस्तुत दस्तावेजोंमें गलत जानकारीदेने के लिए प्रेरितकरना।

- संभावितग्राहक के साथअभद्र व्यवहारकरना।

- किसीअन्य एजेंट द्वाराप्रस्तावित प्रस्तावमें हस्तक्षेपकरना।

- बीमाकर्ताद्वारा प्रस्तावितदरों, सुविधाओं, नियमोंऔर शर्तों से अलगप्रस्तावित करना।

- बीमासंविदा के अन्तर्गतहिताधिकारी कोमिली प्राप्तियों में से हिस्सामाँगना या स्वीकारकरना;

- पालिसीधारकको वर्तमान पालिसीसमाप्त करने केलिए बाध्य करनाऔर इस तरह पालिसीसमाप्त करने कीतिथि से तीन वर्षोंके भीतर नया प्रस्तावप्रभावित करना;

- एक कारपोरेटएजेंट के मामलेमें इन्शुरेन्सव्यापार का पोर्टफोलियोरखना, जिसके अन्तर्गतकिसी व्यक्ति से (जो एकव्यक्ति नहीं है) या एकसंगठन या संगठनोंके एक समूह से एकवर्ष में प्राप्तप्रीमियम के पचासप्रतिशत से अधिकहैं;

- यदि पदनामितव्यक्ति द्वाराउसका पूर्व लाइसेंसरद्द कर दिया गयाहै और ऐसे रद्दीकरण की तिथि सेपाँच वर्ष समाप्तनहीं हुए हों तोबीमा एजेंट केरूप में काम करनेके लिए नए लाइसेंसके लिए आवेदन करना;

- किसीबीमा कंपनी काडायरेक्टर बननाया बने रहना;

- प्रत्येकबीमा एजेंट कोअपने द्वारा प्राप्तबीमा व्यापार कोसुरक्षित करनेकी दृष्टि से, पालिसीधारकको मौखिक या लिखितनोटिस देकर यहसुनिश्चित करनेकी कोशिश करनीचाहिए कि पालिसीधारकप्रीमियमों काप्रेषण निर्धारितसमयावधि में करे।

 

II. कारपोरेटएजेंट

प्रत्येककार्पोरेट एजेंटको नीचे दी गई आचारसंहिता का पालनकरेगा:

प्रत्येककारपोरेट एजेंट:

() अपनेकारपोरेट बीमाकार्यकारी और प्रत्येकनिर्दिष्ट व्यक्तिद्वारा किये गयेसभी अनाचरणों औरआचरणों के लिएउत्तरदायी होगा;

() सुनिश्चितकरेगा कि कारपोरेटबीमा कार्यकारीऔर सभी निर्धारितव्यक्ति उचित रूपसे प्रशिक्षित, कुशलऔर उन बीमा उत्पादोंके बारे में, जो वेबेच रहे हैं, जानकारीरखते हैं;

() यह सुनिश्चितकरेगा कि कारपोरेटबीमा कार्यकारीऔर निर्दिष्ट व्यक्ति, पालिसीके लाभों और पालिसीके अन्तर्गत उपलब्धप्रतिफलों के संबंधमें संभावित ग्राहकको गलत जानकारीनहीं देता है;

() सुनिश्चितकरेगा कि किसीभी संभावित ग्राहकको कोई बीमा उत्पादखरीदने के लिएबाध्य नहीं कियाजाता है;

() बीमाउत्पाद के संबंधमें बीमाकृत कोबिक्री से पूर्वऔर बिक्री के बादपर्याप्त सलाहदेगा;

() किसीदावे की स्थितिमें, सभी औपचारिकताएँऔर दस्तावेज़ तैयारकरने में बीमाकृतको यथासंभव सहायताऔर सहयोग देगा;

() इस सच्चाईका उचित प्रचारकरेगा कि कारपोरेटएजेंट, बीमाकर्ताके रूप में जोखिमका बीमा नहीं करताहै;

() बीमाकर्तासे सेवा स्तर कासमझौता करना, जिसमेंदोनों के कर्त्तव्योंऔर उत्तरदायित्वोंको परिभाषित कियागया है;

प्रत्येककारपोरेट एजेंटया कारपोरेट बीमाकार्यकारी या एकविशिष्ट व्यक्तिभी निम्नलिखितआचार संहिता कापालन करता है:

प्रत्येककारपोरेट एजेंट/कारपोरेटबीमा कार्यकारी/विशिष्टव्यक्ति.........

(i)

() अपनीऔर इस बीमा कंपनी, जिसकावह प्रतिनिधित्वकर रहा है, की पहचानबताएगा;

() संभावितग्राहक द्वारामाँगने पर अपनालाइसेंस/प्रमाणपत्र दिखाएगा;

() अपनेबीमाकर्ता द्वाराबिक्री के लिएप्रस्तावित बीमाउत्पादों के संबंधमें आवश्यक जानकारीप्रसारित करेगाऔर विशिष्ट बीमायोजना की सिफारिशकरते समय संभावितग्राहक की ज़रूरतको ध्यान में रखेगा;

() यदि संभावितग्राहक पूछे तोबिक्री के लिएप्रस्तावित बीमाउत्पाद के संबंधमें कमीशन के स्तर (स्केल) के बारेमें बताएगा;

() बिक्रीके लिए प्रस्तावितबीमा उत्पाद केलिए बीमाकर्ताद्वारा चार्ज कियेजाने वाला प्रीमियमबताएगा;

() संभावितग्राहक को बीमाकर्ताद्वारा प्रस्तावप्रपत्र में अपेक्षितजानकारी की प्रकृतिऔर बीमा संविदाकी खरीद के समयमहत्वपूर्ण जानकारीके खुलासे के महत्वको समझाएगा;

() संभावितग्राहक के संबंधमें उपयुक्त पूछताछकरके महत्वपूर्णजानकारी सहित, उसकीप्रतिकूल आदतोंया उसकी आय की विसंगतिकी जानकारी, बीमाकर्ताको प्रस्तुत कियेजाने वाले प्रत्येकप्रस्ताव में एकरिपोर्ट के रूपमें (बीमा एजेंट कीगोपनीय रिपोर्ट) जो प्रस्तावकी स्वीकृति केसंबंध में बीमाकर्ताके बीमा संबंधीनिर्णय को प्रतिकूलरूप से प्रभावितकर सकती है, बीमाकर्ताकी जानकारी मेंलाएगा;

() संभावितग्राहक को बीमाकर्ताद्वारा प्रस्तावके स्वीकार याखारिज किये जानेके निर्णय के बारेमें तुरंत सूचनादेगा;

() बीमाकर्ताको प्रस्ताव पत्रजमा कराते समयअपेक्षित दस्तावेजऔर अन्य दस्तावेजजो बीमाकर्ता नेप्रस्ताव को पूराकरने के लिए बादमें माँगे थे, प्राप्तकरेगा;।

() पालिसीधारकको या दावेदारया हिताधिकारीको, बीमाकर्ता द्वारादावे का निपटानकरने के लिए सहायकआवश्यकताओं काअनुपालन करने मेंअपेक्षित सहायताकरेगा;

() प्रत्येकव्यक्तिगत पालिसीधारकको सूचित करेगाकि वह नामांकनअधिन्यास, या पतेमें बदलाव या जैसीभी स्थिति हो, विकल्पका चुनाव करे औरइस संबंध में जहाँभी आवश्यक हो, आवश्यकसहायता उपलब्धकराएगा;

(ii) कोई भीकारपोरेट एजेंट/कारपोरेटबीमा कार्यकारी/विशिस्टव्यक्ति निम्नलिखित, ...............

() बिनाबैध लाइसेंस/प्रमाणपत्र धारणकिये, न बीमा व्यापारमाँगेगा या नही प्राप्त करेगा;

() संभावितग्राहक को प्रस्ताव-पत्रमें कोई महत्वपूर्णजानकारी न देनेको प्रेरित नहींकरेगा;

() संभावितग्राहक को प्रस्ताव-पत्रया बीमाकर्ता कोप्रस्ताव की स्वीकृतिके लिए प्रस्तुतदस्तावेजों मेंगलत जानकारी देनेके लिए प्रेरितनहीं करेगा;

() संभावितग्राहक के साथअभद्र व्यवहारनहीं करगा;

() किसीअन्य एजेंट द्वाराप्रस्तावित प्रस्तावमें हस्तक्षेपनहीं करेगा;

() बीमाकर्ताद्वारा प्रस्तावितदरों, सुविधाओंनियमों और शर्तोंसे अलग प्रस्तावितनहीं करेगा ;

() बीमासंविदा के अन्तर्गतहिताधिकारी कोमिली प्राप्तियोंसे हिस्सा नहींमाँगेगा यानहीस्वीकार करेगा;

() पालिसीधारकको वर्तमान पालिसीसमाप्त करने केलिए बाध्यनहीं करेगा औरइस तरह पालिसीसमाप्त करने कीतिथि से तीन वर्षोंके भीतर नया प्रस्तावप्रभावित नहींकरेगा;

() कोई भीकारपोरेट एजेंटकी किसी व्यक्तिया किसी संगठनया संगठनों केसमूह से बीमा व्यापारका फोर्ट फोलियोनहीं रखेगा जिसकेअन्तर्गत प्रीमियमएक वर्ष में प्राप्तकुल प्रीमियम सेपचास प्रतिशत अधिकहै;

() कोई व्यक्तिबीमा एजेंट केरूप में नये लाइसेंसके लिए आवेदन नहींकरेगा, यदि उसकालाइसेंस किसी पदनामितव्यक्ति द्वारारद्द कर दिया गयाहै और ऐसे रद्दीकरण की तारीख सेपाँच वर्ष की अवधिपूरी नहीं हुईहै;

() किसीबीमा कंपनी कानिदेशक न बनेगाऔर नहीं रहेगा;

() प्रत्येककारपोरेट एजेंटको अपने द्वाराप्राप्त बीमा व्यापारको सुरक्षित करनेकी दृष्टि से पालिसीधारकको मौखिक या लिखितनोटिस देकर यहसुनिश्चित करनेकी कोशिश करनीचाहिए कि पालिसीधारकप्रीमियमों काप्रेषक निर्धारितसमयावधि में करें;

() किसीकंपनी का कोई निदेशकया किसी फर्म काभागीदार या मुख्यकार्यकारी या कोईकारपोरेट बीमाकार्यकारी या निर्दिष्टव्यक्ति किसी अन्यबीमा कंपनी केअन्य कारपोरेटएजेंट के पास समानपद धारण नहीं करसकता;

 

III बीमा ब्रोकर

- प्रत्येक बीमाब्रोकर को मानकीकृतपेशेवर आचरण काअनुसरण करना होगाऔर पालिसीधारकके हित में अपनेकर्त्तव्य का निर्वहनकरेगा; --- प्रत्येकबीमा ब्रोकर ;

- ग्राहकसंबधों से संबंधितमामलों का संचालनकरेगा;

;

- ग्राहकों केसाथ अपने व्यवहारका संचालन हर समयनेकनीयत और ईमानदारीसे ;

- सावधानीपूर्वकऔर लगनपूर्वक कार्यकरेगा;

- यह सुनिश्चितकरेगा कि ग्राहकब्रोकर के साथअपने संबंध कोसमझता है यह भीकि वह किस की ओरसे ब्रोकर का कामकर रहा है;

- संभावित ग्राहकोंद्वारा दी गई सारीजानकारी को अपनीऔर उन बीमाकर्ता(ओं) तक जिनकोव्यापार दिया जारहा है, पूरी तरहसे गोपनीय रखेगा;

- उनके पास जो गोपनीयदस्तावेज हैं, उनकीसुरक्षा के लिएयथोचित कदमउठाएगा;

- संबंध विकसितकरने के लिए ग्राहकके विशेष अधिकारको बनाये रखेगा;

- जिस ग्राहक सेव्यवहार किया जारहा है उसको समझनाकि वह कैसा है औरग्राहक को जोखिमऔर बीमा के संबंधमें कितनी जानकारीहै।

- ग्राहक से बीमाकर्ताके पास उसका प्रतिनिधित्वकरने का लिखितआदेश प्राप्त करेगाऔर बीमा के प्रभावीहोने के बाद ग्राहकको बीमा (कवर) की मंजूरीकी सूचना देगा।

ग्राहक की ओरसे बीमाकर्ता/पुनर्बीमाकर्ताको प्रतिनिधित्वकरने के लिए ग्राहकसे लिखित आदेशप्राप्त करेगा; पुनर्बीमाप्रभावी करने केबाद बीमाकर्ताको कवर की पुष्टिकरेगा; और संबंधितपुनर्बीमा स्वीकृतिऔर नियोजन प्रस्तुतकरेगा; हितोंके टकराव से बचेगा,

बिक्रीव्यवहार से संबंधितमामलों में सद्व्यवहारकरना-प्रत्येकबीमा ब्रोकर:-

() यह पुष्टि करेगाकि वह इन्शुरेन्सब्रोकर एसोसिएशनऑफ़ इण्डिया याब्रोकरों की ऐसीसंस्था का सदस्यहै जिसको प्राधिकरणकी स्वीकृति प्राप्तहै, जिसकी प्राधिकरणके बीच एक सहमतिज्ञापन है;

() पुष्टि करगाकि व्यापार लानेके लिए उसने एजेंटया प्रचारक नियुक्तनहीं किये हैं;

() अपना परिचय देगाऔर यथाशीघ्र यहस्पष्ट करेगा किपेश किये गये उत्पादोंमें उसकी पसंदकिस हद तक है।

() यह सुनिश्चितकरेगा कि उसकेद्वारा पेश कीजाने वाली सेवाग्राहक समझता है;

() यह सुनिश्चितकरेगा कि संभावितग्राहक की आवश्यकताके लिए प्रस्तावितपालिसी उपयुक्तहै;

() उन्हीं मामलोंके संबंध में परामर्शदेगा जिनके बारेमें उसकी जानकारीहै और यथावश्यकपरामर्श के लिएअन्य विशेषज्ञकी सिफारिश करेगा;

() किसी बीमाकर्ताया इन्शुरेन्सब्रोकर्स एसोसिएशनऑफ़ इण्डिया केकिसी सदस्य याप्राधिकरण द्वारामान्यता प्राप्तब्रोकरों की किसीसंस्था के सदस्यकी अनुचित गलतआलोचना नहीं करेगा;

() यह स्पष्ट करेगाकि कोई पालिसीया पालिसियाँ क्योंप्रस्तावित कीजा रही हैं और जहाँभी उत्पादों केचयन की संभावनाहै, उनकी कीमत कवर (बीमा) या सेवाकी दृष्टि से तुलनात्मकखाका पेश करेगा;

() यह स्पष्ट करेगाकि यदि प्रस्तावितबीमा (कवर) तुरंतप्रभावी नहीं कियाजाता है तो उसकीनिवेदित दर किसअवधि तक वैध रहेगी;

() स्पष्ट करेगाकि प्रीमियम कबऔर कैसे देय हैऔर कितनी प्रीमियमएकत्र की जानीहै, जहाँ अन्य पक्षसारी प्रीमियमया आंशिक प्रीमियमका भुगतान कर रहाहै, दायित्वों सहितग्राहक को पूराविवरण दिया जाएगाजिसका ग्राहक उसपक्ष को देनदारहोगा; और

() हानि की स्थितिमें जिस क्रियाविधिका पालन करना हैवह स्पष्ट करेगा;

जानकारीदेने के संबंधमें आचरण-प्रत्येकबीमा ब्रोकर कोयह सुनिश्चित करनाहोगा कि

() संभावित ग्राहकको, जानकारी न देनेया गलत जानकारीदेने के परिणामोंके बारे में बतायाजाता है ; () संभावितग्राहक को प्रेरितनहीं करना और उसकोयह स्पष्ट करनाकि उसके द्वारादिये गये सभी उत्तरोंऔर वक्तव्यों केलिए वह स्वयं जिम्मेदारहै। ग्राहक सेकहना कि वह स्वयं दस्तावेजोंमें दी गई जानकारीके विवरण की सावधानीपूर्वकजाँच करे और ग्राहकसे अनुरोध करेकि वह सच्ची, स्पष्ट, संपूर्णजानकारी का खुलासाकरे, जहाँ उसको महसूसहै कि ग्राहक नेऐसा नहीं कियाहै और खुलासे नहींकिये जा रहे हैंतो उसको आगे कार्रवाईकरने से इन्कारकर देना चाहिए;

() ग्राहक से यहस्पष्ट करना किकालांतर के बदलावोंका खुलासा करनेका महत्व क्याहै और कि वह पालिसीकी संपूर्ण अवधिके दौरान बीमाका प्रभावित करसकता है; और

() अपने ग्राहकके संबंध में अपनीजानकारी की सभीमहत्वपूर्ण सच्चाईयोंका, ग्राहक की ओरसे खुलासा करेऔर जोखिम की निष्पक्षप्रस्तुति करे;

बीमा संविदाके स्पष्टीकरणके संबंध में आचरण - प्रत्येकबीमा ब्रोकर:

() बीमा संविदाके अन्तर्गत भागलेने वाले बीमाकर्ता(ओं) की सूचीउपलब्ध कराएगाऔर उसके बाद होनेवाले बदलावों कीजानकारी देगा;

() उसके द्वाराजिस पालिसी कीसिफारिश की गईहै, उसमें प्रस्तावितकवर (सुरक्षा) के सभी अनिवार्यप्रावधानों कोस्पष्ट करेगा ताकिसंभावित ग्राहकयथासंभव यह समझसके कि वह क्याखरीद रहा है;

() बीमाकर्ता द्वाराजिन शर्तों काप्रावधान कियागया है, उनको वैसेही उद्धृत करे-

() पालिसी के अन्तर्गतलागू किसी वारंटी, प्रमुखया असामान्य प्रतिबंधों, पालिसीके अन्तर्गत अपवर्जनकी ओर ध्यान दिलाएगाऔर स्पष्ट करेगाकि संविदा कैसेरद्द की जा सकतीहै;

() ग्राहक को इसबात की तुरंत लिखितपुष्टि करेगा किबीमा प्रभावी होगया है, यदि अंतिमपालिसी शब्द पुष्टिमें शामिल नहींकिये गये हैं तोउसको यथाशीघ्रअग्रेषित करनाचाहिए।

() किसी बीमा संविदा केनियमों एवं शर्तोंमें बदलावों कोअधिसूचित करेगाऔर किसी परिवर्तनके प्रभावी होनेसे पूर्व उपयुक्तसूचना देगा;

() ग्राहकों को, उनकीओर से प्रस्तावितकिसी बीमा जो भारतके बाहर किसी बीमाकर्ताके पास प्रभावीहोगी, जहाँ उसकीअनुमति है और उचितहो, तो संभावित शामिलजोखिमों की जानकारीदेगा और

प्रत्येक बीमाब्रोकर:--

पालिसियोंके नवीकरण के संबंधमें

() सुनिश्चित करेगाकि उसके ग्राहकको बीमा की समाप्तिकी तिथि की जानकारीहै, भले ही वह ग्राहकको और कवर प्रस्तावितन करे;

() यह सुनिश्चितकरेगा कि नवीकरणनोटिसों में, पालिसीको प्रभावित करनेवाले बदलावों जोपालिसी के आरंभया पिछले नवीकरणकी तिथि से हुएहैं की सूचना देनेकी आवश्यक्ता सहित, खुलासाकरने के फर्ज कीचेतावनी शामिलहै;

() यह सुनिश्चितकरेगा कि नवीकरणनोटिसों में बीमाकर्ताको संविदा के नवीकरणके लिए दी गई सभीजानकारी का रिकार्ड (पत्रोंकी प्रतियों सहित) रखनेकी शर्त शामिलहै;

() यह सुनिश्चितकरेगा कि ग्राहकको, बीमाकर्ता केनवीकरण का निमंत्रणनवीकरण की तिथिकी समाप्ति सेकाफी पहले प्राप्तहो जाता है;

ग्राहकद्वारा दावे केसंबंध में आचरण -प्रत्येक ब्रोकर

() ग्राहक को, दावोंको सूचना तुरंतदेने और सभी महत्वपूर्णसच्चाइयों का खुलासाकरने और तदुपरांतहोने वाली घटनाओंकी सूचना यथा संभवशीघ्र देने केदायित्व के बारेमें स्पष्ट करेगा;

() जहाँ उसको प्रतीतहो कि ग्राहक नेऐसा नहीं कियातो वह ग्राहक सेअनुरोध करेगा किवह सत्य, निष्पक्षऔर संपूर्ण खुलासाकरे; यदि और जानकारीप्राप्त नहीं होरही है तो वह ग्राहककी ओर से काम करनेके लिए इन्कारकरने पर विचारकरेगा;

() दावे से संबंधितकिसी आवश्यकताके बारे में तुरंतसलाह देगा;

() दावे के या किसीघटना के संबंधमें ग्राहक सेप्राप्त कोई भीजानकारी जो दावेका कारण बन सकतीहै, तुरंत और किसीभी स्थिति मेंतीन कार्य दिवसोंके भीतर अग्रेषितकरेगा ;

() ग्राहक को दावेके संबंध में बीमाके निर्णय या अन्यजानकारी की सूचनादेगा; और दावे कोआगे बढ़ाने मेंग्राहक की सभीतरह की उपयुक्तसहायता करेगा; परन्तु, बीमादलाल, उस पालिसीसंविदा, जो उसकेद्वारा दिलाई नहींगई है, की वसूलीकी जिम्मेदारीनहीं लेगा और उसपालिसी के लिएदावा सलाहकार केरूप में काम नहींकरेगा, जो उसकेमाध्यम से दिलाईनहीं गई है।

शिकायतों कीप्राप्ति से संबंधितसंचालन------ प्रत्येकबीमा दलाल :-

() सुनिश्चित करेगाकि अनुदेश पत्रों, पालिसियोंऔर नवीकरण दस्तावेज़ोंमें शिकायत केनिपटान की क्रियाविधिमौजूद है;

() शिकायत फोन सेया लिखित रूप सेस्वीकार करेगा;

() शिकायत पत्रप्राप्त होने कीतारीख के 14 दिन केभीतर पावती भेजेगा; संबंधितकर्मचारी, जो शिकायतोंका निपटान करताहै को सलाह देगाकि इसका निपटानकरने के लिए समयसारिणीका पालन करे।

() यह सुनिश्चितकरेगा कि उत्तरभेज दिये गये औरशिकायतकर्ता कोसूचित करेगा कियदि वह उत्तर सेखुश नहीं है तोवह क्या कर सकताहै;

() यह सुनिश्चितकरना कि शिकायतोंका निपटान उपयुक्तरूप से उच्चतरस्तर पर किया जाताहै;

() शिकायतों कारिकार्ड रखने औरउनको मानीटर करनेकी उचित व्यवस्थाहै:

दस्तावेजीकरणके संबंध में संचालन ------प्रत्येक बीमाब्रोकर -

() यह सुनिश्चितकरेगा कि जारीकिये गये दस्तावेजसमय-समय पर लागू सभीसांविधिक या विनियामकशर्तों का पालनकरते हैं;

() पालिसी दस्तावेजबिना किसी अकारणविलंब के भेजेगा;

() पालिसी दस्तावेजके साथ यह सूचनाभी उपलब्ध करायेगाकि सभी दस्तावेजोंको सावधानी सेपढ़ा और ग्राहकके पास रखा जाए,

() दस्तावेजीकरणग्राहकों की सहमतिके बिना तब तक रोककरनही रखेगा जब तकपर्याप्त और तर्कसंगतकारणों कालिखित रूप से खुलासानहीं किया जाताहै। जहाँ दस्तावेजीकरणरोका गया है, ग्राहकको बीमा संविदाके पूर्ण विवरणमिल जाने चाहिए;

() बीमा पालिसीके संबंध में प्राप्तसारा पैसा मिलनेकी पावती देगा;

() यह सुनिश्चितकरेगा कि उत्तरसमय पर तुरंत भेजदिया गया है यासभी पत्रों केउत्तर तुरंत प्राप्तकरने के लिए यथाशक्तिप्रयास करेगा;

() यह सुनिश्चितकरेगा कि सभी लिखितनियम एवं शर्तेविषय वस्तु कीदृष्टि से स्पष्टऔर ग्राहक के अधिकारोंऔर उत्तरदायित्वोंको सरल भाषा मेंनिर्दिष्ट कियेजाते हैं और;

उसको देय किसीपैसे के भुगतानकी शर्त पर, ग्राहकद्वारा दिये गयेअनुदेश पर, किसीनये बीमा ब्रोकरको वे सभी दस्तावेज़उपलब्ध कराएगाजो नये बीमा ब्रोकरके लिए ग्राहककी ओर से कार्यकरने के वास्तेजरूरी हैं;

विज्ञापनसे संबंधित मामलेमें संचालन----प्रत्येकबीमा ब्रोकर बीमाविनियामक और विकासप्राधिकरण के प्रासंगिकप्रावधानों (बीमाविज्ञापन एवं प्रकटीकरण) विनियमोंका पालन करेगा; और

() यह सुनिश्चितकरेगा कि दियेगये वक्तव्य गुमराहकरने वाले या अतिशयोक्तिपूर्णनहीं हैं;

() जहाँ उचित हो, संविदागतलाभ, जिनकाउपलब्ध कराना बीमापालिसी के लिएअनिवार्य है औरगैर-संविदागत लाभ : जो उपलब्धकराये जा सकतेहै, में अन्तर करेगा;

() सुनिश्चित करेगाकि विज्ञापन किसीएक बीमाकर्ता कीपालिसियों तक सीमितन रहे, सिवाय तबजब ऐसी सीमाओंको, उस बीमाकर्ताकी पूर्व स्वीकृतिके साथ पूरी तरहसे स्पष्ट कियागया है;

() सुनिश्चित करेगाकि विज्ञापनोंमें ऐसा कुछ नहीहै जो क़ानून काउल्लंघन है, न हीऐसा कुछ हटायाजाए जो क़ानूनके अनुसार आवश्यकहै;

() सुनिश्चित करेगाकि विज्ञापन क़ानूनकी अवहेलना याउल्लंघन को प्रोत्साहितया क्षमा नहींकरता है;

() सुनिश्चित करेगाकि विज्ञापन मेंऐसा कुछ नहीं है, जो सामान्यतयाशालीनता और औचित्यके विद्ययान मानकोंकी रौशनी में गंभीरया व्यापक अपराधया असामंजस्य काकारण बने;

() सुनिश्चित करेगाकि विज्ञापन इसतरह से न बनायेजाएँ जिससे ग्राहकोंके विश्वास काया उनकी अनुभवहीनताया अज्ञानता कानाज़ायज फायदाउठाया जाता है;

() सुनिश्चित करेगाकि सभी विवरण, दावेऔर तुलनाएँ जिनकासंबंध वस्तुनिष्ठतासुनिश्चित करनेवाले तथ्यों सेहै, प्रमाणीकरणकी क्षमता रखनेवाले हों;

 

पारिश्रमिककी प्राप्ति सेसंबंधित मामलोंका संचालन-----

प्रत्येक बीमाब्रोकर:- () यह बतायेगाकि इन विनियमोंके अन्तर्गत निर्धारितपारिश्रमिक केअतिरिक्त क्यावह ग्राहक पर कोईप्रभार प्रस्तावितकरता है, और यदिऐसा है तो किस प्रकार;

() ग्राहक को, बीमाप्रीमियम और पृथकरूप से किसी शुल्कया प्रभार और किन्हींसंबंधित सेवाओंके उद्देश्य केसंबंध में लिखितसूचना देगा:

() यदि ग्राहक द्वाराअनुरोध किया जाए, तो उसग्राहक के लिएबीमा प्रभावी करनेके नतीजे के तौरपर, उसको प्राप्तहोने वाले पारिश्रमिकया अन्य पारिश्रमिकका खुलासा करेगा; इसमेंबीमा संविदा कीव्यवस्था के अतिरिक्त, ग्राहककी ओर से कोई सेवाप्राप्त करने केलिए प्राप्त होनेवाला भुगतान शामिलहोगा; और ग्राहककी ओर से जहाँ किसीकिस्म के बीमाके संबंध में ऐसीकोई मान्यता/ प्रथाहै, वहाँ बीमा प्रभावीकरने से पूर्व, अपनेग्राहकों को, किसीदावे के लिए, एकत्रितदावा राशि मेंसे कोई कटौति करनेकी अपनी मंशा केबारे में बताएगा;

 

प्रशिक्षण -संबंधी मामलोंके संबंध में संचालन----

प्रत्येक बीमाब्रोकर सुनिश्चितकरेगा कि:-

() उसके कर्मचारीइस संहिता द्वाराअपेक्षित मानकोंसे अवगत हैं औरउनका पालन करतेहैं;

() उसके कर्मचारीदक्ष, उपयुक्तऔर उन्हें पर्याप्तप्रशिक्षण दियागया है;

() उसके कर्मचारियोंद्वारा दी जा रहीसलाह की गुणवत्तापर नज़र रखने केलिए पर्याप्त व्यवस्थाकी गई है;

() उसके कर्मचारीगण, अपनीगतिविधियों कोप्रभावित करनेवाले एजेंसी केक़ानून सहित क़ानूनीआवश्यकताओं सेअवगत हैं और उसीश्रेणी का व्यापारकरते हैं जिनमेंवे सक्षम हैं;

() रिबेट देने औरकमीशन में हिस्साबटाने को प्रतिबंधितकरने वाली क़ानूनकी धारा 41 की ओरग्राहक का ध्यानआकर्षित कियाजाता । प्रत्येकबीमा ब्रोकर, जहाँवह अपना व्यापारकरता है, उस प्रत्येककार्यालय में जहाँआमजन को प्रवेशप्राप्त है, इस आशयकी सूचना प्रदर्शितकी जाती है कि, अनुरोधकरने पर आचारसंहिताकी प्रति उपलब्धहै और यदि जनताका कोई सदस्य, किसीविवाद के समाधानके लिए प्राधिकरणसे शिकायत करनाचाहता है या उसकोप्राधिकरण की सहायताकी जरूरत है, तो वहप्राधिकरण को लिखसकता है;

() इन विनियमोंमें यथा परिभाषितकोई बीमा ब्रोकरइस अधिनियम कीधारा 42 के अन्तर्गत, किसीबीमाकर्ता के बीमाएजेंट के रूप मेंकाम नहीं कर सकता, प्रत्येकबीमा दलाल, बीमाअधिनियम, 1938 (1938 के 4) बीमाविनियामक और विकासप्राधिकरण अधिनियम 1999 (1999 के 41 और उनकेअन्तर्गत बनायेगये नियमों औरविनियमों के प्रावधानोंका पालन करेगा, जो बीमा ब्रोकरों के रूपमें उनके द्वाराकी जा रही गतिविधियोंपर लागू और प्रासंगिकहैं।

 

पालिसीधारकोंकी शिकायतें

पालिसीधारकोंको,उनकीपालिसियों या उनकेदावों के संबंधमें बीमाकर्ताओंके खिलाफ शिकायतेंहो सकती हैं। पालिसीधारकोंके हितों की रक्षाके लिए विनियम, 2002 के अनुसारप्रत्येक बीमाकर्ताको,पालिसीधारकोंकी शिकायतों सेनिपटने के लिएशिकायत निवारणव्यवस्था करनीचाहिए। इसके अलावाकोई भी व्यक्ति 20 लाख रुपयेके मूल्य के व्यक्तिगतबीमा दावों सेसंबंधित शिकायतोंके लिए बीमा लोकपालसे संपर्क कर सकताहै। पालिसीधारकोंको उपलब्ध अन्यचैनल हैं - उपभोक्तान्यायालय और दीवानीअदालत (सिविल कोर्ट)। आईआरडीएके पास शिकायतनिवारण कक्ष हैजो बीमाकर्ता केविरुद्ध शिकायतोंको,शीघ्रसमाधान के लिएबीमा कंपनियोंतक पहुँचाने कीभूमिका निभाताहै। हालाँकि आईआरडीएशिकायतों के संबंधमें अपनी ओर सेकोई फैसला नहींकरता है। जब किसीपालिसीधारक कोकोई शिकायत करनीहोती है तो उसकोसबसे पहले बीमाकर्ताके शिकायत या उपभोक्ताकक्ष से संपर्ककरना चाहिए। यदिउनसे कोई उत्तरया सन्तोषजनक उत्तरनहीं मिलता, तो पालिसीधारकआईआरडीए के शिकायतनिवारण कक्ष कोलिख सकता है,जो उस मामलेको जाँच/पुनर्जांचके लिए संबंधितकंपनी को भेजेगा।

यदिशिकायतकर्ता दावोंके संबंध में निर्णयकी अपेक्षा करताहै तो वह बीमा लोकपालसे संपर्क कर सकताहै। लोकपाल कार्यालयकी स्थापना केंद्रसरकार द्वारा तैयारकिये गये रिड्रेसलऑफ़ पब्लिक ग्रीवान्सेसरूल्स, 1998 के अन्तर्गतकी गई है। ये नियमसामान्य बीमा औरजीवन बीमा व्यापारकर रहीं सभी बीमाकंपनियों पर लागूहोते हैं। इन नियमोंके उद्देश्य बीमाकंपनियों की ओरसे दावे के निपटानसे संबंधित सभीशिकायतों को कमखर्च, दक्षतापूर्वकऔर निष्पक्ष रूपसे करना है। नियमनिर्धारित करतेहैं कि प्रत्येकबीमा कंपनी केएक प्रतिनिधि सहितबीमा परिषद काएक शासी निकायहोगा। यह शासीनिकाय इन नियमोंके उद्देश्य कोपूरा करने के लिएएक लोकपाल की नियुक्तिकरेगा। किसी बीमाकर्ताके खिलाफ जिस किसीव्यक्ति को कोईशिकायत है, वह स्वयंया अपने क़ानूनीवारिस के माध्यमसे,उसलोकपाल को लिखितशिकायत कर सकताहै,जिसकेक्षेत्राधिकारमें वह शाखा याकार्यालय स्थितहै,जिसकेखिलाफ उसको शिकायतहै। लोकपाल मध्यस्थताके माध्यम से कोईसिफारिश कर सकताहै या दावे के तथ्योंऔर परिस्थितियोंके अनुसार यथोचितनिर्णय पारित करसकता है।

पालिसीधारकके हितों की रक्षाकरने की दृष्टिसे,आईआरडीएने बीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण (पालिसीधारकोंके हितों की रक्षा) विनियम, 2002 बनायेहैं। ये विनियमसभी बीमाकर्ताओं, बीमा एजेंटों, बीमा मध्यस्थोंऔर पालिसीधारकोंपर लागू होते हैं।इन विनियमों कीशर्तों के अनुसारकिसी बीमाकर्ताया बीमा एजेंटया बीमा मध्यस्थद्वारा दायित्वोंके उल्लंघन कीस्थिति में, आईआरडीएप्रत्येक या सभीके खिलाफ संयुक्तया पृथक रूप सेकार्रवाही कर सकताहै।

पालिसीधारकोंके हितों की रक्षाके विनियमों कीएक प्रति संलग्नहै.

 

बीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण(पालिसीधारकों केहितों की रक्षा)विनियम;2002

बीमाविनियामक और विकासप्राधिकरण अधिनियम, 1999 (1999 के 41) के अनुभाग 14 एवं 26 के साथपठित बीमा अधिनियम, 1938 (1938 के 4) के अनुभाग 114 ए के उपअनुभाग (2) की धारा (ज़ेडसी) द्वाराप्रदत्त अधिकारों का इस्तेमालकरते हुए प्राधिकरणबीमा परामर्शदात्रीसमिति की सलाहसे निम्नलिखितविनियम बनाता है, जैसे -

लघुशीर्षकएवं प्रारंभ

(1)येविनियम बीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण (पालिसीधारकोंके हितों की रक्षा) विनियम, 2002 कहलाएँगे।

(2)येउनके सरकारी राजपत्रमें प्रकाशन कीतिथि से प्रभावीहोंगे और विनियम 4(1) जो 1 अक्तूबरसे प्रभावी होगा, को छोड़करउसके बाद प्रभावीसभी बीमा संविदाओंपर लागू होंगे।

(3)येविनियम प्राधिकरणद्वारा बनाये गयेकिसी अन्य विनियमोंके अतिरिक्त हैं, जो साथ-साथ पालिसीधारकोंके हित की सुरक्षाकरेंगे।

(4)येविनियम सभी बीमाकर्ताओं, बीमा एजेंटों, बीमा मध्यस्थोंऔर पालिसीधारकोंपर लागू होंगे।

परिभाषा

(1)इनविनियमों में संदर्भद्वारा जब तक अन्यथाअपेक्षित न हो

``अधिनियम~~ से तात्पर्यबीमा अधिनियम, 1938 (1938 का 4);

``प्राधिकरण~~ से तात्पर्यबीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरणअधिनियम, 1999 (1999 का 4) की धारा3 के प्रावधानोंके अन्तर्गत स्थापितबीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरणहै;

``कवर~~ से तात्पर्यकिसी पालिसी केरूप में, या एक कवरनोट या बीमा प्रमाणपत्र या बीमा संविदाके अस्तित्व केप्रमाण स्वरूपउद्योग में प्रचलितकिसी अन्य रूपमें एक बीमा संविदाहै;

``प्रस्तावितपत्र~~ सेतात्पर्य प्रस्तावकर्ताद्वारा बीमा करानेके लिए भरा जानेवाला प्रपत्र जिसमेंबीमाकर्ता को किसीजोखिम के संबंधमें,उसकेद्वारा अपेक्षितजानकारी भरी जातीहै ताकि बीमाकर्ताजोखिम का उत्तरदायित्वस्वीकार करने याअस्वीकार करनेका निर्णय कर सकेऔर जोखिम स्वीकारकिये जाने की स्थितिमें मंजूर कियेजाने वाले कवरकी दरें, नियमोंऔर शर्तें तय करसके।

स्पष्टीकरण : इन विनियमोंके उद्देश्य से ``सामग्री~~ से तात्पर्य बीमाकर्ताद्वारा कवर कियेजाने वाले जोखिमकी जिम्मेदारीलेने के संबंधमें सभी अनिवार्यऔर प्रासंगिक जानकारीशामिल है। `विवरणिका~ से तात्पर्यबीमाकर्ता द्वाराया उसकी ओर से बीमाके संभावित खरीददारको जारी दस्तावेजऔर बीमा नियम, 1929 के नियम 11 में यथाउल्लिखित विवरणहोने चाहिए औरइस उद्देश्य कोपूरा करता ब्राऊशरया पर्ची होनीचाहिए। ऐसे दस्तावेजमें मुख्य उत्पादके संबंध में राइडरोंके प्रकार और विशेषताओंका भी उल्लेख होनाचाहिए, जिसमेंउन पर मिलने वालेलाभों का स्वरूपदर्शाया गया हो;

इनविनियमों में व्यक्तएवं अपरिभाषितशब्दों एवं अभिव्यक्तियों; लेकिन अधिनियमया जीवन बीमा निगमअधिनियम 1956 (1956 का 31) या सामान्यबीमा व्यापार (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम 1972 (1972 का 57) या बीमाविनियामक और विकासप्राधिकरण अधिनियम 1999 (1999 का 41) या बीमानियम 1939 मेंपरिभाषित का उनअधिनियमों या नियमोंमें क्रमशः निरूपितअर्थ होगा।

3.विक्रीका केंद्र

(1)उपरोक्तविनियम 2 () में उल्लिखितहोने के बावजूद, किसी बीमाउत्पाद की विवरणीलाभों का विस्तार, बीमा कवरकी सीमा स्पष्ट है और स्पष्टरूप से वारंटियों, अपवाद औरबीमा कवर की शर्तेंऔर जीवन बीमा केमामले में यह भीकि उत्पाद, भाग ले रहाहै(लाभके साथ) या भाग नहींले रहा है (बिना लाभ) भी समझातीहै। उत्पाद परअनुमेय राइडर याराइडरों के संबंधमें यह स्पष्टकिया जाए कि उनकेलाभों का विस्तारक्या होगा और किसीभी स्थिति मेंसभी राइडरों कोमिला कर जोड़ाजा सकने वाला प्रीमियम, मुख्य उत्पादके प्रीमियम से 30% से अधिकनहीं हो

स्पष्टीकरण : जीवन पालिसीसे जुड़े राइडरया राइडरों कीप्रकृति और विशेषतामुख्य पालिसी जैसीहोगी, यानीभाग लेने वालेया भाग नहीं लेनेवाले और जीवन बीमाकर्ताअपनी बहियों मेंतद्नुसार प्रावधानइत्यादि करेगा..

(2)बीमाकर्ताया उसके एजेंटया अन्य मध्यस्थोंको चाहिए कि वहप्रस्तावित कवरके संबंध में संभावितग्राहक को सभीमहत्वपूर्ण जानकारीदे ताकि वह अपनेहित में सर्वोत्तमकवर के चयन का निर्णयकर सके।

(3)जहाँसंभावित ग्राहकबीमाकर्ता या उसकेएजेंट या बीमामध्यस्थ के परामर्शपर निर्भर करता/करती है, ऐसे व्यक्तिको तटस्थ भाव सेजानकारी दी जानीचाहिए।

(4)जहाँकिसी कारण से प्रस्तावऔर अन्य कागजातसंभावित ग्राहकद्वारा फाइल नहींकिये जाते हैंवहाँ संभावित ग्राहकसे प्राप्त प्रस्तावपत्र के अन्त मेंइस आशय का एक प्रमाण-पत्र शामिलकिया जा सकता है कि प्रपत्र औरदस्तावेज की विषयवस्तु उसको समझादी गई है और वह प्रस्तावितसंविदा के महत्वको अच्छी तरह समझगया है।

बिक्रीकी प्रक्रिया केदौरान बीमाकर्ताया उसका एजेंटया कोई मध्यस्थनिम्न द्वारा निर्धारितआचार संहिता केअनुसार काम करेगा:

प्राधिकरण

अधिनियमकी धारा 64 सी के अन्तर्गतस्थापित परिषद,और

वहमान्यता प्राप्तपेशेवर संस्थाया संघ जिसका एजेंटया मध्यस्थ याबीमा मध्यस्थ सदस्यहै।

4.बीमाके लिए प्रस्ताव

(1)समुद्रीबीमा, जहाँवर्तमान बाज़ारव्यवहार लिखितप्रस्ताव-पत्र केसंबंध में जोरनहीं देते, को छोड़कर, सभी मामलोंमें जीवन व्यापारया सामान्य व्यापारके लिए एक कवर कीमंजूरी के लिएप्रस्ताव, का एक लिखितप्रमाण होना चाहिए।बीमाकर्ता का यहकर्त्तव्य है किवह बीमाकृत कोप्रस्ताव की स्वीकृतिके30 दिन के भीतर, प्रस्तावकी एक प्रति निःशुल्कउपलब्ध करायेजाएँ।

(2)कवरकी मंजूरी के लिएप्रयुक्त प्रपत्रऔर दस्तावेज़, प्रत्येकमामले की परिस्थितिके आधार पर, भारतीयसंविधान के अन्तर्गतमान्यता प्राप्तभाषा में उपलब्धकराये।

(3)प्रस्तावफाइल करने के लिएसंभावित ग्राहकअधिनियम की धारा 45 के प्रावधानोंसे मार्गदर्शनप्राप्त करे। जीवनसुरक्षा की मंजूरीके लिए सूचना माँगनेवाले प्रस्तावमें प्रमुख रूपसे,अधिनियमकी आवश्यक्ताओंका उल्लेख करे।

(4)जहाँप्रस्ताव पत्रका प्रयोग नहींकिया जाता है, बीमाकर्तामौखिक या लिखितरूप से प्राप्तजानकारी दर्ज करेगाऔर उसके 15 दिन के भीतरप्रस्तावकर्तासे उसकी पुष्टिकरेगा और कवर नोटया पालिसी मेंवह जानकारी शामिलकरेगा। इस प्रकाररिकार्ड नहीं कीगई। किसी जानकारीके संबंध में प्रमाणकी जिम्मेदारीतब बीमाकर्ता कीहोगी, जबबीमाकर्ता यह दावाकरता है कि प्रस्तावकर्ताने कोई महत्वपूर्णजानकारी छिपाईहै या कवर की मंजूरीके लिए महत्वपूर्णमामले में गुमारहकरने वाली या झूठीजानकारी दी है।

(5)जहाँकहीं भी अधिक नियमकी शर्तों या पालिसीकी शर्तों के अनुसारप्रस्तावकर्ताका नामांकन कालाभ उपलब्ध है; वहाँ बीमाकर्ताइसकी ओर प्रस्तावकर्ताका ध्यान आकर्षितकरे और इस सुविधाका लाभ उठाने केलिए उसको प्रोत्साहितकरे।

(6)बीमाकर्ताद्वारा प्रस्तावोंको तेज़ी और दक्षतासे संसाधित कियाजाए और उसके सभीनिर्णयों को बीमाकर्ताद्वारा प्रस्तावोंकी प्राप्ति के 15 दिनोंके भीतर उसके सभीनिर्णयों को लिखितरूप से सूचित करे।

 

5.शिकायतनिवारण क्रियाविधि

प्रत्येकबीमाकर्ता के पास, पालिसीधारकोंकी फरियाद या शिकायतोंका दक्षता और तीव्रतासे समाधान करनेकी उचित क्रियाविधिऔर प्रभावशालीव्यवस्था हो औरइसके साथ बीमालोकपाल के संबंधोंमें जानकारी यदिज़रूरी हो, पालिसीदस्तावेज के साथ, पालिसीधारकको सूचित की जाए।

6.जीवनबीमा पालिसी मेंकहे जाने वालेमामले

(1)जीवनबीमा पालिसी मेंयह स्पष्ट रूपसे कहा जाय;

पालिसीको चलाने वालेप्लान का नाम, उसके नियमएवं शर्तें:

क्या वहलाभ में भाग लेरही है या नहीं; लाभ, जैसीनकदी बोनस, आस्थगितबोनस, साधारणया चक्रवर्ती प्रत्यावर्तीबोनस; में भाग लेनेका आधार:

लाभदेयया आकस्मिक व्यय, जिसके आधारपर ये देय हैं औरबीमा संविदा केअन्य नियम व शर्तें;

-मुख्यपालिसी से जुड़नेवाले राइडरों काविववण;

-जोखिमके आरंभ होने कीतिथि और परिपक्वतातिथि या तिथि(याँ) जब लाभदेयहैं;

प्रीमियमदेय,भुगतानकी आवधिकिता, प्रीमियमके भुगतान के लिएनियत अनुग्रह तिथि, प्रीमियमकी अन्तिम किश्तकी तिथि; प्रीमियम (मों) के भुगतानको रोकने का निहितार्थऔर गारंटीकृत अभ्यर्पणमूल्य के प्रावधान।

-प्रवेशकी आयु और क्यावह मान ली गई है;

-() प्रदत्तपालिसी में पालिसीके रूपांतरण () अभ्यर्पण () गैर-जब्ती और(घ)कालातीत पालिसियोंका पुनर्जीवनके लिए पालिसीकी शर्तें;

-मुख्यपालिसी और उनकेराइडरोंदोनों के संबंधमें कवर के दायरेसेआकस्मिक खर्च शामिलनहीं किये गयेहैं;

-पालिसीके नामांकन हस्तान्तरणऔर उसकी प्रतिभूतिपर ऋण के संबंधसे प्रावधान औरएक वक्तव्य किऐसी ऋण राशि परदेय ब्याज की दर, ऋण लेतेसमय बीमाकर्ताद्वारा निर्धारितदर होगी;

-कोईविशेष धाराएँ याशर्तें, जैसे प्रथमगर्भावस्था धारा, आत्महत्याधारा, इत्यादि; और बीमाकर्ताका पता जिस पर पालिसीके संबंध में सारापत्रचार किया जाएगा, पालिसीके अन्तर्गत दावेके समर्थन मेंदावेदार से सामान्यतयाजो दस्तावेज प्रस्तुतकिये जाने अपेक्षितहैं।

2.बीमाकृतकी पालिसी अग्रेषितकरते हुए, विनियम 6(1) के अनुसरणमें बीमाकर्तापालिसी अग्रेषण-पत्र मेंसूचित करे कि बीमाकृतपालिसी दस्तावेजकी प्राप्ति सेपंद्रह दिन केभीतर पालिसी केनियमों व शर्तोंकी समीक्षा करेऔर जहाँ बीमाकृतउन नियमों व शर्तोंसे असहमत हो तोआपत्ति का कारणदेते हुए वह पालिसीलौटा सकता है, तब वह प्रीमियमकी वापसी का हकदारहोगा, बशर्तेकेवल कवर की अवधिके लिए आनुपातिकजोखिम प्रीमियमऔर बीमाकर्ता द्वाराप्रस्तावकर्ताकी चिकित्सा परीक्षापर हुए खर्च औरस्टैम्प डयूटीप्रभार पर उपचितखर्च घटाएँ जाएँगे।

3.यूनिटलिंक्ड पालिसीके संबंध में, इस विनियमके उपनियम (2) के अन्तर्गतकटौतियों के अतिरिक्त, बीमाकर्ता, पालिसीको रद्द करने कीतिथि को यूनिटोंकी कीमत पर यूनिटपुनः खरीदने काहकदार होगा।

4.कवरके संबंध में, जहाँ प्रीमियमप्रभार उम्र परआधारित हैं, बीमाकर्तासुनिश्चित करेगाकि पालिसी दस्तावेजजारी करने से पूर्वउम्र प्रविष्टकर दी जाए, यदि पालिसीजारी किये जानेतक उम्र प्रविष्टनहीं गई है तो बीमाकर्ताउम्र का प्रमाण-प्राप्तकरने की कोशिशकरेगा और उम्रप्रविष्ट करेगा।

सामान्यबीमा पालिसी मेंकही जाने वालीबातें

(1)         सामान्यबीमा पालिसी स्पष्टकरेगी;

बीमाकृतव्यक्ति/व्यक्तियों औरकिसी/ किन्हींबैंक /कों या किसीअन्य व्यक्ति,जिसकी बीमा केविषय में वित्तीयरुचि है का/के नाम औरपता/पते

बीमाकृतसंपत्ति या हितका पूर्ण विवरण:

पालिसीके अन्तर्गत, बीमाकृतसंपत्ति या हितका/के स्थान/नों और

जहाँउपयुक्त हो, संबंधितबीमाकृत मूल्य;

बीमाको अवधि;

बीमाकृतराशियां,

जोखिमकवर किया गया औरकवर नहीं कियागया,

कोईफ्रन्चाइसी याकटौतियोग्य, प्रयोज्य;

प्रीमियमदेय और जहाँ प्रीमियम, समायोजनकी शर्त पर अन्तरिमहै,प्रीमियमके समायोजन केआधार का उल्लेखकिया जाए;

-पालिसीकी अवधि, शर्तेंऔर वारंटियाँ;

आकस्मिकताके होने पर जो पालिसीके अन्तर्गत दावेमें वृद्धि करसकती है, बीमाकृतद्वारा की जानेवाली कार्रवाही;

-ऐसीघटना के होने परजिससे दावे मेंवृद्धि होती हैबीमा विषय के मामलेमें बीमाकृत कादायित्व और इनपरिस्थितियोंमें बीमाकर्ताके अधिकार

-पालिसीसे संलग्न कोईविशेष शर्तें ;

-मिथ्यानिरूपण, प्रवंचना, महत्वपूर्णजानकारी का खुलासान करना, या बीमाकृतद्वारा असहयोगके आधार पर पालिसीरद्द करने के संबंधमें प्रावधान

-बीमासंविदा के संबंधमें सभी पत्राचारकरने/भेजनेके लिए बीमाकर्ताका पता जहाँ पत्रभेजा जाना चाहिए;

-पालिसीसे संलग्न राइडरोंका विवरण,

-पालिसीसंबंधी सेवा प्रदानकरने के लिए बीमाकर्ताद्वारा पालिसीधारक से चाही जानेवाली जानकारी काप्रपत्र;

2.प्रत्येकबीमाकर्ता, पालिसीकी शर्तों के अनुसारउत्पन्न होने वालादावा दायर करनेके संबंध में बीमाकृतद्वारा पूरी कीजाने वाली शर्तोंके संबंध में औरबीमाकर्ता दावेका शीघ्र निपटानकर सके, उसके द्वाराअपनायी जाने वालीक्रियाविधियोंके संबंध मेंबीमाकृत को सूचितकरेगा और समय-समय पर सूचितकरता रहेगा;

8.जीवनबीमा पालिसी केसंबंध में दावोंकी क्रियाविधि

(1)जीवनबीमा पालिसी मेंउन प्राथमिक दस्तावेजोंका उल्लेख होगाजो,दावेदारद्वारा किसी दावेके समर्थन मेंसामान्य रूप सेप्रस्तुत कियेजाने चाहिए।

(2)जीवनबीमा कंपनी, दावा प्राप्तहोने पर अविलंबदावे को संसाधितकरेगी। कोई सवालया अतिरिक्त दस्तावेजोंकी आवश्यकताकी मांग यथासंभव, दावा प्राप्तहोने के 15 दिन के भीतरसभी एक साथ न कि, एक-एक करकेकिये जाएँगे।

3.जीवनबीमा पालिसी केअन्तर्गत दावेका सभी प्रासंगिकदस्तावेजों औरअपेक्षित स्पष्टीकरणके प्राप्त होनेके30 दिनके भीतर भुगतानकर दिया जाएगाया सभी प्रासंगिककारण देते हुएविवादग्रस्त करारकर दिया जाएगा।फिर भी, जहाँ किसीदावे की परिस्थितियोंके अनुसार बीमाकंपनी की राय मेंजाँच-पड़तालज़रूरी है, वहाँ जाँच-पड़तालशुरू करेगी औरउस जाँच-पड़तालको यथाशीघ्र पूराकरेगी। जहाँ बीमाकंपनी की राय मेंदावे की परिस्थितियोँके अनुसार जाँच-पड़ताल आवश्यकसमझती है वहाँजाँच-पड़तालशुरू करेगी औरयथाशीघ्र समाप्तकरेगी, किसी भीस्थिति में, दावा दायरकरने के समय सेछः महीने से अधिकसमय नहींलिया जायेगा।

4.अधिनियमकी धारा 47 के प्रावधानोंके अधीन जहाँ दावाभुगतान के लिएतैयार है, लेकिन भुगतान, आदाता कीउचित पहचान संबंधीकिसी कारण से नहींकिया जा सकता, जीवन बीमकर्ताआदाता के लाभ केलिए वह राशि अपनेपास रख सकत है औरवह राशि किसी भीअनुसूचित बैंकके बचत बैंक खातेपर लागू ब्याजदर पर ब्याज अर्जितकरेगी।

(सभी दस्तावेजऔर जानकारी प्रस्तुतकिये जाने के 30दिन के बादसेप्रभावी)

5.बीमाकर्ताद्वारा दावे कोसंसाधित करने मेंजहाँ उपनियत (4) में शामिलकारणों से भिन्नकिसी कारण से विलंबहोता है वहाँ जीवनबीमा कंपनी को, दावा राशिपर,जिसवित्तीय् वर्षमें उसकी ओर सेदावे की समीक्षाकी गई, उसकेआरंभ में लागूबैंक दर से 2% अधिक दरपर दावा राशि परब्याज का भुगतानकरना होगा।

9.सामान्यबीमा पालिसी केसंबंध में दावेकी क्रियाविधि

(1)बीमाकृतया दावेदार को, बीमा संविदाके अन्तर्गत होनेवाली किसी हानिकी सूचना बीमाकर्ताको यथाशीघ्र याबीमाकर्ता द्वारानियत विस्तारितसमय के भीतर देनीहोगी। ऐसी जानकारीमिलने पर सामान्यबीमाकर्ता तुरंतउत्तर देगा औरबीमाकृत को उसक्रियाविधि कीस्पष्ट जानकारीदेगा जिसका उसकोपालन करना है।यदि हानि/दावे काआकलन करने के लिएसर्वेयर की नियुक्तिकी जानी है, तो वह बीमाकृतसे सूचना मिलनेके72 घंटोंके भीतर की जानीचाहिए।

2.जहाँबीमाकृत सर्वेकर्ताको अपेक्षित सारीजानकारी देने मेंअसमर्थ है या जहाँसर्वेयर को बीमाकृतसे पूर्ण सहयोगप्राप्त नहीं होताहै,बीमाकर्ताया सर्वेकर्ताजैसी भी स्थितिहै,बीमाकृतको यह लिखित रूपसे सूचित करेगाकि इससे दावे केमूल्यांकन मेंविलंब हो सकताहै ।

हानिका मूल्यांकन करतेसमय सर्वेयर कोप्राधिकरण द्वारानिर्धारित आचारसंहिताका पालन करना होगा।और अपने जाँच परिणाम, अपनी नियुक्तिसे30दिनके भीतर, यदि वह चाहेतो,रिपोर्टकी एक प्रति बीमाकृतको भेजते हुए बीमाकर्ताको सूचित करे,जहाँ मामलेकी विशेष परिस्थितियों, इसकी विशेषया जटिल प्रकृति की बजह सेसर्वेकर्ता बीमाकृतकी जानकारी केतहत,अपनीरिपोर्ट प्रस्तुतकरने के लिए अधिकसमय की माँग करसकता है। किसीभी स्थिति में, सर्वेयरअपनी रिपोर्ट प्रस्तुतकरने के लिए बीमाकर्तासे छः महीने सेअधिक समय की माँगनहीं कर सकता।

(3)यदिकोई बीमाकर्ता, सर्वे रिपोर्टप्राप्त होने पर, यह पाताहै कि वह किसी वजहसे अधूरी है तो, वह, बीमाकृतकी जानकारी में, सर्वेकर्तासे बीमाकर्ता द्वारायथापेक्षित रूपसे,विशेषमुद्दों पर अतिरिक्तरिपोर्ट प्रस्तुतकरने की माँग करेगा।ऐसा अनुरोध बीमाकर्ताद्वारा मूल सर्वेरिपोर्ट प्राप्तहोने के 15 दिन के भीतरकरना होगा।

बशर्ते, बीमाकर्ताद्वारा अतिरिक्तरिपोर्ट मंगवानेकी सुविधा का इस्तेमाल, एक दावेके मामले में एकबार से ज्यादानहीं किया जा सकता।

(4)सर्वेकर्तायह पत्र प्राप्तकरने के बाद अतिरिक्तरिपोर्ट, बीमाकर्तासे पत्र प्राप्तहोने की तारीखसे तीन सप्ताहके भीतर प्रस्तुतकरेगा।

(5)सर्वेरिपोर्ट या अतिरिक्तरिपोर्ट प्राप्तहोने के पर, जैसी भीस्थिति हो, बीमाकर्ता 30दिन के भीतरबीमाकृत को दावेके निपटान काप्रस्ताव करेगा।यदि बीमाकर्ता, किसी भीकारण से जो, लिखित रूपसे रिकार्ड कीजाए और बीमाकृतको सूचित की जातीहै,पालिसीके तहत दावे कोनिरस्त करता है, तो उसकोऐसा सर्वे रिपोर्टया अतिरिक्त सर्वेरिपोर्ट ,जैसीभी स्थिति हो कीप्राप्ति के 30 दिन केभीतर करना होगा।

(6)बीमाकृतद्वारा निपटारेके प्रस्ताव कोस्वीकार करने केबाद जैसा कि उपविनियम (5) में उल्लेखकिया गया है, देय राशिका भुगतान बीमाकृतद्वारा प्रस्तावस्वीकार करने कीतिथि से 7 दिन के भीतरकर दिया जाएगा।

भुगतानमें विलंब के मामलोंमें बीमाकृत कोबीमाकृत द्वारादावा राशि पर, जिस वित्तीयवर्ष में दावेकी समीक्षा कीगई उसके आरंभ से, लागू बैंकदर से 2ज्ञ्अधिक दर से ब्याजका भुगतान करनाहोगा।

10.पालिसीधारकोंका सेवा प्रदानकरना

(1)जीवनया सामान्य बीमाव्यापार करने वालेबीमाकर्ता को, जैसी भीस्थिति हो, पालिसीधारकसे प्राप्त होनेवाले किसी पत्राचारका उत्तर, निम्नलिखितसभी मामलों में, पत्र कीप्राप्ति के 10 दिन केभीतर देना होगा, जैसे :

-पतेमें बदलाव दर्जकरना

-पालिसीके अन्तर्गत नामांकनमें बदलाव या नयानामांकन दर्ज करना।

-पालिसीपर अमिहस्तांकनदर्ज करना

-पालिसीकी वर्तमान स्थितिके संबंध में जानकारीदेना जैसे उपचितब्याज, अभ्यर्पणमूल्य, ऋण की पात्रताजैसे विषयों कोदर्शाना

-पालिसीप्रतिभूति पर कागज़ोंको संसांधित करनाऔर ऋण का संवितरणकरना

-पालिसीकी प्रति लिपिजारी करना

-पालिसीके अन्तर्गत पृष्ठांकनजारी करना, ब्याज मेंपरिवर्तन या बीमाकृतराशि, बीमाकृतजोखिम, बैंक कीवित्तीय हित (रुचि) और अन्यहित नोट करना;

और

-दावापंजीकृत करने कीक्रियाविधि केसंबंध में मार्गदर्शनऔर उनका शीघ्रनिपटान

11.सामान्य

1.इनविनियमों के अन्तर्गतप्रस्ताव या पालिसीके संबंध में बीमाकर्ताऔर बीमाकृत दोनोंको`महत्वपूर्णजानकारी~ का खुलासाकरने की शर्तें;

2.पालिसीधारकयदि बीमाकर्ताको आवश्यकता होतो,अभियोजनकी कार्रवाही मेंया तृतीय पक्षसे बीमाकर्ता कोदावों की वसूलीके मामले में सहायताकरेगा,

3.पालिसीधारकको बीमाकर्ता द्वाराउससे माँगी गईसारी जानकारी देनाहोगा और कोई अन्यजानकारी भी जिसका, बीमाकर्ताके अनुसार पालिसीद्वारा कवर कियेगये जोखिम पर असरहोता है और जोखिमका मूल्यांकन करनेमें बीमाकर्ताके लिए सहायक है।

4. बीमाकर्ताया बीमा एजेंटया बीमा मध्यस्थद्वारा इन विनियमोंके अन्तर्गत अपनेदायित्वों का उल्लंघनकिये जाने पर प्राधिकरणद्वारा प्रत्येकया सभी के विरुद्ध, संयुक्तरूप से यो पृथकरूप से, अधिनियमऔर/या बीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरणअधिनियम 1999 के अन्तर्गतकार्रवाही शुरूकी जाएगी।

  • Download


  • file icon

    Schedule for the period Jan~05 - June~05.pdf

    २२० KB